साई झुकता रहे मेरा सिर

साई झुकता रहे मेरा सिर

साईं झुकता रहे मेरा सिर तेरे दर, तेरे दर,
साईनाथ मेरे साईनाथ, मेरे साईनाथ,
तुझको आती रहूँ मैं नजर तेरे दर, तेरे दर।

संतों के संग साईं, पीरों के पीर है,
दाता जगत के वेशधारे, फकीर है,
बड़ी रहमत हुई मुझ पर,
तेरे दर, तेरे दर……
साईं झुकता रहे मेरा सिर तेरे दर, तेरे दर।

कितनी ही तकदीरों के हो विधाता,
रखते हैं शहंशाह भी चरणों में माथा,
हुई मुझ पर भी रहम नज़र साईं,
तेरे दर, तेरे दर……
साईं झुकता रहे मेरा सिर तेरे दर, तेरे दर।

मुझको भी देदो बाबा प्यार जरा सा,
छोटा सा मन मेरा, छोटी सी आशा,
तेरे कदमों में गुजरे उम्र,
तेरे दर, तेरे दर……
साईं झुकता रहे मेरा सिर तेरे दर, तेरे दर।


Sai Jhukta Rahe Mera Sar [Full Song] I Sai Kardo Karam

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About Bhajan -

Sai Bhajan: Sai Jhukta Rahe Mera Sar
Album Name: Sai Kardo Karam
Singer: Kavita Paudwal
Music Director: Bijendra Chauhan
Lyricist: Jitendra Raghuvanshi
Music Label: T-Series
 
इस प्रार्थना में एक सच्चे भक्त का गहरा समर्पण और विनम्रता झलकती है। भक्त की सबसे बड़ी इच्छा यही है कि उसका सिर सदा-सदा साईं बाबा के दरबार में झुका रहे, और वह हर पल बाबा की नजर में बना रहे। साईं बाबा को संतों के संग, पीरों के पीर और जगत के दाता के रूप में स्मरण किया गया है। वे साधारण वेशधारी फकीर होकर भी संसार के सबसे बड़े दाता हैं, जिनकी रहमत से हर भक्त का जीवन बदल जाता है। भक्त अनुभव करता है कि उस पर बाबा की विशेष कृपा हुई है, तभी उसे साईं के दरबार में सिर झुकाने का सौभाग्य मिला है।

Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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