ये देख तमाशा जग का भीतर से दुख पाऊं

ये देख तमाशा जग का भीतर से दुख पाऊं

ये देख तमाशा जग का,
भीतर से दुख पाऊं,
मेरा दिल करता है श्याम को,
मैं घर पे ले आऊं,
मेरा दिल करता है श्याम को,
मैं घर पे ले आऊं।।

तुझे अपने पास बिठाकर,
रख लूं मैं तुम्हें छिपाकर,
मतलब से भरी निगाहें,
ना देखें नज़र उठाकर,
बस तू हो, मैं हूं बाबा,
मैं भजन तेरे गाऊं,
मेरा दिल करता है श्याम को,
मैं घर पे ले आऊं।।

जो चमत्कार को तेरे,
ये नमस्कार करते हैं,
व्यापार करें वो बाबा,
नहीं तुमसे प्यार करते हैं,
मैं सेवा करूंगा तेरी,
तुमसे ना कुछ चाहूं,
मेरा दिल करता है श्याम को,
मैं घर पे ले आऊं।।

तू देना छोड़ दे बाबा,
ना भेज तू खर्चा घर का,
आते हैं लौट कर कितने,
फिर देख नज़ारा दर का,
हो जाऊं सचिन के बाबा,
कुछ ऐसा कर जाऊं,
मेरा दिल करता है श्याम को,
मैं घर पे ले आऊं।।

ये देख तमाशा जग का,
भीतर से दुख पाऊं,
मेरा दिल करता है श्याम को,
मैं घर पे ले आऊं,
मेरा दिल करता है श्याम को,
मैं घर पे ले आऊं।।


देख तमाशा जग का ! Dekh Tamasha Jag Ka ! Shyam Bhajan ! Vaishnavi Rai

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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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