बंसी बजदी ना श्याम तो बिना भजन

बंसी बजदी ना श्याम तो बिना भजन

बंसी बजदी ना श्याम तो बिना,
राधा नचदी ना बंसी तो बिना।।

गोकुल दे विच गौएँ चरावे,
गौएँ चरावे बछड़े चरावे,
ओ गौएँ चरदी ना बंसी तो बिना,
बंसी बजदी ना श्याम तो बिना।।

यमुना किनारे रास रचावे,
रास रचावे सखियाँ बुलावे,
ओ रास रचदी ना बंसी तो बिना,
बंसी बजदी ना श्याम तो बिना।।

नन्द गाँव में माखन चुरावे,
माखन चुरावे मटकीयाँ तोड़े,
ओ मटकी टूटदी ना श्याम तो बिना,
बंसी बजदी ना श्याम तो बिना।।



नटखट कन्हैया का बहुत ही अच्छा भजन‌बंसी वाले की जय ‌

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यमुना किनारे रास रचावे--२--
रास रचावे सखियां बुलावे--२--
ओ रास रचदी न बंसी तो बिना
ओ बंसी बजदी-----
 
Saroj Jangir Author Admin - Saroj Jangir

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