आंवला के फायदे आंवला के लड्डू आंवला केन्डी आंवला अचार आंवला चटनी Aavala (Gooseberry ) Benefits with Anvala Laddu, Kendi and Anvala Achar Benefits
आंवला क्या होता है What is Amla in Hindi
आयुर्वेद में आंवले को औषधीय गुणों का भंडार बताया गया। आंवला में अम्ल, क्षार, लवण, तिक्त, मधु और कषाय गुण एक साथ होते हैं। आंवले का उपयोग कई भाँती से किया जाता है। जहाँ आयुर्वेद में इससे औषधीय गुणों हेतु ओषधि का निर्माण किया जाता है वही दैनिक जीवन में आंवले का उपयोग आंवले के ज्यूस (Amala Juice), आंवले के अचार (Amla Pickle), आंवले की सब्जी (Amla Sabji), आंवले की केन्डी (Amla Kendy) आदि। आंवला में प्रचुर मात्रा में विटामिन, मिनरल, और न्यूट्रिएन्ट्स होते हैं जो हमारे शरीर के पोषण के लिए बहुत ही उपयोगी होते हैं। यदि विटामिन सी की बात हो तो आंवला इसका भंडार है। आंवला के इन्ही गुणों के कारण से आयुर्वेद में आंवला को अमृतफल या धात्रीफल कहा गया है। आंवले के ओषधिय गुणों की प्राप्ति के लिए इसका उपयोग ओषधि निर्माण हेतु वैदिक काल से ही किया जा रहा है।
श्लोक: आमलकी स्तन्यवर्धिनी बल्यारोगहरी तथा।
रसायनी च तत्त्वेभ्यो दशभिः कर्षते नरः॥
भावप्रकाश निघण्टु
अर्थ: आमलकी माँ का दूध बढ़ाती है, बाल-रोग हर्ता है तथा इसमें रसायन तत्त्वों की भरपूर मात्रा है ॥
आमलकं लघुकृत्य सदा स्यात् वायुजित् खादितः।
रुचिरं स्वादु सर्वेषामवयामो विवर्धति॥
भावप्रकाश निघण्टु
आमलकी को छोटा काटकर उसे वायु द्वारा सुखाया हुआ खाया जाता है। सभी रसों में स्वादिष्ट होती है और शरीर की शक्ति को बढ़ाती है॥
चक्षुष्यं फाल्गुनीत्येव सर्वात्मा विषयः स्मृतः।
तस्माद् आंवलकम् उच्यते नात्र कार्या विचारणा॥
आंवला शरीर के सभी अंगों के लिए बहुत उपयोगी होता है, इसलिए इसे सर्वात्मा विषयक स्मृति में फाल्गुनी नक्षत्र के समान बताया गया है।
सर्वान् आयुर्वेदवान् ह्यां रसायनम् उपजायते।
आंवलं रसायनं वै दीपनं कर्मणी स्थितम्॥
आंवला शरीर को रसायन देने वाला है इसलिए आंवला आयुर्वेद का सबसे महत्वपूर्ण रसायन माना जाता है।
रसायनी च तत्त्वेभ्यो दशभिः कर्षते नरः॥
भावप्रकाश निघण्टु
अर्थ: आमलकी माँ का दूध बढ़ाती है, बाल-रोग हर्ता है तथा इसमें रसायन तत्त्वों की भरपूर मात्रा है ॥
आमलकं लघुकृत्य सदा स्यात् वायुजित् खादितः।
रुचिरं स्वादु सर्वेषामवयामो विवर्धति॥
भावप्रकाश निघण्टु
आमलकी को छोटा काटकर उसे वायु द्वारा सुखाया हुआ खाया जाता है। सभी रसों में स्वादिष्ट होती है और शरीर की शक्ति को बढ़ाती है॥
चक्षुष्यं फाल्गुनीत्येव सर्वात्मा विषयः स्मृतः।
तस्माद् आंवलकम् उच्यते नात्र कार्या विचारणा॥
आंवला शरीर के सभी अंगों के लिए बहुत उपयोगी होता है, इसलिए इसे सर्वात्मा विषयक स्मृति में फाल्गुनी नक्षत्र के समान बताया गया है।
सर्वान् आयुर्वेदवान् ह्यां रसायनम् उपजायते।
आंवलं रसायनं वै दीपनं कर्मणी स्थितम्॥
आंवला शरीर को रसायन देने वाला है इसलिए आंवला आयुर्वेद का सबसे महत्वपूर्ण रसायन माना जाता है।
आंवले के फल के अलावा इस पेड़ की छाल, बीज और पत्तियों का उपयोग भी कई कार्यों में लिया जाता है। रसायन द्रव्यों में आंवला को श्रेष्ठ माना गया है। आंवला के विषय में हमें चरक संहिता और सुश्रुत संहिता से जानकारी मिलती है। वर्तमान में भी आंवले पर कई प्रकार के नवीन शोध जारी हैं जो इसके कई छुपे हुए गुणों से परिचय करवाते हैं। सामान्य रूप से आंवले के गुणों को पहचानकर हमारे घरों में ऋतू में इसकी सब्जी बनायीं जाती है और आंवले का मुरब्बा भी सेहत के लिए काम में लिया जाता है। आंवला भोजन भी है और आयुर्वेदिक दवा भी। इसका वनस्पति नाम एम्बलोका ऑफिजिनालिस या फ़िलेंथस इम्ब्लिका है। आंवला एक शक्तिशाली एंटी ऑक्सीडेंट हैं। आंवले का उपयोग विटामिन c के लिए प्रमुखता से उपयोग में लिया जाता है। आंवले का उपयोग मुख्यतया एंटी-एजिंग को रोकने, संक्रमण की रोकथाम के लिए, आँखों की रौशनी बढ़ाने के लिए, बालों को सेहतमंद करने के लिए, और पाचन तंत्र को सुधारने के लिए किया जाता है। आंवले से लिवर भी मजबूत होता है। अधिक पढ़ें : त्रिफला चूर्ण
Nutrient | Amount per 100g |
---|---|
Calories | 44 |
Protein | 0.9g |
Fat | 0.6g |
Carbohydrates | 10.2g |
Fiber | 4.3g |
Vitamin C | 600mg |
Iron | 1.2mg |
आंवले के वृक्ष के बारे में Aanvala Tree in Hindi
आँवला एक फल देने वाला वृक्ष है, इसके फल को ही हम आंवला के नाम से जानते हैं। आंवले के वृक्ष में दो बार फल लगते हैं। इसमें फ़रवरी से मई के दौरान फूल लगते हैं जो आगे चल कर अक्टूबर से अप्रैल तक फल बनाते हैं। जो आंवला आकार में बड़ा, बेदाग़ और हलकी-सी लाली लिए हुए हो, वह श्रेष्ठ माना जाता है। आंवला का वृक्ष करीब २० फीट से २५ फुट तक लंबा झारीय पौधा होता है। यह एशिया के अलावा यूरोप और अफ्रीका में भी पाया जाता है। आंवला का वानस्पतिक नाम (Scientific name of Amla) Phyllanthus emblica L. (पांईलैन्थस एम्बलिका) Syn-Emblicaofficinalis Gaertn है। यह Euphorbiaceae (यूफॉर्बियेसी) कुल से है। आंवले का अंग्रेजी नाम Emblicmyrobalan tree (एम्बलिक मायरोबालान ट्री) है। आंवले को कई अन्य नाम यथा संस्कृत में आंवला को अमृता, अमृतफल, आमलकी, पंचरसा इत्यादि, अंग्रेजी में 'एँब्लिक माइरीबालन' या इण्डियन गूजबेरी (Indian gooseberry) तथा लैटिन में 'फ़िलैंथस एँबेलिका' (Phyllanthus emblica) आदि नामों से भी जाना जाता है।
आंवला में पाए जाने वाले पोषक तत्व : आंवला में विटामिन C, विटामिन A, विटामिन B कॉम्प्लेक्स , पोटैशियम, कैलशियम, मैग्नीशियम, आयरन, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर और डाययूरेटिक एसिड पाए जाते हैं। विटामिन सी का भंडार होता है आंवला। एक अकेले आंवले में विटामिन सी की मात्रा 4 मौसमी और 8 टमाटर या 4 केले के बराबर हो सकती है। आंवले से हमें निम्न पोषक तत्वों की प्राप्ति होती है (लगभग )
आंवला में पाए जाने वाले पोषक तत्व : आंवला में विटामिन C, विटामिन A, विटामिन B कॉम्प्लेक्स , पोटैशियम, कैलशियम, मैग्नीशियम, आयरन, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर और डाययूरेटिक एसिड पाए जाते हैं। विटामिन सी का भंडार होता है आंवला। एक अकेले आंवले में विटामिन सी की मात्रा 4 मौसमी और 8 टमाटर या 4 केले के बराबर हो सकती है। आंवले से हमें निम्न पोषक तत्वों की प्राप्ति होती है (लगभग )
