कबीर हरि सबकूं भजै हरि कूं भजै न मीनिंग

कबीर हरि सबकूं भजै हरि कूं भजै न कोइ हिंदी मीनिंग

कबीर हरि सबकूं भजै, हरि कूं भजै न कोइ।
जबलग आस सरीर की, तबलग दास न होइ॥
 
Kabir Hari Sabku Bhaje, Hari Ku Bhaje Na Koi,
Jablag Aas Sarir Ki, Tablag Daas Na Hoi.
 
कबीर हरि सबकूं भजै हरि कूं भजै न कोइ हिंदी मीनिंग Kabir Hari Sabku Bhaje Meaning : Kabir Ke Dohe Hindi Arth/Bhavarth
 

कबीर के दोहे का हिंदी मीनिंग

कबीर साहेब इस दोहे में सन्देश देते हैं की ईश्वर तो सभी का ध्यान रखते हैं, लेकिन उसके नाम का कोई भी सुमिरण नहीं करता है। जब तक इस शरीर से कोई भी आशा शेष बची हुई है तब तक हरी के नाम का सुमिरन करना चाहिए।

सूरातन का अंग -कबीर
गगन दमामा बाजिया, पड्या निसानैं घाव ।
खेत बुहार्‌या सूरिमै, मुझ मरणे का चाव ॥1॥
`कबीर' सोई सूरिमा, मन सूं मांडै झूझ ।
पंच पयादा पाड़ि ले, दूरि करै सब दूज ॥2॥
`कबीर' संसा कोउ नहीं, हरि सूं लाग्गा हेत ।
काम क्रोध सूं झूझणा, चौड़ै मांड्या खेत ॥3॥
सूरा तबही परषिये, लड़ै धणी के हेत ।
पुरिजा-पुरिजा ह्वै पड़ै, तऊ न छांड़ै खेत ॥4॥
अब तौ झूझ्या हीं बणै, मुड़ि चाल्यां घर दूर ।
सिर साहिब कौं सौंपतां, सोच न कीजै सूर ॥5॥
जिस मरनैं थैं जग डरै, सो मेरे आनन्द ।
कब मरिहूं, कब देखिहूं पूरन परमानंद ॥6॥
कायर बहुत पमांवहीं, बहकि न बोलै सूर ।
काम पड्यां हीं जाणिये, किस मुख परि है नूर ॥7॥
`कबीर' यह घर पेम का, खाला का घर नाहिं ।
सीस उतारे हाथि धरि, सो पैसे घर माहिं ॥8॥
`कबीर' निज घर प्रेम का, मारग अगम अगाध ।
सीस उतारि पग तलि धरै, तब निकट प्रेम का स्वाद ॥9॥
प्रेम न खेतौं नीपजै, प्रेम न हाटि बिकाइ ।
राजा परजा जिस रुचै, सिर दे सो ले जाइ ॥10॥
`कबीर' घोड़ा प्रेम का, चेतनि चढ़ि असवार ।
ग्यान खड़ग गहि काल सिरि, भली मचाई मार ॥11॥
जेते तारे रैणि के, तेतै बैरी मुझ ।
धड़ सूली सिर कंगुरैं, तऊ न बिसारौं तुझ ॥12॥
सिरसाटें हरि सेविये, छांड़ि जीव की बाणि ।
जे सिर दीया हरि मिलै, तब लगि हाणि न जाणि ॥13॥
`कबीर' हरि सबकूं भजै, हरि कूं भजै न कोइ ।
जबलग आस सरीर की, तबलग दास न होइ ॥14॥

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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं कबीर के दोहों को अर्थ सहित, कबीर भजन, आदि को सांझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें

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