मुरारी मोहे अपनी मुरलिया बनाले

मुरारी मोहे अपनी मुरलिया बनाले

मुरारी मोहे अपनी मुरलिया बनाले,
मुरारी मोहे अपनी मुरलिया बनाले।

खाली खूली बांस की टहनी,
तन मेरा मधुसूदन,
उर आकंठ विषय में डूबा,
मन से होय न कीर्तन,
मैं हारा हरि,
हे हरि आ कर,
पापी को अपना ले,
मुरारी मोहे अपनी मुरलिया बनाले।

लोभ पोटली सर पर ढोते,
उमर बिताई सारी,
काम क्रोध की मौज चित्त में,
उठती बारी बारी,
हे जगदीश्वर,
मेरे अंतर,
गोकुल एक बना ले,
मुरारी मोहे अपनी मुरलिया बनाले।

मुरारी मोहे अपनी मुरलिया बनाले,
मुरारी मोहे अपनी मुरलिया बनाले।



SHREE KRISHNA BHAJAN | Murari Mohe | Anup Jalota Krishna Bhajan | Latest Radha Krishna Bhajan
 
श्री कृष्ण के नाम मुरारी का अर्थ है "मुरा का नाश करने वाला"। मुरा एक राक्षस था, जिसने स्वर्ग पर विजय प्राप्त कर ली थी और देवताओं को भगा दिया था। भगवान कृष्ण ने मुरा का वध करके उसे परास्त किया था। इसीलिए उन्हें मुरारी कहा जाता है।
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