ज्ञान समागम प्रेम सुख दया भक्ति विश्वास मीनिंग Gyan Samagam Prem Sukh Meaning

ज्ञान समागम प्रेम सुख दया भक्ति विश्वास मीनिंग Gyan Samagam Prem Sukh Meaning

ज्ञान समागम प्रेम सुख, दया भक्ति विश्वास।
गुरु सेवा ते पाइए, सद् गुरु चरण निवास॥

Gyan Samagam Prem Sukh, Daya Bhakti Vishwas,
Guru Seva Te Paiye, Sadguru Charan Niwas. 

ज्ञान समागम प्रेम सुख दया भक्ति विश्वास मीनिंग Gyan Samagam Prem Sukh Meaning


कबीर के दोहे का हिंदी अर्थ Kabir Ke Dohe Ka Hindi Meaning / Arth

व्याख्या : कबीर साहेब का कथन है की ज्ञान, सन्त समागम, सबके प्रति प्रेम, निर्वासनिक सुख, दया, भक्ति सत्य - स्वरुप और सद् गुरु की शरण में निवास - ये सब गुरु की सेवा से ही प्राप्त होते हैं।  कबीर साहेब ने अपने दोहे में कहा है कि गुरु की सेवा से ज्ञान, सन्त-समागम, सबके प्रति प्रेम, निर्वासनिक सुख, दया, भक्ति, सत्य-स्वरूप और सद् गुरु की शरण में निवास प्राप्त होता है। गुरु के मार्गदर्शन से शिष्य को जीवन का वास्तविक ज्ञान प्राप्त होता है। वह सांसारिक मोह-माया से मुक्त होकर ईश्वर के स्वरूप को जान पाता है। गुरु के सत्संग से शिष्य सन्तजनों से मिलता है। सन्तजनों की संगति से भी शिष्य को ज्ञान और आध्यात्मिक लाभ प्राप्त होता है। सभी के प्रति प्रेम: गुरु की सेवा से शिष्य का हृदय प्रेम से भर जाता है। वह सभी प्राणियों के प्रति प्रेमभाव रखता है।
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