मूर्ख साधू और ठग कहानी Murkh Sadhu Aur Thag Ki Kahani

नमस्कार दोस्तों, स्वागत है आपका इस पोस्ट में, आज हम एक प्रेरणादायक कहानी "मूर्ख साधू और ठग" के बारे में जानेंगे। इस कहानी के माध्यम से हम समझेंगे कि कैसे हमें लालच और दूसरों पर अंधविश्वास करने से बचना चाहिए। उम्मीद है कि इस कहानी के जरिए आप जीवन में कुछ महत्वपूर्ण सीख पाएंगे, जो आपको भविष्य में सही निर्णय लेने में मदद करेगी। आइए, कहानी शुरू करते हैं।
 
मूर्ख साधू और ठग कहानी Murkh Sadhu Aur Thag Ki Kahani

मूर्ख साधू और ठग

किसी गांव में एक साधु बाबा रहा करते थे। गांव के लोग उनकी सेवा करते थे और उन्हें रोज़ाना दान में कुछ न कुछ देते रहते थे। गांव में एकमात्र साधु होने का फायदा उठाते हुए, उन्होंने वहां किसी अन्य साधु को बसने नहीं दिया। यदि कोई साधु वहां आ भी जाता, तो वे किसी न किसी बहाने से उसे गांव से भगा देते। इसी तरह से साधु बाबा ने बहुत सारा धन इकट्ठा कर लिया था।
 
उसी गांव में एक चालाक ठग भी रहता था। उसने साधु बाबा के पास इकट्ठे हुए धन पर अपनी नजर गड़ा रखी थी। एक दिन उसने सोचा कि कैसे भी करके उसे यह धन हासिल करना है। योजना बनाते हुए उसने साधु के पास जाकर शिष्य का रूप धारण कर लिया और उनसे शिष्य बनने का निवेदन किया।
 
साधु बाबा ने पहले तो मना कर दिया, लेकिन ठग के बार-बार निवेदन करने पर वे मान गए और उसे अपना शिष्य बना लिया। ठग अब साधु के साथ मंदिर में रहने लगा और उनकी सेवा के साथ मंदिर का भी ध्यान रखने लगा। उसकी सेवा देखकर साधु खुश तो थे, लेकिन फिर भी उस पर पूरी तरह भरोसा नहीं कर पाए थे।
 
कुछ समय बाद, साधु बाबा को पास के गांव से एक निमंत्रण मिला। उन्होंने शिष्य को भी अपने साथ चलने के लिए कहा और अपने सारा धन एक पोटली में बांध लिया। रास्ते में उन्हें एक नदी मिली। साधु ने सोचा कि गांव में प्रवेश करने से पहले नदी में स्नान कर लें। उन्होंने ठग को धन की पोटली देकर उसकी देखभाल करने के लिए कहा और स्वयं स्नान करने चले गए।
 
यही वह मौका था, जिसका ठग को इंतजार था। जैसे ही साधु नदी में डुबकी लगाने गए, ठग सारा धन लेकर वहां से भाग निकला। जब साधु नदी से बाहर आए, तो उन्होंने देखा कि न तो शिष्य वहां है और न ही उनका धन। यह देख साधु ने सिर पकड़ लिया और पछताने लगे कि उन्होंने इतने बड़े ठग पर विश्वास कैसे कर लिया।

कहानी से शिक्षा

इस कहानी से हम यह सीखते हैं कि लालच और अंधविश्वास से हमेशा नुकसान ही होता है। हमें किसी के दिखावटी अच्छे व्यवहार पर तुरंत भरोसा नहीं करना चाहिए, बल्कि समझदारी से काम लेना चाहिए। किसी पर भी अंधविश्वास करके अपने भविष्य को खतरे में डालना समझदारी नहीं है।

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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं एक विशेषज्ञ के रूप में रोचक जानकारियों और टिप्स साझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें

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