तू मन की अति भोरी ओ मैया मोरी

तू मन की अति भोरी ओ मैया मोरी


तू मन की अति भोरी ओ मैया मोरी,
तू मन की अति भोरी।
जा को घर भरियो दही-माखन सूँ,
वो क्यों करन लग्यो चोरी?
ओ मैया मोरी, तू मन की अति भोरी…

ना काहू को माखन खायो,
ना कोई मटकी फोड़ी।
मोरे मुख माखन मल के रे सन्मुख,
लाई अहीर की छोरी!
ओ मैया मोरी, तू मन की अति भोरी…

दिन-दिन भर में तो धेनु चरावत,
करत चाकरी तोरी।
फिर ऊपर से वाकी सुनत है,
झूठी कहानी जोड़ी…
ओ मैया मोरी, तू मन की अति भोरी…


Tu Man Ki Ati Bhori | Video Song | Gopaal Krishna | Rita Bhaduri | Janmashtami Songs

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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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