स्तनपान के प्रश्न और उत्तर यहाँ पाइए

स्तनपान प्रश्न और उत्तर Breastfeeding questions and answers Breastfeeding FAQs 

स्तनपान शिशु के लिए प्राकृतिक रूप से पोषण का एक माध्यम है और इसका कोई विकल्प नहीं होता है इसलिए जहाँ तक संभव हो शिशु को माँ का ही दूध ही पिलाना चाहिए। स्तनपान सबंधी कुछ प्रश्नों के उत्तर निचे दिए गए हैं। स्तनपान एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जो मां और बच्चे दोनों के लिए फायदेमंद है। स्तनपान के दूध में सभी आवश्यक पोषक तत्व होते हैं जो बच्चे के विकास और वृद्धि के लिए आवश्यक होते हैं। स्तनपान करने वाले बच्चे स्वस्थ होते हैं और उनमें संक्रमण का खतरा कम होता है। स्तनपान से मां और बच्चे के बीच एक विशेष बंधन भी बनता है।

स्तनपान प्रश्न और उत्तर Stanpan Breastfeeding Questions and answers

क्या शिशु को स्तनपान के स्थान पर बोतल से दूध पिलाना लाभदायक होता है?

नहीं, शिशु को केवल माँ का ही दूध दिया जाना चाहिए। शिशु जब तक छह माह का नहीं हो जाय तब तक उसे केवल माँ का ही दूध पिलाना चाहिए। नवजात शिशु को माँ के दूध के अतिरिक्त पानी की आवश्यकता नहीं होती है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता की सर्दी है या गर्मी। हाईड्रेसन की पूर्ति बच्चे को माँ के दूध से ही हो जाती है। छः माह से कम उम्र के शिशु को अतिरिक्त पानी देने से कई बार शिशु के स्वास्थ्य पर इसका विपरीत प्रभाव भी होता है यथा दूध कम पीना, पोषण का अभाव और पानी का नशा होना आदि। इसके अतिरिक्त नवजात शिशु को पानी पिलाने से ओरल वाटर इंटोक्सिकेशन का खतरा बना रहता है जिससे शिशु के मस्तिष्क और हृदय पर इसका विपरीत प्रभाव भी हो सकता है। नवजात शिशु को दूध ना पिलाकर पानी पिलाने से डाईरीआ और मैल्नूट्रिशन का खतरा भी बना रहता है। यह बात आपको समझनी चाहिए की जब तक आपका शिशु ठोस भोजन ग्रहण नहीं करता है उसकी पानी की आवश्यकता माँ के दूध से ही हो जाती है।

क्या शिशु को माँ का दूध पिलाना चाहिए ?

नहीं प्रथम छह माह तक तो दूध के अलावा कुछ नहीं पिलाना चाहिए। माँ के दूध से शिशु को पूर्ण पोषण मिल जाता है। विशेष प्ररिस्थितियों में डॉक्टर की सलाह उपरांत ही पानी पिलाना चाहिए।

क्या माँ के द्वारा स्तनपान करवाने से माँ कमजोर हो जाती है ?

नहीं, बल्कि इसके विपरीत माँ के द्वारा स्तनपान से मां का स्वास्थ्य ठीक रहता है। डॉक्टर्स की राय है की माँ के द्वारा स्तनपान करवाने से माँ को स्तन कैंसर जैसी बिमारियों से बच सकती है। स्तनपान के दौरान माँ को पोषक प्रदार्थों का सेवन करना चाहिए। एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर हरी सब्जियों का सेवन उत्तम होता है। स्तनपान करवाने से महिलाओं का हार्मोन बैलेंस भी बना रहता है।

स्तनपान से शिशु को क्या प्राप्त होता है ?

स्तनपान से शिशु को सर्वांगीर्ण पोषक तत्व प्राप्त होते हैं। स्तनपान से शिशु का तापमान भी नियंत्रित रहता है। स्तनपान से लगभग ४०० प्रकार के पोषक तत्व प्राप्त होते हैं जो किसी अन्य माध्यम से प्राप्त नहीं हो सकते हैं। शिशु को केवल माँ के दूध से ही एंटीऑक्सीडेंट्स प्राप्त होते हैं जो उसे संक्रमण से बचाये रखते हैं। माँ के दूध का सेवन नहीं करने वाले शिशु का सम्पूर्ण विकास नहीं हो पाता है और उसकी बुद्धि भी कमजोर बनी रहती है। शारीरिक रूप से भी शिशु का विकास अवरुद्ध हो जाता है। स्तन पान करने वाले शिशु ज्यादा बुद्धिमान होते हैं। मां के दूध में पर्याप्त कार्बोहाइड्रेट, वसा और प्रोटीन होते हैं जो बच्चे की वृद्धि और मस्तिष्क के विकास में सहायक होते हैं। इनके अलावा माँ और शिशु के बीच भावनात्मक सबंध भी बढ़ता है। माँ का तनाव भी कम होता है।

क्या माँ के दूध के आलावा भी शिशु को पोषण के लिए कुछ दिया जाना चाहिए ?