- प्रोटीन 0.5 %
- वसा 0.1 %
- रेशा 3.4 %
- खनिज द्रव्य 0.7 %
- कार्बोहाइड्रेट 14.1 %
- पानी 81.2 %
- विटामिन-"C” लगभग 1/2 ग्राम
- कैल्शियम 0.05 %
- फास्फोरस 0.02 %
- लोहा लगभग 1 ग्राम का 4 भाग/100 ग्रा
आंवले के फायदे लाभ Benefits of Amla in Hindi
आंवले के अनगिनत लाभ होते हैं जो ना केवल हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास करते हैं बल्कि शरीर का पोषण भी करते हैं।
रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास में आंवला के फायदे
आंवले के सेवन से हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है। आंवले में विटामिन सी पाया जाता है। विटामिन सी हमारे रक्षा पर प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है।
आंवला कब्ज रोधी है
दो से तीन आंवले के सेवन से हमारे शरीर का पाचन तंत्र स्वस्थ रहता है और कब्ज की समस्या नहीं होती हैं । आंवले में फाइबर की अच्छी मात्रा होती है अतः आंवला कब्ज रोधी है।
आंवला के फायदे मजबूत नाखून
आंवला के सेवन से हमारे शरीर में पोषक तत्वों की अवशोषण क्षमता बढ़ जाती है ।हमारे नाखून भी मजबूत हो जाते हैं।
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हृदय की मजबूती के लिए आंवला के फायदे
आंवला का सेवन हमारे हृदय के लिए भी बहुत आवश्यक है। नियमित रूप से आंवले का सेवन किया जाए तो हमारा हृदय स्वस्थ रहता है।
मेटाबॉलिज्म उपापचय क्रिया को सुचारू रखने के लिए :हमारे शरीर में बहुत क्रियाएँ होती हैं। आंवले के नियमित सेवन से हमारे शरीर की मेटाबॉलिज्म नियंत्रित रहती है । हमारी पाचनशक्ति स्वस्थ रहती है अतः इसका सेवन हमें आवश्यक रूप से करना चाहिए।
मेटाबॉलिज्म उपापचय क्रिया को सुचारू रखने के लिए :हमारे शरीर में बहुत क्रियाएँ होती हैं। आंवले के नियमित सेवन से हमारे शरीर की मेटाबॉलिज्म नियंत्रित रहती है । हमारी पाचनशक्ति स्वस्थ रहती है अतः इसका सेवन हमें आवश्यक रूप से करना चाहिए।
श्वसन के लिए आंवला के फायदे
आंवले में विटामिन सी की भरपूर मात्रा पाई जाती है अतः यह हमें मौसमी बीमारियों से दूर रखता है ।हमें श्वसन संबंधी जैसे गले में खराश , खांसी आदि नहीं होते हैं।
एंटी इन्फ्लेमेटरी आंवला के फायदे
आंवला एंटीइन्फ्लेमेटरी है। हमें इसका सेवन करना चाहिए इसके नियमित सेवन से हमारे मांसपेशियों को मजबूती मिलती है। मांसपेशियों से होने वाले रोगों से भी छुटकारा मिलता है।
रक्त शोधक आंवला के फायदे
आंवले को रक्त शोधक भी कहा गया है क्योंकि आंवले का सेवन करने से हमारे रक्त की शुद्धि होती है । नयी रक्त कोशिकाओं के बनने की दर भी बढ़ जाती है।
जोड़ों के दर्द आंवला के फायदे
आंवले के नियमित सेवन से हमारे शरीर में मांसपेशियां दर्द भी कम होता है। जोड़ों के दर्द की समस्या से भी निजात पाई जा सकती हैं। आंवले के सेवन से हमारे शरीर में वात नियंत्रित रहता है अतः जोड़ों के दर्द में कमी आती है।
जकड़न के लिए आंवला के फायदे
आंवला पोषक तत्वों से भरपूर है इसीलिए इसको अमृता भी कहा गया है। यह शरीर में होने वाले जकड़न से भी हमें दूर रखता है ।आंवला खाने के पश्चात हमें प्यास लगती हैं इसलिए हम पानी भी भरपूर मात्रा में पीते हैं। अतः शरीर में जकड़न की समस्या में भी कमी आती है।
अल्सर के लिए आंवला के फायदे
आजकल की भागमभाग में हम हमारे शरीर पर उचित ध्यान नहीं दे पाते हैं और कई बार गलत खान पान के कारण हमारे अल्सर हो जाता है । अल्सर होने पर अगर हम आंवले का सेवन किसी भी रूप में करते हैं जैसे कि आंवला कैंडी, आंवला मुरब्बा, आंवला की चटनी आंवला का जूस आदि तो हम अल्सर जैसी समस्या से मुक्ति पा सकते हैं।
वजन कम करने के लिए आंवला के फायदे
आंवला खाना हमारे वजन को नियंत्रित रखने में भी मददगार होता है। आंवलाके सेवन से हम पानी अधिक पीते हैं । हमें भूख की का एहसास नहीं होता है और कैलोरी कम होने की वजह से हमारे शरीर का वजन नियंत्रित रहता है।
शरीर से विषाक्त पदार्थ बाहर निकालने में आंवला के फायदे
शरीर में बहुत से टॉक्सिक पदार्थ होते हैं। हमारे शरीर को विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालना होता है।जब हम पानी ज्यादा पीते हैं तो यूरिन के द्वारा हमारे शरीर से बहुत से विषाक्त पदार्थ बाहर निकल जाते हैं ।अतः में आंवले का सेवन करना चाहिए और ज्यादा पानी पीना चाहिए।
दस्त ( डाइरीया): दस्त की समस्या के समय आंवले के जूस का सेवन किया जाए तो दस्त से जल्दी ही छुटकारा मिलता है।
दस्त ( डाइरीया): दस्त की समस्या के समय आंवले के जूस का सेवन किया जाए तो दस्त से जल्दी ही छुटकारा मिलता है।
आंखों की तेज रोशनी के लिए में आंवला के फायदे
आंवले का सेवन हमारे नेत्र ज्योति को भी बढ़ाता है। विटामिन सी की भरपूर मात्रा होने की वजह से हमारी आंखों की रोशनी तेज होती है। हम अँधेरे में भी आसानी से देख सकते हैं ।आंवले के नियमित सेवन से हम अपनी आंखों का पुराने से पुराना चश्मा भी हटा सकते हैं।
चमकती त्वचा के लिए:आंवले में आयरन की मात्रा होती है एवं विटामिन सी भी होता है ।विटामिन सी आयरन के अवशोषण के लिए जिम्मेदार होता है। आयरन के अवशोषण के लिए हमें विटामिन सी खाना चाहिए। आंवले में विटामिन सी सबसे अधिक मात्रा में पाया जाता है। इसके सेवन से त्वचा चमकने लगती है।
चमकती त्वचा के लिए:आंवले में आयरन की मात्रा होती है एवं विटामिन सी भी होता है ।विटामिन सी आयरन के अवशोषण के लिए जिम्मेदार होता है। आयरन के अवशोषण के लिए हमें विटामिन सी खाना चाहिए। आंवले में विटामिन सी सबसे अधिक मात्रा में पाया जाता है। इसके सेवन से त्वचा चमकने लगती है।
बालों के लिए में आंवला के फायदे
काले ,चमकदार, सुंदर और मजबूत बालों के लिए आंवले का सेवन बहुत अच्छा रहता है। आंवले का जूस बालों में लगाकर 5 मिनट रखने के बाद उनको धो ले। ऐसा करने से असमय सफेद बाल होने की समस्या से बचा जा सकता है ।इससे बाल घने ,काले और मजबूत होते हैं।
सौंदर्य प्रसाधन बनाने के लिए: आधुनिक समय में सौंदर्य प्रसाधन बनाने के लिए आंवले का उपयोग किया जा रहा है। बहुत से फेस पैक में इसे उपयोग में लिया जाता है।
