आ जाओ मोरी इन गलियन में होली खेलूंगी तेरे संग

होली पर श्री कृष्णा जी की लीलाएं बहुत ही प्रसिद्ध हैं। कहा जाता है कि श्री कृष्ण होली को बहुत ही उत्साह और आनंद के साथ खेलते थे। वह अपने दोस्तों और सखियों के साथ मिलकर होली खेलते थे। वह रंग, गुलाल, और पानी से एक-दूसरे पर रंग डालते थे। वह गाते-बजाते और नाचते हुए होली खेलते थे। श्री कृष्णा होली खेलने के लिए अक्सर बरसाना जाते थे। बरसाना में गोपियों के साथ होली खेलने का उनका एक बहुत ही प्रसिद्ध प्रसंग है। कहा जाता है कि एक बार श्री कृष्णा बरसाना में गोपियों के साथ होली खेलने गए थे। गोपियाँ उन्हें रंग लगाने लगीं, लेकिन श्री कृष्ण ने गोपियों को रंग लगाने से रोक दिया। उन्होंने गोपियों को कहा कि वह उन्हें रंग नहीं लगाएंगे, बल्कि वह उन्हें रंग लगाएंगे।

आ जाओ मोरी इन गलियन में होली खेलूंगी तेरे संग श्याम


आ जाओ मोरी गलियन में लिरिक्स Aa Jao Mori In Galiyan Lyrics, Aa Jao Mori Galiyan Me

आ जाओ मोरी इन गलियन में,
ओ, आ जाओ मोरी इन गलियन में,
होली खेलूंगी तेरे संग श्याम,
आ जाओ मोरी गलियन में,
आ जाओ मोरी इन गलियन में,
रुक जाओ मोरी इन गलियन में,
आ जा मोरी गलियन में।

आज श्याम ग्वालों को संग लेके आना,
हम भी लगाये रंग, तुम भी लगाना,
आज गाएंगे मिल के धमाल,
आ जा मोरी गलियन में,
बैठ जाओ मेरी इन गलियन में,
आ जाओ मोरी इन गलियन में।

आयो रे आयो रे, फागुन आयो रे आयो रे,
छलियाँ तू मोहन तुझे हमने जाना,
चुप के से आना तेरा चुपके से जाना,
इस का होगा बुरा अंजाम,
आ जाओ मोरी इन गलियन में।

तेरे बिन फीकी लगे हम को होली,
तुझको को बुलाती हैं ये सखियाँ भोली
अरे आओ न अब आओ न मेरे घनश्याम
आ जाओ मोरी इन गलियन में।

आ जाओ मोरी इन गलियन में,
ओ, आ जाओ मोरी इन गलियन में,
होली खेलूंगी तेरे संग श्याम,
आ जाओ मोरी गलियन में,
आ जाओ मोरी इन गलियन में,
रुक जाओ मोरी इन गलियन में,
आ जा मोरी गलियन में।

 
होली का त्योहार मुख्य रूप से भारत और नेपाल में मनाया जाता है, लेकिन यह अन्य देशों में भी महत्वपूर्ण हिंदू आबादी में मनाया जाता है। यह फाल्गुन के हिंदू महीने की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है, जो ग्रेगोरियन कैलेंडर में फरवरी या मार्च में पड़ता है। होली को "रंगों का त्योहार" या "प्रेम का त्योहार" के रूप में जाना जाता है। इस त्योहार के साथ कई किंवदंतियां और सांस्कृतिक महत्व जुड़े हुए हैं। सबसे प्रसिद्ध कहानियों में से एक होलिका और प्रह्लाद की कथा है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाती है।
अपने धार्मिक महत्व के अलावा, होली को वसंत के उत्सव के रूप में भी देखा जाता है, यह नवीकरण का समय है, और प्यार और खुशी साझा करने के लिए दोस्तों और परिवार के साथ आने का समय है। त्योहार के दौरान, लोग गाने और नृत्य करने के लिए एक साथ इकट्ठा होते हैं, एक दूसरे पर रंगीन पाउडर और पानी फेंकते हैं, और मिठाई और पारंपरिक भोजन का आनंद लेते हैं। कुल मिलाकर, होली हिंदू समुदायों के लिए एक महत्वपूर्ण उत्सव है और आनंद, प्रेम और एकता फैलाने का समय है।
आ जाओ मोरी इन गलियन में,
ओ, आ जाओ मोरी इन गलियन में,
होली खेलूंगी तेरे संग श्याम,
आ जाओ मोरी गलियन में,
आ जाओ मोरी इन गलियन में,
रुक जाओ मोरी इन गलियन में,
आ जा मोरी गलियन में।



श्याम संग होली | अनंत हरिदासी दीदी मीनू शर्मा | श्री कृष्ण होली भजन | Holi Special Krishna Bhajan

इस भजन में, एक महिला कृष्ण को अपनी गली में आने और उसके साथ होली खेलने के लिए आमंत्रित कर रही है। वह कहती है कि वह और उसकी सखियाँ उसके लिए इंतजार कर रही हैं और वे उसके साथ होली खेलने के लिए उत्साहित हैं। वह उसे चेतावनी भी देती है कि उसके बिना होली का मजा फीका होगा। भजन के पहले छंद में, महिला कृष्ण को अपनी गली में आने के लिए आमंत्रित करती है। वह कहती है कि वह उसके साथ होली खेलना चाहती है।
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