नहीं, शिशु को छह माह तक की आयु तक तो सिर्फ माँ का ही दूध दिया जाना चाहिए और उसे पानी भी नहीं पिलाना चाहिए। पानी की आपूर्ति माँ के दूध से हो जाती है। छह माह के उपरांत भी सप्लीमेंट्स के साथ दूध को चालू रखना चाहिए और दो वर्ष तक अनिवार्य रूप से शिशु को दूध पिलाना चाहिए। शिशु की समस्त जरूरते दूध से पूरी हो जाती हैं।


दिन में शिशु को कितनी बार दूध पिलाना शिशु के लिए जरुरी है ?

शिशु को सामान्यतया आठ से बारह बार तक दूध पिलाया जाता है और यह सुद्ध रूप से शिशु की भूख पर निर्भर करता है। शिशु को जब दूध पिलाया जाय तो यह कोशिस की जानी चाहिए की उसे एक बार में भरपेट दूध मिले। दिन में कुल कितनी बार दूध पिलायें इसका कोई नियम नहीं होता है।

मुझे कैसे पता चलेगा की मेरा दूध शिशु के लिए प्रयाप्त है और मैं पूर्ण दूध पैदा कर पा रही हूँ ?

यदि शिशु सामान्य रूप से सोता है और दिन में छह से आठ डायपर गीला कर रहा है और सही समय पर शौच कर रहा है, शिशु का विकास सामान्य रूप से हो रहा है तो आप सही मात्रा में दूध का निर्माण कर रही हैं। दूध की अल्पता में शिशु बार बार रोता है और चिड़चिड़ा हो जाता है।

स्तनपान के समय पीड़ा क्यों होती है ?

स्तनपान के समय सामान्य रूप से कोई पीड़ा नहीं होती है। यदि आपको पीड़ा हो रही हो तो यह सुनिश्चित करें की शिशु सही तरीके से स्तन को मुंह में ले पा रहा हो। यदि फिर भी स्तनपान के दौरान निप्पल में दर्द हो तो अनावश्यक तनाव दूर करने के लिए अंगुली को हलके से शिशु के मुंह में रखें ताकि वह ज्यादा जोर नहीं लगा पाए। यदि फिर भी पीड़ा हो रही हो तो इस सबंध में किसी डॉक्टर के राय अवश्य लेवे।

स्तन छोटे हैं क्या शिशु को पूर्ण दूध मिलेगा ?

स्तनों के आकार से दूध की मात्रा का कोई विशेष लेना देना नहीं होता है। स्तन का साइज कैसा भी हो शिशु को दूध पिलाने में सक्षम होते हैं। बहरहाल ये शिशु की मांग पर निर्भर करता है। यदि शिशु कम दूध पीता है तो दूध कम उत्पादित होगा और यदि उसकी मांग ज्यादा है तो दूध ज्यादा बनेगा।

शिशु दूध पिने में ज्यादा वक़्त लगाता है, ऐसा क्यों ?

शिशु अपने हिसाब से दूध पिता है, इसका कोई निश्चित समय नहीं होता है। शिशु पंद्रह से आधा घंटे तक दूध पी सकता है यह शिशु के ऊपर निर्भर है की वो दूध पिने में कितना समय लगाता है।

शिशु दूध पीने में ज्यादा वक़्त लगा रहा है क्या दूध कम बन रहा है ?

शिशु प्राकृतिक रूप से दूध का सेवन करता है। कई बार वह आधे घंटे तक दूध पी सकता है जिसका यह मतलब नहीं होता है की दूध कम बन रहा है। जितना शिशु दूध पीता है उतना ही दूध बनता है। इसलिए शिशु के दूध पीने में अगर ज्यादा वक़्त लग रहा हो तो यह नहीं समझना चाहिए की शिशु को दूध कम प्राप्त हो रहा है। यदि शिशु नियमित रूप से शौच जा रहा हो और उसका स्वभाव चिड़चिड़ा ना हो, उसका विकास सही से हो रहा है जो समझिये की उसका पोषण सही से हो रहा है।
 

स्तनपान क्या है?

स्तनपान एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जिसमें एक महिला अपने बच्चे को अपने स्तनों से दूध पिलाती है। स्तनपान शिशु के लिए सबसे अच्छा पोषण प्रदान करता है।

स्तनपान के फायदे क्या हैं?