सौंदर्य प्रसाधन बनाने के लिए: आधुनिक समय में सौंदर्य प्रसाधन बनाने के लिए आंवले का उपयोग किया जा रहा है। बहुत से फेस पैक में इसे उपयोग में लिया जाता है।
एंटी एजिंग में आंवला के फायदे
आंवले में आयरन की मात्रा बहुत अधिक होती है । यह हमारे शरीर में बहुत से पोषक तत्वों के अवशोषण के लिए भी जिम्मेदार होता है ।इसलिए हमारी त्वचा को चमकदार बनाए रखता है।
एनीमिया खून की कमी को दूर करने के लिए: आयरन का सेवन हमारे शरीर में खून की कमी से बचाता है। खून की कमी से होने वाले बीमारी अर्थात एनीमिया से हमें बचाता है। हमें आंवले का सेवन अवश्य रूप से करना चाहिए।
स्मरण शक्ति बढ़ाने के लिए आंवला के फायदे
आंवले के सेवन से हमारी कोशिकाओं के बनने की दर बढ़ जाती है। रक्त कोशिकाएं अधिक होने की वजह से हमारे मस्तिष्क तक ऑक्सीजन की पर्याप्त मात्रा पहुंचती है। अतः हमारे स्मरण शक्ति का भी विकास होता है। छोटे बच्चों को आंवले का सेवन करवाना चाहिए ताकि उनकी स्मरण शक्ति बढ़ सके।
पाचन क्रिया में सहायकमें आंवला के फायदे
आंवले का सेवन हमारे पाचन तंत्र के लिए बहुत ही बढ़िया होता है। आंवले में अच्छी मात्रा में फाइबर पाया जाता है इसलिए यह हमारे आँतो के स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा होता है ।
डायबिटीज को नियंत्रित करने के लिए: आंवले का सेवन डायबिटीज को नियंत्रित रखने में भी मददगार होता है। डायबिटीज के व्यक्ति को आंवले का सेवन करना चाहिए। उसे आंवले के जूस का सेवन करना चाहिए। अगर वह आंवले का मुरब्बा खाता है तो उसे गुड से बना हुआ आंवले का मुरब्बा ही खाना चाहिए। आंवले जो की उच्च विटामिन सी सामग्री के कारण, मधुमेह को नियंत्रित करने में प्रभावी है। इसके रस का एक बड़ा चमचा एक कप करेले के रस में मिलाकर 2 महीने तक प्रतिदिन लेने से अग्न्याशय उत्तेजित होता है और इंसुलिन स्रावित करने में सक्षम होता है, जिससे मधुमेह में रक्त शर्करा कम होता है। इस दवा को लेते समय आहार प्रतिबंधों (परहेज) का शख्ती से पालन किया जाना चाहिए ।
डायबिटीज को नियंत्रित करने के लिए: आंवले का सेवन डायबिटीज को नियंत्रित रखने में भी मददगार होता है। डायबिटीज के व्यक्ति को आंवले का सेवन करना चाहिए। उसे आंवले के जूस का सेवन करना चाहिए। अगर वह आंवले का मुरब्बा खाता है तो उसे गुड से बना हुआ आंवले का मुरब्बा ही खाना चाहिए। आंवले जो की उच्च विटामिन सी सामग्री के कारण, मधुमेह को नियंत्रित करने में प्रभावी है। इसके रस का एक बड़ा चमचा एक कप करेले के रस में मिलाकर 2 महीने तक प्रतिदिन लेने से अग्न्याशय उत्तेजित होता है और इंसुलिन स्रावित करने में सक्षम होता है, जिससे मधुमेह में रक्त शर्करा कम होता है। इस दवा को लेते समय आहार प्रतिबंधों (परहेज) का शख्ती से पालन किया जाना चाहिए ।
एसिडिटी दूर करने के लिए आंवला के फायदे
आँवला में फाइबर की मात्रा होती है और इससे हमें एसिडिटी की समस्या नहीं होती है । जब भी आँवला खाएं तो पानी की मात्रा भी अधिक लें।
शरीर की गर्मी दूर करने के लिए:आँवला को किसी भी रूप में खाने से हमारे शरीर की गर्मी दूर होती है। अल्सर की समस्या भी इससे कम होती है ।आंवला खाने से पेट की गर्मी शांत होती हैं । पाचन तंत्र स्वस्थ होने की वजह से पेट भी सही रहता है। शरीर की गर्मी दूर करने के लिए हमें आंवले का सेवन करना चाहिए।
शरीर की गर्मी दूर करने के लिए:आँवला को किसी भी रूप में खाने से हमारे शरीर की गर्मी दूर होती है। अल्सर की समस्या भी इससे कम होती है ।आंवला खाने से पेट की गर्मी शांत होती हैं । पाचन तंत्र स्वस्थ होने की वजह से पेट भी सही रहता है। शरीर की गर्मी दूर करने के लिए हमें आंवले का सेवन करना चाहिए।
हड्डियों के लिए आंवला के फायदे
आंवले का सेवन हमारी हड्डियों के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। हड्डियां मजबूत होती है। हड्डियां मजबूत होने की वजह से जॉइंट पेन जैसी समस्याएं नहीं होती हैं।
लीवर के लिए आंवला के फायदे
लीवर के लिए आंवले का सेवन बहुत ही फायदेमंद होता है।
गले से संबंधित बीमारियों के लिए: आंवले का सेवन हमें गले से संबंधित बीमारियों में भी फायदेमंद होता है। इससे हमें गले में खराश , खांसी और कफ की समस्या नहीं होती है।
बुखार में आराम दे आंवला : आंवला एंटीबैक्टीरियल और एंटीएलर्जिक भी होता है ।उसमें विटामिन सी की मात्रा बहुत अधिक होती है इसलिए यह हमें बुखार में तुरंत फायदा पहुंचाता है।
गले से संबंधित बीमारियों के लिए: आंवले का सेवन हमें गले से संबंधित बीमारियों में भी फायदेमंद होता है। इससे हमें गले में खराश , खांसी और कफ की समस्या नहीं होती है।
बुखार में आराम दे आंवला : आंवला एंटीबैक्टीरियल और एंटीएलर्जिक भी होता है ।उसमें विटामिन सी की मात्रा बहुत अधिक होती है इसलिए यह हमें बुखार में तुरंत फायदा पहुंचाता है।
नकसीर में लाभ पहुंचाए आंवला के फायदे
कभी-कभी पेट की गर्मी से हमें नकसीर की समस्या भी हो जाती हैं । आंवला शरीर की गर्मी को दूर करता है इसलिए यह नकसीर में भी फायदेमंद रहता है।
बवासीर में लाभ पंहुचाये आंवला
सामान्यतः बवासीर शरीर की गर्मी की वजह से होता है और आंवला शरीर की गर्मी में राहत प्रदान करता है अतः आंवले के सेवन से बवासीर में भी लाभ होता है।
वुमन प्रॉब्लम में भी उपयोगी है आंवला
महिलाओं की समस्या जैसे माहवारी, पेडू में दर्द, शरीर की गर्मी, ज्यादा रक्तस्त्राव आदि में भी आंवला बहुत मददगार होता है । महिलाओं को आंवले का सेवन जरूर करना चाहिए इससे आयरन की कमी नहीं होती है और माहवारी भी समय से आती है तथा माहवारी से संबंधित परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता है।
गर्भावस्था में भी लाभकारी है आंवला
गर्भावस्था में महिला को आयरन की मात्रा बहुत अधिक चाहिए होती है क्योंकि उसी वक्त गर्भस्थ शिशु का निर्माण होता है । गर्भावस्था में महिला को आवश्यक रूप से आंवले का सेवन करना चाहिए जिससे उसे आयरन की कमी नहीं होगी और वह एनिमिया का शिकार नहीं होगी। रक्त की कमी नहीं होने से गर्भस्थ शिशु का विकास भी अच्छा होगा।
पथरी दूर करने के लिए लाभदायी है आंवला
आंवले का सेवन पथरी को दूर करने में भी फायदेमंद होता है। डेड सेल्स हटाने के लिए उपयोगी है आंवला : हमारे शरीर में प्रतिदिन कुछ कोशिकाएं बनती हैं तथा कुछ कोशिकाएं नष्ट होती हैं। आंवले के सेवन से हमारे डेड सेल्स दूर होती है। आंवले का मास्क बनाने में भी प्रयोग किया जाता है।
