बडा हुआ तो क्या हुआ जैसे पेड़ खजूर मीनिंग Bada Bhaya To Kya Bhaya Meaning : Kabir Ke Dohe
बडा हुआ तो क्या हुआ जैसे पेड़ खजूर
पंथी को छाया नही फल लागे अति दूर
Bada Bhaya To Kya Hua Jaise Ped Khajoor,
Panthi Ko Chhaya Nahin, Fal Lage Ati Door.
कबीर के दोहे का हिंदी अर्थ Kabir Ke Dohe Ka Hindi Meaning / Arth
कबीर साहेब का कथन है की बड़ा होने से कोई लाभ नहीं होने वाला है, जैसे खजूर का पेड़ बड़ा होता है लेकिन वह किसी के लिए उपयोगी नहीं होता है। खजूर के फल बहुत उंचाई पर लगते हैं, जो किसी के काम में नहीं आते हैं और इसकी छांया का भी लाभ किसी को नहीं मिलता है। आशय है की व्यक्ति को अभिमान को त्यागकर दूसरों के लिए उपयोगी बनना चाहिए। इस दोहे में खजूर के पेड़ का उदाहरण देकर बड़प्पन के प्रदर्शन की व्यर्थता को बताया गया है। खजूर का पेड़ बड़ा और ऊँचा होता है, लेकिन इससे यात्रियों को छाया नहीं मिलती और इसके फल भी आसानी से तोड़े नहीं जा सकते। इसी प्रकार, जो व्यक्ति अपने बड़प्पन का प्रदर्शन करता है, वह दूसरों के लिए उपयोगी नहीं होता और दूसरों को नुकसान भी पहुँचा सकता है। बड़प्पन का वास्तविक अर्थ है दूसरों की मदद करना और उन्हें प्रेरित करना। बड़प्पन का प्रदर्शन करने से केवल खुद को श्रेष्ठ सिद्ध करने की कोशिश की जाती है, जो कि वास्तव में बड़प्पन नहीं है। इस दोहे से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें बड़प्पन के प्रदर्शन से बचना चाहिए और दूसरों के लिए सच्चे बड़प्पन का उदाहरण बनना चाहिए।
Author - Saroj Jangir
दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं कबीर के दोहों को अर्थ सहित, कबीर भजन, आदि को सांझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें। |