तू सोच ना पायेगा ऐसा ये खेल रचायेगा

तू सोच ना पायेगा ऐसा ये खेल रचायेगा

तू सोच न पाएगा,
ऐसा ये खेल रचाएगा,
चिंता तेरे जीवन की,
चिंता तेरे जीवन की,
श्याम मिटाएगा,
तू सोच न पाएगा,
ऐसा ये खेल रचाएगा।।

इनके भरोसे जब हो जाएगा,
संग में हर पल इनको पाएगा,
गफलत में खोया रह जाएगा,
काम तेरा अटका बन जाएगा,
रहमत की कृपा तुझ पर,
रहमत की कृपा तुझ पर,
ये बरसाएगा,
तू सोच न पाएगा,
ऐसा ये खेल रचाएगा।।

सेवा इनकी जब भी बजाएगा,
उलझन तेरी ये सुलझाएगा,
प्रेम भाव से भजन सुनाएगा,
अपने मन को हल्का पाएगा,
बाहों में भर कर तुझको,
बाहों में भर कर तुझको,
गले लगाएगा,
तू सोच न पाएगा,
ऐसा ये खेल रचाएगा।।

हर परिणाम को तू जो स्वीकारे,
बाबा की मर्जी है ये माने,
बेहतर तेरा मालिक सोच रहा,
ऐसा अपने दिल को समझाले,
'मोहित' बातों पर अमल हो,
'मोहित' बातों पर अमल हो,
तू सुख पाएगा,
तू सोच न पाएगा,
ऐसा ये खेल रचाएगा।।

तू सोच न पाएगा,
ऐसा ये खेल रचाएगा,
चिंता तेरे जीवन की,
चिंता तेरे जीवन की,
श्याम मिटाएगा,
तू सोच न पाएगा,
ऐसा ये खेल रचाएगा।।


घर मे चलाके रखो ये भजन सारे कष्ट दूर हो जायँगे | Shyam Bhajan | तू सोच ना पायेगा | Tu Soch Na Payega

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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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