इंफेक्शन से बचाएं आंवला
आंवला विटामिन सी का भरपूर स्त्रोत है और विटामिन सी हमें इंफेक्शन से बचाता है । इसलिए सर्दियों में आंवले का सेवन बहुत ही फायदेमंद होता है।
अनिद्रा को दूर करने के लिए आंवला के फायदे
आंवले का सेवन हमें अनिद्रा से भी बचाता है। आंवले के सेवन से नींद अच्छी आती है क्योंकि आयरन की मात्रा अच्छी होने से हमारे मस्तिष्क तक ऑक्सीजन की मात्रा भी पर्याप्त पहुंचती हैं और मस्तिष्क रिलैक्स होता है इसलिए अनिद्रा की समस्या नहीं होती है।
वात को नियंत्रित करने में आंवला के फायदे
आंवले का चूर्ण के सेवन से हमारे शरीर में मांसपेशियों में बनने वाली वात की समस्या नहीं होती है इसीलिए आयुर्वेद में त्रिफला का चूर्ण दिया जाता है। त्रिफला चूर्ण का मुख्य घटक आंवला ही होता है।
कफ को नियंत्रित करने में आंवला के फायदे
आंवले का सेवन कफ प्रवृत्ति वाले व्यक्तियों को भी फायदा पहुंचाता है। पुराने समय में च्यवनप्राश बनाने का मुख्य घटक आंवला ही था। आज भी इसकी खूबियों के कारण च्यवनप्राश में मुख्य घटक आंवला ही है । सर्दियों में चवनप्राश का सेवन करने से कफ नहीं होता है तथा सर्दी जुकाम से भी बचाव होता है।
पित्त को नियंत्रित करने में आंवला के फायदे
आंवले का सेवन हमारे शरीर में पित्त को भी शांत करता है। हिचकी के लिए: जिन व्यक्तियों को ज्यादा हिचकी आती है वे आंवले का सेवन कर सकते हैं । आंवले के सेवन से हमारे शरीर में पानी की ज्यादा आवश्यकता होती है। हम पानी की अधिक मात्रा लेते हैं। पानी की पर्याप्त मात्रा होने से हमें हिचकी कम आती हैं।
कैंसर की रोकथाम करें आंवला के फायदे
आज की भागदौड़ के समय में हम अपने शरीर का ध्यान नहीं रख पाते हैं। समय पर खाना, नाश्ता नहीं हो पाता है इसलिए हमारे शरीर की कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं। आंवला ऐसी अनियंत्रित कोशिकाओं के विभाजन को रोकता है और शरीर में कैंसर कोशिकाओं को पनपने नहीं देता। आंवला के सेवन से ऐसी कोशिकाएं नष्ट हो जाती हैं जो शरीर के लिए हानिकारक होती हैं।
शरीर में अवशोषण क्षमता बढ़ाने के लिए: आँवले में विटामिंस और आयरन भरपूर मात्रा होते है जो अन्य पोषक तत्व के शरीर में अवशोषण की क्षमता को बढ़ाने का कार्य करते हैं।
शरीर में अवशोषण क्षमता बढ़ाने के लिए: आँवले में विटामिंस और आयरन भरपूर मात्रा होते है जो अन्य पोषक तत्व के शरीर में अवशोषण की क्षमता को बढ़ाने का कार्य करते हैं।
डैंड्रफ को दूर करने में आंवला के फायदे
आंवले का जूस बालों में लगाकर 5 मिनट रखने के बाद बाल धोने से बालों में डैंड्रफ की समस्या नहीं रहती है ।रूसी दूर करने के लिए आंवले का जूस और आंवले के तेल का भी प्रयोग किया जाता है। आंवले को पीसकर उसका पानी बालों की जड़ों में लगाने से बाल मजबूत होते हैं।
बालों को सफेद होने से रोके
आंवले का प्रयोग बालों को असमय सफेद होने से भी बचाता है। लगातार आंवले के जूस का प्रयोग करने से सफेद बाल भी काले होने लगते हैं।
दाग , धब्बे , पिंपल्स मिटाने में लाभदायी है आंवला: आंवला रक्तशोधक माना गया है इसलिए यह हमारे त्वचा पर होने वाले दोषों को दूर करता है। इससे दाग, धब्बे , पिंपल्स नहीं होते हैं । इसका फेस मास्क भी बनाकर प्रयोग में लाया जाता है। जिससे चेहरे से मृत त्वचा दूर होती है और एक अनोखी चमक आ जाती है।
सर्दी, जुकाम से बचाए आंवला: एंटीएलर्जिक होने की वजह से हमें संक्रमण से बचाता है तथा बदलते मौसम से होने वाले सर्दी, जुकाम से शरीर को दूर रखता है।
दाग , धब्बे , पिंपल्स मिटाने में लाभदायी है आंवला: आंवला रक्तशोधक माना गया है इसलिए यह हमारे त्वचा पर होने वाले दोषों को दूर करता है। इससे दाग, धब्बे , पिंपल्स नहीं होते हैं । इसका फेस मास्क भी बनाकर प्रयोग में लाया जाता है। जिससे चेहरे से मृत त्वचा दूर होती है और एक अनोखी चमक आ जाती है।
सर्दी, जुकाम से बचाए आंवला: एंटीएलर्जिक होने की वजह से हमें संक्रमण से बचाता है तथा बदलते मौसम से होने वाले सर्दी, जुकाम से शरीर को दूर रखता है।
गले की खराश में लाभ दे आंवला
गले में होने वाली खराश और खांसी में भी आंवले का सेवन फायदेमंद रहता है।
उच्च रक्तचाप में लाभकारी है आंवला: आंवले का नियमित सेवन करने से उच्च रक्तचाप नियंत्रित रहता है तथा नॉर्मल हो जाता है। आंवला से बनने वाले स्वादिष्ट व्यंजन: आंवले से आप ना केवल आंवले ज्यूस का लाभ ले सकते हैं बल्कि साल भर चलने वाले अचार, मुरब्बा, आवला चूर्ण आदि आदि का भी निर्माण कर सकते हैं जो साल भर आपको पोषण देगा। निचे आप जरूर पढ़िए आंवले से विभिन्न प्रकार से कैसे हम उसके गुणों का लाभ ले सकते हैं।
उच्च रक्तचाप में लाभकारी है आंवला: आंवले का नियमित सेवन करने से उच्च रक्तचाप नियंत्रित रहता है तथा नॉर्मल हो जाता है। आंवला से बनने वाले स्वादिष्ट व्यंजन: आंवले से आप ना केवल आंवले ज्यूस का लाभ ले सकते हैं बल्कि साल भर चलने वाले अचार, मुरब्बा, आवला चूर्ण आदि आदि का भी निर्माण कर सकते हैं जो साल भर आपको पोषण देगा। निचे आप जरूर पढ़िए आंवले से विभिन्न प्रकार से कैसे हम उसके गुणों का लाभ ले सकते हैं।
आंवला का मुरब्बा
आंवले के गुणों को साल भर लेते रहने के लिए आंवला बहुत ही अच्छा विकल्प है । आंवले के मुरब्बे को पूरे साल स्टोर करके रखा जा सकता है । गर्मियों के मौसम में मुंह के छाले और पेप्टिक अल्सर जैसी समस्याएं हो जाती हैं। ऐसे समस्याओं में आंवले का मुरब्बा बहुत ही कारगर साबित होता है। यह शरीर की गर्मी को दूर करता है और पोषण भी देता है, जिससे पेट में हुए घाव और मुंह में हुए छाले आदि में आराम मिलता है।
आंवला का मुरब्बा बनाने की विधि
आंवले का मुरब्बा बनाना बहुत ही आसान है। इसे आप घर पर बनाइये जिससे बाजार में मिलने वाले मुरब्बे की तुलना में आप आंवलों की गुणवत्ता को सुनिश्चित कर पाएंगे।
आंवले का मुरब्बा बनाने के लिए हमें निम्न सामग्री की जरुरत होती है।
आंवले का मुरब्बा बनाने के लिए हमें निम्न सामग्री की जरुरत होती है।
आंवला - एक किलोग्राम
1 किलोग्राम चीनी
10 ग्राम फिटकरी
चार से पांच इलायची
काला नमक-स्वादानुसार
1 किलोग्राम चीनी
10 ग्राम फिटकरी
