इन पंक्तियों में भगवान् श्री कृष्ण जो विष्णु जी के अवतार हैं उनको उनकी लीलाओं के आधार पर विभिन्न नामों से पुकारा गया है। श्री कृष्ण को ही अच्युत कहा गया है जो अपने स्थान पर अटल है, च्युत नहीं हुआ है। केशव, कृष्ण राम नारायण का अर्थ भगवान् श्री विष्णु जी हैं क्योंकि कृष्ण और राम उन्ही के अवतार हैं। इस भजन के शब्दों का अर्थ निचे दिया गया है।
अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं, राम नारायणं जानकी बल्लभम।
अच्युत – जो अपने स्थान पर सदा बना रहता हो, अपने स्थान से गिरा हुआ ना तो, अटल और शक्तिशाली।
केशवं – केशव को (श्री कृष्णा) केशव का अर्थ भगवान श्री कृष्ण जी से लिया जाता है। एक तो भगवान् श्री कृष्ण जी के बाल घुंघराले थे और दूसरा उन्होंने "केशी" राक्षश का वध किया था इसी लिए भगवान् कृष्ण को "केशव" कहा गया है।
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राम नारायणं – राम-नारायण को, भगवान् राम जो किसी भी प्रकार से दोष (blemish -दाग़ या धब्बा, कलंकित, बुराइयों ) से दूर हैं।
कृष्ण-दामोदरं कृष्ण को, दामोदर को दामोदर : जिसको उदर से दाम से बाँधा गया है। श्री कृष्ण जी जो भगवान विष्णु जी अवतार हैं को विभिन्न नामों से पुकारा गया है। श्री कृष्ण जो सभी को अपने और आकृष्ट करते हैं। राम नारायणं : भगवान् श्री विष्णु, श्री राम सभी भगवान श्री विष्णु जी के रूप हैं। कृष्ण दामोदरं : भगवान श्री कृष्ण को। दामोदर जिनका पेट रस्सी से बाँध दिया गया था, भगवान श्री कृष्ण बचपन में अनेकों शैतानिया करते थे जिसके कारण उनका पेट रस्सी से बाँध दिया गया था।
वासुदेव : भगवान श्री कृष्ण जो वासुदेव जी के पुत्र हैं। हारिम् : भगवान विष्णु जी को हरी कहा गया है। माधवं : महालक्ष्मी के स्वामी, भगवान श्री विष्णु। श्रीधरम् : श्रीधर को। जो अपने छाती पर " श्री " को धारण करते हैं। माधवं : भगवान् श्री कृष्ण जी का ही नाम माधव है। गोपिकावल्लभ : जो गोपियों का प्रेमी है, श्री कृष्ण। जानकी नायकं : जो जानकी का नायक है, भगवान श्री राम। रामचंद्रम : भगवान श्री राम, श्री राम चंद्र जी। भजे : भजन करें, आराधना करें।
अच्युतम केशवं कृष्ण दामोदरं राम नारायणं जानकी वल्लभं
अच्युतम केशवं कृष्ण दामोदरं, राम नारायणं जानकी वल्लभं || कौन कहता है भगवान आते नहीं, तुम मीरा के जैसे बुलाते नहीं | अच्युतम केशवं कृष्ण दामोदरं, राम नारायणं जानकी वल्लभं || कौन कहता है भगवान खाते नहीं, बेर शबरी के जैसे खिलाते नहीं | अच्युतम केशवं कृष्ण दामोदरं, राम नारायणं जानकी वल्लभं || कौन कहता है भगवान सोते नहीं, माँ यशोदा के जैसे सुलाते नहीं | अच्युतम केशवं कृष्ण दामोदरं, राम नारायणं जानकी वल्लभं || कौन कहता है भगवान नाचते नहीं, तुम गोपी के जैसे नचाते नहीं | अच्युतम केशवं कृष्ण दामोदरं, राम नारायणं जानकी वल्लभं || कौन कहता है भगवान नचाते नहीं, गोपियों की तरह तुम नाचते नहीं | अच्युतम केशवं कृष्ण दामोदरं, राम नारायणं जानकी वल्लभं || अच्युतम केशवं कृष्ण दामोदरं, राम नारायणं जानकी वल्लभं ||
अच्युतम्: अच्युत का अर्थ है "अचल" या "अटल", जो कभी अपने स्थान से नहीं हिलता, सदा अडिग और अविनाशी है। यह नाम भगवान की स्थिरता और निष्ठा का प्रतीक है। केशवम्: केशव का अर्थ है "सुंदर केशों वाले" या "जिसने केशी नामक राक्षस का वध किया"। यह नाम भगवान की सुंदरता और उनके दुष्टों पर विजय को दर्शाता है। कृष्ण: कृष्ण का अर्थ है "कृष्ण रंग का" या "अत्यंत आकर्षक"। कृष्ण नाम भगवान के उस रूप का प्रतीक है जो प्रेम, करुणा, और आस्था का आधार है। दामोदर: दामोदर का अर्थ है "जिसके कमर में माता यशोदा ने रस्सी बांधी थी"। यह नाम भगवान की बाल-लीलाओं और उनके माता यशोदा के प्रति प्रेम को दर्शाता है। राम: राम का अर्थ है "जो आनंद देता है"। यह नाम विष्णु जी के रामावतार को इंगित करता है, जिसमें वे धर्म की स्थापना के लिए अवतरित हुए थे। नारायण: नारायण का अर्थ है "जो सभी प्राणियों का आधार है"। यह भगवान की समस्त सृष्टि में व्याप्तता को दर्शाता है। जानकी बल्लभ: यह नाम भगवान राम को इंगित करता है, जो सीता (जानकी) के प्रिय हैं। यह नाम उनके विवाह के संबंध को दिखाता है। वासुदेव: वासुदेव का अर्थ है "वासुदेव (कृष्ण के पिता) के पुत्र"। यह नाम उनके जन्म के आधार पर है। हरि: हरि का अर्थ है "जो सब दुखों को हर लेता है"। यह नाम भगवान की कृपा और उनकी भक्तों पर अनुग्रह को दर्शाता है। श्रीधर: श्रीधर का अर्थ है "जो लक्ष्मी (श्री) के पति हैं"। यह भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी के बीच संबंध को दिखाता है। माधव: माधव का अर्थ है "मांधाता के वंशज" या "मधुर स्वभाव वाले"। यह नाम भगवान की मधुरता और उनके प्रेमस्वरूप को दर्शाता है। गोपिकावल्लभ: गोपिकावल्लभ का अर्थ है "गोपियों के प्रिय"। यह नाम भगवान के गोपियों के साथ रासलीला का प्रतीक है, जो प्रेम, भक्ति और समर्पण का स्वरूप है। रामचंद्र: रामचंद्र का अर्थ है "राम, जो चंद्र के समान शीतल और प्रिय हैं"। यह भगवान के शांत और करुणामय रूप को दर्शाता है।
दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं एक विशेषज्ञ के रूप में रोचक जानकारियों और टिप्स साझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें।