सांवरो कन्हैया मेरो मन में वसो है

सांवरो कन्हैया मेरो मन में वसो है


सांवरा कन्हैया, मेरे मन में वास करो,
मुरली बजाने वाले, मन में निवास करो।
मन में वास करो कान्हा, तन में वास करो,
काला कन्हैया, मेरे मन में वास करो।
तीखी नज़रों वाले, मन में निवास करो,
माखन चुराने वाले, मन में निवास करो।
सांवरा कन्हैया, मेरे मन में वास करो।

यमुना किनारे बैठ, मुरली मधुर बजाते,
गोपियों संग रास रचाते, प्रेम रस बरसाते।
मीठी-मीठी तान सुनाकर, सबका मन हरे,
पीतांबर पहनने वाले, मन में वास करें।
सांवरा कन्हैया, मेरे मन में वास करो।

गोकुल नगरी में माखन चुराया,
वृंदावन में रास रचाया।
मथुरा नगरी को धीरज बंधाया,
धेनु चराने वाले, मन में वास करें।
मधुबन को रिझाने वाले, मन में वास करें।
सांवरा कन्हैया, मेरे मन में वास करो।


Sanwaro Kanhaiya Mero - Sargam Srivastava | Audio | Krishna Bhajan | Sanskar Bhajan

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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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