चार से पांच इलायची
काला नमक-स्वादानुसार
आंवले का मुरब्बा बनाने की विधि
सबसे पहले आंवले को अच्छे से धो लें और धुले हुए आंवलों को दो से तीन दिनों तक सादे पानी में डालकर रखें। इसके बाद आँवलें को अच्छे से धो कर उन्हें कांटे वाले चम्मच से या फिर सुई से गोद ले (छेद कर लें ) । आंवले को आप जितना अच्छे से गोदेंगे आंवले का मुरब्बा उतना ही स्वादिष्ट होगा। इसके पश्चात फिटकरी को पानी में मिलाएं तथा आंवले उसमें डाल दें। 1 से 2 दिन तक फिटकरी के पानी में रहने दे । आंवले को फिटकरी से पानी से निकालकर उनको अच्छे से दबाकर पानी निकाल दें। फिर अच्छे से सादे पानी से धो लें । अब एक कड़ाही गर्म करें उसमें आधा गिलास पानी डाल दे। अब उसके ऊपर चीनी डाल दें और अब बाकी बचे आंवले चीनी के ऊपर रख दें 5 से 10 मिनट तक ढक दें। गैस की लौ कम रखें । ऐसा करने से आंवले में बचा हुआ पानी तथा चीनी में डाला हुआ पानी मिलकर चासनी बन जाएगी। हर 2 से 3 मिनट में उसको संभाले चाशनी बनने के पश्चात उसको हिलाते रहें लगभग 40 से 50 मिनट तक का समय लग सकता है। जब आंवले का कलर हल्का सुनहरा होने लगे और चासनी शहद जैसी हो जाए तो समझे कि आंवले का मुरब्बा तैयार है । ठंडा होने के लिए रखें हरी इलायची और काला नमक डाल दें। ठंडा होने पर इन्हे एक साफ डिब्बे में बंद करके रखें। अगर चासनी पतली हो गई हो तो आंवले निकालकर चासनी थोड़ी और गाढ़ी कर सकते हैं। ठंडी होने पर आवलों वापस डाल दें और डिब्बा बंद करके रखें । 8 से 10 दिनों में आंवले का मुरब्बा अच्छे से मीठा हो जाएगा और चासनी में ढीला होने लगेगा ।
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आंवले की कैंडी
आंवले की कैंडी कई तरीके से बनाई जा सकतीं हैं । इससे मीठी , नमकीन एवं खट्टी मीठी कैंडी बनाई जा सकतीं हैं।
आंवले की मीठी कैंडी: आंवले की मीठी कैंडी बच्चों को बहुत ही पसंद आती हैं। बड़े भी बड़े शौक से आंवले की मीठी कैंडी खाते हैं। आंवले की मीठी कैंडी विटामिन सी से भरपूर होती है । यह खाना हमारे शरीर के लिए बहुत ही सेहतमंद होता है ।
आंवले की मीठी कैंडी: आंवले की मीठी कैंडी बच्चों को बहुत ही पसंद आती हैं। बड़े भी बड़े शौक से आंवले की मीठी कैंडी खाते हैं। आंवले की मीठी कैंडी विटामिन सी से भरपूर होती है । यह खाना हमारे शरीर के लिए बहुत ही सेहतमंद होता है ।
आंवले की मीठी कैंडी बनाने की विधि:
आंवले की मीठी कैंडी बनाने की सामग्री
आंवला 1 किलो
चीनी 1 किलो आंवले की मीठी कैंडी बनाना बहुत ही आसान है इसके लिए सबसे पहले हमें आंवले को अच्छे से सादे पानी से धोना चाहिए । इसके पश्चात उनको हल्का उबाल ले ताकि उनकी कलियां अलग हो जाए। अब उनको गर्म पानी से निकालकर अलग कर ले । थोड़ा पानी सूखने के बाद उन्हें प्लास्टिक के जार में डाल दें। ऊपर से चीनी डाल दे। इसको 3 से 4 दिन तक पड़ा रहने दे। चीनी की चाशनी बन जाएगी। जब आंवला नीचे बैठ जाए तो समझो आपकी कैंडी तैयार है। अब कैंडी चासनी से निकाल कर दो दिन तक धूप में सुखाएं । 50 ग्राम चीनी को मिक्सर में पीस लें और कैंडी में मिक्स कर दे । जार को अच्छे से बंद कर दे। आंवला की मीठी कैंडी खाने के लिए तैयार है । इसको आप आंवला के सीजन में बनाकर रख सकते हैं। बच्चे आंवला कैंडी को बड़े शौक से खाते हैं। इससे उनके शरीर में विटामिन सी और आयरन की मात्रा भरपूर होगी। उन्हें थकान नहीं होगी । उन्हें मौसमी बीमारियां भी नहीं होंगी।
आंवले की नमकीन कैंडी / पाचक कैंडी : आंवले की नमकीन कैंडी बनाने के लिए सामग्री
आंवले की खट्टी मीठी कैंडी: कैंडी खाने में बहुत ही स्वाद लगती हैं। छोटे बच्चे बहुत ही मजे से खाते हैं। आंवला को इस रूप में बच्चे को आसानी से खिलाया जा सकता है। जब भी मार्केट में आँवला उपलब्ध हो तो उनके कैंडिस बनाके रख लेनी चाहिए ताकि बच्चे आसानी से उन्हें खा सकें। कैंडी खाना स्वास्थ्य के लिए और पाचन तंत्र के लिए बहुत ही फायदेमंद है । खट्टी मीठी कैंडी बनाना बहुत ही आसान है।
खट्टी मीठी कैंडी बनाने की सामग्री
आंवला 1 किलो
चीनी 1 किलो आंवले की मीठी कैंडी बनाना बहुत ही आसान है इसके लिए सबसे पहले हमें आंवले को अच्छे से सादे पानी से धोना चाहिए । इसके पश्चात उनको हल्का उबाल ले ताकि उनकी कलियां अलग हो जाए। अब उनको गर्म पानी से निकालकर अलग कर ले । थोड़ा पानी सूखने के बाद उन्हें प्लास्टिक के जार में डाल दें। ऊपर से चीनी डाल दे। इसको 3 से 4 दिन तक पड़ा रहने दे। चीनी की चाशनी बन जाएगी। जब आंवला नीचे बैठ जाए तो समझो आपकी कैंडी तैयार है। अब कैंडी चासनी से निकाल कर दो दिन तक धूप में सुखाएं । 50 ग्राम चीनी को मिक्सर में पीस लें और कैंडी में मिक्स कर दे । जार को अच्छे से बंद कर दे। आंवला की मीठी कैंडी खाने के लिए तैयार है । इसको आप आंवला के सीजन में बनाकर रख सकते हैं। बच्चे आंवला कैंडी को बड़े शौक से खाते हैं। इससे उनके शरीर में विटामिन सी और आयरन की मात्रा भरपूर होगी। उन्हें थकान नहीं होगी । उन्हें मौसमी बीमारियां भी नहीं होंगी।
आंवले की नमकीन कैंडी / पाचक कैंडी : आंवले की नमकीन कैंडी बनाने के लिए सामग्री
- 1 किलो चीनी
- 1 किलो आंवला
- थोड़ा काला नमक
- थोड़ा सफेद नमक( स्वाद अनुसार )
आंवले की खट्टी मीठी कैंडी: कैंडी खाने में बहुत ही स्वाद लगती हैं। छोटे बच्चे बहुत ही मजे से खाते हैं। आंवला को इस रूप में बच्चे को आसानी से खिलाया जा सकता है। जब भी मार्केट में आँवला उपलब्ध हो तो उनके कैंडिस बनाके रख लेनी चाहिए ताकि बच्चे आसानी से उन्हें खा सकें। कैंडी खाना स्वास्थ्य के लिए और पाचन तंत्र के लिए बहुत ही फायदेमंद है । खट्टी मीठी कैंडी बनाना बहुत ही आसान है।
खट्टी मीठी कैंडी बनाने की सामग्री
- 1 किलो आंवला
- 1 किलो चीनी
- 20 से 25 ग्राम अमचूर
- 50 ग्राम बारीक पिसी हुई चीनी
- थोड़ी काली मिर्च पिसी हुई
खट्टी मीठी कैंडी बनाने की विधि:
आंवला को सादे पानी से धो ले। उनको 5 मिनट तक उबालें । पानी से बाहर निकालकर उनकी कलियां अलग कर ले। थोड़ी देर धूप में सुखाएं । इसके पश्चात जार में आंवला डाल दे । ऊपर से चीनी डाल दे। 3 से 4 दिन तक रहने दे । जब आमला चाशनी में नीचे बैठ जाए तब उन्हें चाशनी से निकालकर धूप में सुखा दे। 2 दिन तक सुखाएं। अब आमला में 50 ग्राम पिसी हुई चीनी, 20 से 25 ग्राम अमचूर, 5 से 10 पिसी हुई काली मिर्च आदि मिला दे। अब जार को बंद करके रख दें। आंवला की खट्टी मीठी कैंडी बनकर तैयार है । जब भी जी घबराए ऐसे खट्टी मीठी कैंडिस खाकर आप तरोताजा हो सकते है।
आंवले की सब्जी Aanvala Ki Sabji in Hindi
आंवले की सब्जी बनाने के लिए हमें निम्न सामग्री की जरुरत होती है।
आंवला को सादे पानी से धो ले। उनको 5 मिनट तक उबालें । पानी से बाहर निकालकर उनकी कलियां अलग कर ले। थोड़ी देर धूप में सुखाएं । इसके पश्चात जार में आंवला डाल दे । ऊपर से चीनी डाल दे। 3 से 4 दिन तक रहने दे । जब आमला चाशनी में नीचे बैठ जाए तब उन्हें चाशनी से निकालकर धूप में सुखा दे। 2 दिन तक सुखाएं। अब आमला में 50 ग्राम पिसी हुई चीनी, 20 से 25 ग्राम अमचूर, 5 से 10 पिसी हुई काली मिर्च आदि मिला दे। अब जार को बंद करके रख दें। आंवला की खट्टी मीठी कैंडी बनकर तैयार है । जब भी जी घबराए ऐसे खट्टी मीठी कैंडिस खाकर आप तरोताजा हो सकते है।
आंवले की सब्जी Aanvala Ki Sabji in Hindi
आंवले की सब्जी बनाने के लिए हमें निम्न सामग्री की जरुरत होती है। - 250 ग्राम आंवला
- 50 ग्राम चीनी
- छोटी चम्मच सौंफ
- नमक
- लाल मिर्च पाउडर
- धनिया पाउडर
- हल्दी
- तेल
आंवला की सब्जी बनाने की विधि
आंवला की सब्जी बनाने के लिए सर्वप्रथम आंवलों को उबाल लें। उबलने के बाद आंवलों की कलियां अलग कर लें। अब कड़ाही में तेल गर्म करें । उसमें एक छोटी चम्मच सौंफ डालें। अब उसमें हल्दी ,लाल मिर्च पाउडर ,धनिया पाउडर, नमक आदि डालें । थोड़ा पानी डालें। मसाला अच्छे से पका लें। अब इसमें एक गिलास पानी डाल दे ।अब इसमें चीनी डाल दें। अच्छे से उबाल आने दें। अब अलग किए हुए आमला की कलियां डाल दें। थोड़ी देर पकाएं । अब गैस बंद कर दें । आंवला की सब्जी तैयार है । इसमें आप मीठा अपने स्वाद अनुसार बढ़ा भी सकते हैं।
आंवला की सब्जी बनाने के लिए सर्वप्रथम आंवलों को उबाल लें। उबलने के बाद आंवलों की कलियां अलग कर लें। अब कड़ाही में तेल गर्म करें । उसमें एक छोटी चम्मच सौंफ डालें। अब उसमें हल्दी ,लाल मिर्च पाउडर ,धनिया पाउडर, नमक आदि डालें । थोड़ा पानी डालें। मसाला अच्छे से पका लें। अब इसमें एक गिलास पानी डाल दे ।अब इसमें चीनी डाल दें। अच्छे से उबाल आने दें। अब अलग किए हुए आमला की कलियां डाल दें। थोड़ी देर पकाएं । अब गैस बंद कर दें । आंवला की सब्जी तैयार है । इसमें आप मीठा अपने स्वाद अनुसार बढ़ा भी सकते हैं।
आंवले के लड्डू:
आंवला के लड्डू बनाने के लिए सामग्री- 500 ग्राम आँवला
- चीनी 500 ग्राम
- 250 ग्राम बादाम
- 250 ग्राम काजू
- 5 से 6 इलायची
- आधा चम्मच जायफल का पाउडर
आंवला के लड्डू बनाने की विधि
आंवला के लड्डू सभी को बहुत पसंद आते हैं। हमें आंवला के लड्डू आंवला के सीजन में जरूर बनाने चाहिए । आंवले के लड्डू बनाने में पानी का यूज बिल्कुल भी नहीं होता है इसलिए आंवले के लड्डू काफी दिनों तक चलते हैं । इनको एयरटाइट कंटेनर में रखकर स्टोर किया जा सकता है।
आंवले के लड्डू बनाने की विधि आंवलों को सादे पानी से अच्छे से धो लें। साफ़ धुले हुए आंवलों को माइक्रोवेव में पका लें या फिर इसको आप भाप में भी पका सकते हैं। हमें सिर्फ आंवलों को नरम करना होता है । आंवलों को थोड़ी देर ठंडा होने दें । आंवलों को कद्दूकस कर लें। अब आंवलों को एक कड़ाही में डालें और चीनी डाल दे । अच्छे से पकाएं । जब चासनी गाढ़ी होने लगे तो उसकी कंसिस्टेंसी चेक करें । अगर चासनी उंगली और अंगूठे के बीच में चिपक रही है इसका मतलब हमारे लड्डू का मेटेरियल तैयार हो गया है । गैस बंद कर दें। आंवला को ठंडा होने दें। अब इसमें पिसे हुए बादाम, इलायची पाउडर तथा जायफल पाउडर और छोटे कटे हुए काजू के टुकड़े डालकर अच्छे से मिक्स करें। हाथों पर थोड़ा घी लगाकर अपने मनपसंद आकार के लड्डू बनाए । यह लड्डू खाने में बहुत ही टेस्टी होते हैं। इसमें आप दूसरे ड्राइफ्रूट्स भी डाल सकते हैं। ड्राई फ्रूट्स की मात्रा आप अपने अनुसार बढ़ा भी सकते हैं और कम भी कर सकते हैं। यह लड्डू खाने में बड़े ही टेस्टी होते हैं । इसके साथ ही इनमें विटामिन सी और आयरन की भरपूर मात्रा होती है जो हमें सर्दियों में होने वाले इंफेक्शन से बचाती हैं। इसलिए बच्चों के लिए आंवले के लड्डू जरूर बनाएं।
आंवला के लड्डू सभी को बहुत पसंद आते हैं। हमें आंवला के लड्डू आंवला के सीजन में जरूर बनाने चाहिए । आंवले के लड्डू बनाने में पानी का यूज बिल्कुल भी नहीं होता है इसलिए आंवले के लड्डू काफी दिनों तक चलते हैं । इनको एयरटाइट कंटेनर में रखकर स्टोर किया जा सकता है।
आंवले के लड्डू बनाने की विधि आंवलों को सादे पानी से अच्छे से धो लें। साफ़ धुले हुए आंवलों को माइक्रोवेव में पका लें या फिर इसको आप भाप में भी पका सकते हैं। हमें सिर्फ आंवलों को नरम करना होता है । आंवलों को थोड़ी देर ठंडा होने दें । आंवलों को कद्दूकस कर लें। अब आंवलों को एक कड़ाही में डालें और चीनी डाल दे । अच्छे से पकाएं । जब चासनी गाढ़ी होने लगे तो उसकी कंसिस्टेंसी चेक करें । अगर चासनी उंगली और अंगूठे के बीच में चिपक रही है इसका मतलब हमारे लड्डू का मेटेरियल तैयार हो गया है । गैस बंद कर दें। आंवला को ठंडा होने दें। अब इसमें पिसे हुए बादाम, इलायची पाउडर तथा जायफल पाउडर और छोटे कटे हुए काजू के टुकड़े डालकर अच्छे से मिक्स करें। हाथों पर थोड़ा घी लगाकर अपने मनपसंद आकार के लड्डू बनाए । यह लड्डू खाने में बहुत ही टेस्टी होते हैं। इसमें आप दूसरे ड्राइफ्रूट्स भी डाल सकते हैं। ड्राई फ्रूट्स की मात्रा आप अपने अनुसार बढ़ा भी सकते हैं और कम भी कर सकते हैं। यह लड्डू खाने में बड़े ही टेस्टी होते हैं । इसके साथ ही इनमें विटामिन सी और आयरन की भरपूर मात्रा होती है जो हमें सर्दियों में होने वाले इंफेक्शन से बचाती हैं। इसलिए बच्चों के लिए आंवले के लड्डू जरूर बनाएं।
आंवला की चटनी
आंवले का कसैला पन इसके सेवन न करने की प्रमुख वजह होती है। आंवले से बहुत से अन्य ऐसे पदार्थ तैयार किए जाते हैं जो खाने में बेहद ही स्वाद हैं । आंवले की चटनी भी बहुत स्वादिष्ट होती है। हम मीठी चटनी , खट्टी मीठी चटनी एवं तीखी चटनी भी तैयार कर सकते हैं। आंवले की मीठी चटनी बच्चों को बहुत ही पसंद आती है । इस मामले में मीठा काम में लेने की वजह से यह कसैला पन नहीं देता है । बच्चे जैम की तरह इसको पराठे पर लगाकर भी खा सकते हैं।
आंवले की मीठी चटनी बनाने के लिए सामग्री
आंवले की मीठी चटनी बनाने के लिए सामग्री
- 100 ग्राम आमला
- 100 ग्राम गुड़ या चीनी
- नमक स्वाद अनुसार
- चुटकी भर काला नमक
- चुटकी भर सौंफ
आंवला की मीठी चटनी बनाने की विधि
आंवला को अच्छे से उबालकर उस की कलियां अलग कर लें। आंवला को मिक्सर में पीस लें। अब एक कड़ाही में दो चम्मच घी डालें। गर्म होने पर सौंफ डालें ।अब पिसे हुए आंवला डालकर पकाएं ।अब इसमें गुड डाल दे ।थोड़ा नमक ,काली मिर्च और काला नमक भी अपने स्वाद के अनुसार डाल दे। गाढ़ा होने तक पकाएँ। आंवला की मीठी चटनी तैयार है। बच्चे इसे बड़े शौक से खाते हैं। यह आयरन से भरपूर होती है । इसमें विटामिन सी भी पर्याप्त मात्रा में होता है ।
आंवला को हल्का उबाले ।इससे बीज अलग कर लें। ठंडा होने के बाद मिक्सर में पीस लें ।हरी मिर्च भी पीस लें। अब एक कड़ाही में दो चम्मच घी गर्म करें । राई का तड़का लगाएं । पीसा हुआ आंवला और हरी मिर्च डाल दे। नमक और अमचूर भी मिला दे । पकने पर बंद कर दे। आंवला की चटनी तैयार है।
आंवला की खट्टी मीठी चटनी के लिए सामग्री
आंवला को अच्छे से उबालकर उस की कलियां अलग कर लें। आंवला को मिक्सर में पीस लें। अब एक कड़ाही में दो चम्मच घी डालें। गर्म होने पर सौंफ डालें ।अब पिसे हुए आंवला डालकर पकाएं ।अब इसमें गुड डाल दे ।थोड़ा नमक ,काली मिर्च और काला नमक भी अपने स्वाद के अनुसार डाल दे। गाढ़ा होने तक पकाएँ। आंवला की मीठी चटनी तैयार है। बच्चे इसे बड़े शौक से खाते हैं। यह आयरन से भरपूर होती है । इसमें विटामिन सी भी पर्याप्त मात्रा में होता है ।
आमला की तीखी चटनी
आंवला की चटनी बनाने के लिए सामग्री- 100 ग्राम आमला
- 5 -6 हरी मिर्च
- नमक स्वाद अनुसार
- एक चम्मच राई के दाने
आंवला को हल्का उबाले ।इससे बीज अलग कर लें। ठंडा होने के बाद मिक्सर में पीस लें ।हरी मिर्च भी पीस लें। अब एक कड़ाही में दो चम्मच घी गर्म करें । राई का तड़का लगाएं । पीसा हुआ आंवला और हरी मिर्च डाल दे। नमक और अमचूर भी मिला दे । पकने पर बंद कर दे। आंवला की चटनी तैयार है।
आंवला की खट्टी मीठी चटनी
आँवला की खट्टी मीठी चटनी स्वादिष्ट होती है। इसे बनाना बहुत आसान है ।आंवला की खट्टी मीठी चटनी के लिए सामग्री
- 100 ग्राम आमला
- 50 ग्राम चीनी
- दो चम्मच अमचूर
- नमक स्वाद अनुसार
- एक चम्मच सौंफ
- दो चम्मच घी
आंवला की खट्टी मीठी चटनी बनाने की विधि
आंवला की मीठी चटनी बनाने के लिए आंवला को उबालकर उसके बीज अलग कर ले । मिक्सर में पीस लें। अब एक कड़ाही में घी गर्म करें। आंवला डाल दे। अमचूर और स्वादानुसार नमक डाल दे। अच्छे से पकाएं। चीनी डाल दे । अच्छे से गाढ़ा होने तक पकायें। आमला की खट्टी मीठी चटनी तैयार है।
आंवले का अचार: आंवले का अचार बहुत ही स्वादिष्ट होता है।
अचार की सामग्री
आंवला का सेवन कब करें: आंवले का सेवन करने का सही समय सुबह एवं शाम को खाना खाने से लगभग 1 घंटे पहले करना ज्यादा लाभकारी होता है। सुबह खाली पेट आंवले का मुरब्बा खाना बहुत ही अच्छा रहता है । शाम को सोते समय च्यवनप्राश खाना सर्दियों में बहुत ही गुणकारी होता है।
आंवला की मीठी चटनी बनाने के लिए आंवला को उबालकर उसके बीज अलग कर ले । मिक्सर में पीस लें। अब एक कड़ाही में घी गर्म करें। आंवला डाल दे। अमचूर और स्वादानुसार नमक डाल दे। अच्छे से पकाएं। चीनी डाल दे । अच्छे से गाढ़ा होने तक पकायें। आमला की खट्टी मीठी चटनी तैयार है।
आंवले का अचार: आंवले का अचार बहुत ही स्वादिष्ट होता है।
अचार की सामग्री
- 250 ग्राम आमला
- दो बड़े चम्मच लाल मिर्च पाउडर
- 2 छोटे चम्मच कलौंजी
- दो बड़ी चम्मच सौंफ
- 250ml तेल
- 2 छोटे चम्मच हल्दी
- नमक स्वाद अनुसार
आंवला का सेवन कब करें: आंवले का सेवन करने का सही समय सुबह एवं शाम को खाना खाने से लगभग 1 घंटे पहले करना ज्यादा लाभकारी होता है। सुबह खाली पेट आंवले का मुरब्बा खाना बहुत ही अच्छा रहता है । शाम को सोते समय च्यवनप्राश खाना सर्दियों में बहुत ही गुणकारी होता है।
आंवला का सेवन कैसे करें
आंवले का सेवन हम किसी भी रूप में कर सकते हैं ।अपने टेस्ट के अनुसार हम आंवले को किसी भी रूप में खा सकते हैं जैसे की बच्चों को आंवले की कैंडी ज्यादा पसंद होती हैं तो उनके लिए कैंडी बनाइए। बड़े लोग च्यवनप्राश, मुरब्बा, अचार आदि खा सकते हैं तो उनके लिए मुरब्बा, अचार, सब्जी ,चटनी, लड्डू आदि बनाए जा सकते हैं। आंवले का जूस भी पिया जा सकता है ।आंवले का रस थोड़ा कसैला होता है। इसके लिए आप दूसरे फलों को मिला के भी जूस बना सकते हैं। गाजर, चुकंदर, संतरा आदि में मिलाकर इसका जूस पिया जा सकता है । इसको कच्चा भी खाया जा सकता है। दो- तीन आँवला कच्चे खाये जा सकते हैं।
आंवला को साल भर तक नियमित रूप से खाने के लिए स्टोर कैसे करें ?
आंवले सर्दियों के मौसम में उपलब्ध होता है। यह नवंबर से जनवरी तक बाजार में पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। आंवले का संग्रह करके अन्य महीनों में उपयोग किया जा सकता है। आंवला को अन्य दिनों के लिए संग्रहित करना बहुत ही आसान है। इस को संग्रहित करने के लिए हम इसका मुरब्बा ,कैंडी ,नमकीन ,कैंडी मीठी, कैंडी खट्टी मीठी कैंडी, अचार, गटागट, चूर्ण, लड्डू ,च्यवनप्राश, जूस आदि स्टोर करके रख सकते हैं तथा जब बाजार में आंवला नहीं हो तो इसका उपयोग किया जा सकता है । इससे हम वर्ष पर्यंत तक आंवला का सेवन कर सकते हैं।
आंवला के इतने महत्वपूर्ण फायदे होने के साथ-साथ ही इससे स्वादिष्ट व्यंजन भी बनाए जा सकते हैं। इसके अलावा हम आमला से चवनप्राश और गटागट भी बना सकते हैं । आंवला पापड़ भी तैयार किया जा सकता है। आंवला में को नियमित सेवन करने से हम सौ से भी ज्यादा बीमारियों से बच सकते हैं। अगर नियमित रूप से हम दो से तीन आंवला प्रतिदिन सेवन करें तो विटामिन सी भरपूर मात्रा में होगी । इससे हमारे शरीर में पोषक तत्वों की अवशोषण क्षमता भी बढ़ती है। जिससे हम स्वस्थ रहते हैं।
आंवला में बहुत गुण होते हैं लेकिन इससे इसका ज्यादा सेवन करने से नुकसान भी हो सकता है ।
आंवला का सेवन करने से होने वाले नुकसान:
आंवला को साल भर तक नियमित रूप से खाने के लिए स्टोर कैसे करें ?
