अगम अगोचर गमि नहीं हिंदी मीनिंग कबीर के दोहे

अगम अगोचर गमि नहीं Agam Agochar Gami Nahi Meaning Kabir Ke Dohe Arth Sahit

 
अगम अगोचर गमि नहीं, तहां जगमगै जोति।
जहाँ कबीरा बंदिगी, तहां पाप पुन्य नहीं छोति॥

Agam Agodhar Gami Nahi, Taha Jagmage Joti,
Jaha Kabira Bandigi, Jaha Paap Puny Nahi Chhoti.
 
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कबीर साखी / दोहा के शब्दार्थ Kabir Doha/Sakhi Ke Shabdaarth Hindi

  • अगम- जो अगम्य है,
  • अगोचर- इश्वर अगोचर है, जिसे देखा नहीं
  • गमि नहीं - जिस तक पंहुच नहीं है.
  • तहां जगमगै जोति-अखंड प्रकाश, ज्योति.
  • तहां पाप पुन्य- जहाँ पर पाप पुन्य कुछ भी नहीं है.
  • जहाँ कबीरा बंदिगी-उस स्थान पर कबीर साहेब वंदन करते हैं.
  • छोति-भेदभाव.

कबीर साखी/दोहा हिंदी मीनिंग Kabir Sakhi/Doha Hindi Meaning.

कबीर साहेब कहते हैं की उस परम पूर्ण ब्रह्म की ज्योति प्रकाशित है. वह अगम और अगोचर है. वहाँ तक पंहुच सुलभ नहीं है. कबीर साहेब ऐसी ज्योति को प्रणाम करते हैं जहाँ पर कोई छुआछूत और भेदभाव नहीं है, और नाहीं कोई पाप पुन्य ही है. उस अखंड प्रकाश तक किसी की पहुँच नहीं होती है. वह अगम्य है,  सुलभ नहीं है. पूर्ण परम ब्रह्म सांसारिक अनुभूतियों से भिन्न है. कबीर साहेब की इस साखी का भाव अत्यंत ही गहरा है. 
 
पूर्ण ब्रह्म को प्रकाश का पुंज कहकर वे यह बताते हैं की पूर्ण ब्रह्म का प्रकाश सुलभ नहीं है. भक्ति की पराकाष्ठा पर पहुँचने पर ही वह उस प्रकाश को प्राप्त कर पाता है.  वह अगम्य और अगोचर है. ऐसे मालिक के पास कोई भेदभाव और छुआछूत नहीं है. वहां पाप पुन्य का भी कोई भेद नहीं है. वह समस्त सांसारिक परिभाषाओं से परे है. 
 
उसे प्राप्त करना अत्यंत ही कठिन होने के साथ ही अत्यंत ही सहज भी होता है.  व्यक्ति अपनी सुविधा के अनुसार विभिन्न रूप, आकार-प्रकार और स्थानों पर ढूंढ़ता रहता है.  अनेकों स्थान विशेष को उससे जोड़कर देखता है लेकिन वह तो सर्वव्याप्त है. उसका कोई एक निश्चित ठिकाना नहीं है. 
 
वह सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड का स्वामी होकर भी किसी एक विशेष जगह के अधीन नहीं है. कण कण में उसका वास है. तो उस पूर्ण ब्रह्म को कैसे प्राप्त किया जाए ? उसे प्राप्त करने के लिए किसी सांसारिक जतन, क्रियाविधि की आवश्यकता नहीं पड़ती है. सहज ही उसे प्राप्त किया जा सकता है जिसका उल्लेख साहेब ने अनेकों स्थान पर किया है. 

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3 टिप्पणियां

  1. Ssddffdcvvvggfds
  2. अगमय के मतलब
  3. ऐसा स्थान जहाँ पर पहुचना कठिन है.