आंवले सर्दियों के मौसम में उपलब्ध होता है। यह नवंबर से जनवरी तक बाजार में पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। आंवले का संग्रह करके अन्य महीनों में उपयोग किया जा सकता है। आंवला को अन्य दिनों के लिए संग्रहित करना बहुत ही आसान है। इस को संग्रहित करने के लिए हम इसका मुरब्बा ,कैंडी ,नमकीन ,कैंडी मीठी, कैंडी खट्टी मीठी कैंडी, अचार, गटागट, चूर्ण, लड्डू ,च्यवनप्राश, जूस आदि स्टोर करके रख सकते हैं तथा जब बाजार में आंवला नहीं हो तो इसका उपयोग किया जा सकता है । इससे हम वर्ष पर्यंत तक आंवला का सेवन कर सकते हैं।
आंवला के इतने महत्वपूर्ण फायदे होने के साथ-साथ ही इससे स्वादिष्ट व्यंजन भी बनाए जा सकते हैं। इसके अलावा हम आमला से चवनप्राश और गटागट भी बना सकते हैं । आंवला पापड़ भी तैयार किया जा सकता है। आंवला में को नियमित सेवन करने से हम सौ से भी ज्यादा बीमारियों से बच सकते हैं। अगर नियमित रूप से हम दो से तीन आंवला प्रतिदिन सेवन करें तो विटामिन सी भरपूर मात्रा में होगी । इससे हमारे शरीर में पोषक तत्वों की अवशोषण क्षमता भी बढ़ती है। जिससे हम स्वस्थ रहते हैं।
आंवला में बहुत गुण होते हैं लेकिन इससे इसका ज्यादा सेवन करने से नुकसान भी हो सकता है ।
आंवला का सेवन करने से होने वाले नुकसान:
- आमला का स्वाद कसैला होता है इसके ज्यादा सेवन से हमें उल्टी की शिकायत हो सकती है।
- आमला अम्लीय प्रवृत्ति का होता है। अगर हम इसका सेवन करने के पश्चात पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पीते है तो हम एसिडिटी के शिकार हो सकते हैं ।
- आमला में पर्याप्त भरपूर मात्रा में फाइबर होता है । अगर हम पानी का सेवन करते हैं तो फायदा होता है लेकिन अगर आंवला खाने के पश्चात पानी का सेवन नहीं किया जाता है तो हमें पाचन तंत्र से संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
आंवले की पूजा क्यों की जाती है ?
आंवले की पूजा कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को की जाती है। पुराणों के अनुसार यह माना गया है कि जब पृथ्वी लोक पूरी तरह से जलमग्न हो गया था और ब्रह्मा जी भी तपस्या में लीन थे और उसी समय ब्रह्मा जी के आंखों से अश्रु निकले और उन्हें अश्रु से आंवले की उत्पत्ति हुई। इसलिए कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की नवमी को आंवले की पूजा की जाती है । इसको आंवला नवमी भी कहा जाता है । ऐसा माना जाता है कि इस दिन देवी लक्ष्मी ने आंवले के वृक्ष के नीचे विष्णु जी की पूजा की थी इसलिए इसका महत्व और भी बढ़ जाता है और अक्षय पुण्य की प्राप्ति हेतु आंवले की पूजा की जाती है।
आने की पूजा कब की जाती है ? आंवले की पूजा कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की नवमी को की जाती हैं। ऐसा माना जाता है कि आंवला की पूजा विधि विधान से करने पर संतान की प्राप्ति होती है ।
आंवला की पूजा विधि: पूजा करने के लिए प्रातः स्नानादि से निवृत्त होकर आंवले के वृक्ष की पूजा की जाती है। पानी और दूध चढ़ाया जाता है ।मौली बांधकर पूजा की जाती हैं। विष्णु जी की और शिव जी की पूजा भी की जाती है । आंवले की पूजा कर ब्राह्मणों को खाना खिलाया जाता है। श्रद्धा अनुसार दान दिया जाता है। ऐसा माना जाता है कि आंवला नवमी पर किया हुआ दान अक्षय होता है और शुभ फल की प्राप्ति होती है ।इसीलिए इसको अक्षय नवमी भी कहा जाता है ।आंवला नवमी की शाम को आंवले के वृक्ष के नीचे बैठकर खाना खाया जाता है। दीपक जलाया जाता है। आमला में बहुत गुण होते हैं इसलिए इसको अमृता भी कहा गया है। इसके गुणों की खान होने की वजह से ही आंवला की पूजा की जाती हैआंवला के फायदे : आंवला के लड्डू आंवला केन्डी आंवला अचार आंवला चटनी
की शक्ति देते हैं। आंवले के एंटी ऑक्सीडेंट्स के आलावा, एंटी इंफ्लेमेंटरी, और एंटी उक्लेर और एंटी कैंसर जैसे गुण भी होते हैं।
What is the medicinal use of Amla?
आंवला क्या है : Emblica officinalis (आंवला) का व्यापक रूप से भारतीय चिकित्सा पद्धति (आयुर्वेदा ) में उपयोग किया जाता है और माना जाता है कि यह हमारे शरीर को कई प्रकार की बीमारियों से बचाता है। आंवला को संस्कृत में अमलकी कहा जाता है। यह आयुर्वेद में वर्णित सबसे पुरानी प्राच्य दवाओं में से एक है, जो मिश्रित बीमारियों के संभावित उपाय के रूप में है। आंवला में मौजूद फाइटोकेमिकल घटकों की एक विस्तृत श्रृंखला, जिसमें अल्कलॉइड, टैनिन और फ्लेवोनोइड शामिल हैं। यह कई आयुर्वेदिक दवाओं और टॉनिक का एक घटक के रूप में इस्तेमाल किया जाता है, क्योंकि यह अत्यधिक लार और आंतरिक शरीर की गर्मी को दूर करता है। एक एंटीऑक्सिडेंट के रूप में इसकी भूमिका का मूल्यांकन करने वाले आंवले के साथ शोध किया गया है। अल्सर की रोकथाम, मधुमेह के रोगियों के लिए और स्मृति प्रभाव के लिए आंवला उपयोगी है। आंवला टॉनिक में स्कर्वी में उपयोगी हेमटैनिक और लिपलिटिक फंक्शन होता है, अपच को रोकता है और यह एसिडिटी को नियंत्रित करता है और साथ ही यह एंटी-एजिंग का एक प्राकृतिक स्रोत है।
आंवले के मुख्य लाभ/फायदे :-
- आंवला कोशिकाओं को मुक्त कण (फ्री रेडिकल्स ) क्षति से बचाता है और एंटीऑक्सीडेंट सुरक्षा प्रदान करता है
- आंवला का उपयोग त्वचा विकारों, श्वसन संक्रमण और समय से पहले बूढ़ा होने के उपचार के लिए किया जाता है
- आंवला रक्तस्राव, दस्त, पेचिश में उपयोगी है, और मधुमेह के उपचार में चिकित्सीय गुणों से भरपूर है।
- आंवला में जीवाणुरोधी और कसैले गुण होते हैं जो संक्रमण को रोकने और अल्सर को ठीक करने में मदद करते हैं
- बवासीर में कब्ज को दूर करने के लिए कभी-कभी रेचक के रूप में आंवला का उपयोग किया जाता है
- सामान्य रूप से एक दिन में एक आंवले का सेवन करना श्रेष्ठ माना जाता है। इसे आप मुरब्बे या ज्यूस के रूप में भी ले सकते हैं। १० से २० एम्एल ज्यूस प्रतिदिन के हिसाब से लाभकारी रहता है।
- आंवले के उपयोग से आप अपने बालों की देखभाल कर सकते हैं। जहाँ आंवले का सेवन करने से बालों को ताकत मिलती है वहीँ आप आंवले और निम्बू के रस को बालों में लगाएं तो इससे रुसी समाप्त होती है और बालों की जड़ों को ताकत मिलती है। बाल अधिक चमकदार और मजबूत बनते हैं।
- आंवले को त्वरित चर्बी को जलाने वाला माना जाता है और वजन कम करने में भी सहायक होता है। आंवले के सेवन से अधिक भूख भी नहीं लगती है जिससे वजन नियंत्रित रहता है। आंवला पाचन तंत्र को भी सुधरता है जिससे शरीर में अतिरिक्त चर्बी जमा नहीं हो पाती है।
आंवला के नवीनतम शोध हेतु निम्न का अध्य्यन करें।
Is Amla good for liver? क्या आंवला लिवर के लिए उपयोगी होता है : हाँ, यह लिवर के लिए भी बहुत उपयोगी होता है। लिवर हमारे शरीर का सबसे व्यस्त अंग होता है। शरीर से विषाक्त प्रदार्थों को दूर करने के अतिरिक्त लिवर लगभग ५०० अन्य प्रकार के कार्य करता है। आंवले के सेवन से लिवर को मजबूती मिलती है।
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