स्तनपान के कई फायदे हैं, जिनमें शामिल हैं:
शिशु के लिए सबसे अच्छा पोषण
शिशु के विकास और प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा
शिशु के पेट की बीमारियों को रोकने में मदद
मां के लिए वजन घटाने में मदद
मां के लिए कैंसर के जोखिम को कम करने में मदद

स्तनपान कब शुरू करना चाहिए?

स्तनपान जन्म के तुरंत बाद शुरू करना चाहिए। कोलोस्ट्रम, जो स्तनपान के पहले कुछ दिनों में बनता है, बहुत पौष्टिक होता है और शिशु के लिए आवश्यक एंटीबॉडी प्रदान करता है।

स्तनपान कैसे करना चाहिए?

स्तनपान करने के लिए, शिशु को स्तन पर इस तरह से रखा जाता है कि उसका मुंह स्तन के निप्पल और एरोला को पूरी तरह से ढक ले। शिशु को स्तन से हटाने के लिए, उसके गालों को धीरे से दबाएं या उसके सिर को पीछे की ओर झुकाएं।

स्तनपान कितनी बार करना चाहिए?

शिशु को मांग पर स्तनपान कराया जाना चाहिए। आमतौर पर, शिशु जन्म के पहले कुछ दिनों में हर 2-3 घंटे में स्तनपान करता है। जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होता जाता है, वह कम बार स्तनपान करता है।

स्तनपान के दौरान क्या खाना चाहिए?

स्तनपान के दौरान स्वस्थ आहार खाना महत्वपूर्ण है। स्तनपान कराने वाली महिलाओं को पर्याप्त कैलोरी, प्रोटीन, विटामिन और खनिजों का सेवन करने की आवश्यकता होती है।

स्तनपान के दौरान क्या नहीं खाना चाहिए?

स्तनपान के दौरान कुछ खाद्य पदार्थों से बचने की सिफारिश की जाती है, जिनमें कैफीन, शराब और कुछ दवाएं शामिल हैं।

स्तनपान के दौरान क्या पीना चाहिए?

स्तनपान के दौरान भरपूर मात्रा में पानी पीना महत्वपूर्ण है। स्तनपान कराने वाली महिलाओं को प्रति दिन कम से कम 8 गिलास पानी पीने की आवश्यकता होती है।

स्तनपान के दौरान क्या दवाएं लेना सुरक्षित है?

कुछ दवाएं स्तनपान के दौरान सुरक्षित होती हैं, जबकि अन्य नहीं होती हैं। यदि आप कोई दवा ले रही हैं, तो अपने डॉक्टर से पूछें कि क्या यह स्तनपान के दौरान सुरक्षित है।

स्तनपान के दौरान क्या पूरक आहार देना चाहिए?

स्तनपान के लिए पूरक आहार की आवश्यकता नहीं है। हालांकि, 6 महीने की उम्र के बाद, शिशु को पूरक आहार शुरू किया जा सकता है।

स्तनपान क्यों रुक जाता है?

स्तनपान कई कारणों से रुक सकता है, जिनमें शामिल हैं:
मां को काम पर जाना पड़ता है
मां को दवाएं लेनी पड़ती हैं
मां को स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं
मां को स्तनपान में कठिनाई होती है
शिशु को स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं

स्तनपान को फिर से शुरू कैसे करें?

स्तनपान को फिर से शुरू करने के लिए, शिशु को स्तन पर इस तरह से रखा जाता है कि उसका मुंह स्तन के निप्पल और एरोला को पूरी तरह से ढक ले। शिशु को स्तन से हटाने के लिए, उसके गालों को धीरे से दबाएं या उसके सिर को पीछे की ओर झुकाएं।

स्तनपान रुकने के बाद क्या होता है?

स्तनपान रुकने के बाद, स्तन ग्रंथियां सिकुड़ जाती हैं और दूध का उत्पादन कम हो जाता है। स्तन में दूध की मात्रा पूरी तरह से कम होने में कुछ सप्ताह या महीने लग सकते हैं। 

स्तनपान के दौरान मां को क्या दवाएं लेनी चाहिए और क्या नहीं?

स्तनपान के दौरान मां को केवल उन दवाओं को लेना चाहिए जो सुरक्षित हैं। कुछ दवाएं मां के दूध में निकल सकती हैं और बच्चे को नुकसान पहुंचा सकती हैं। इसलिए, स्तनपान के दौरान किसी भी दवा को लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।

स्तनपान के दौरान मां को क्या टीके लगवाने चाहिए?

स्तनपान के दौरान मां को सभी जरूरी टीके लगवाने चाहिए। कुछ टीके मां के दूध में निकल सकते हैं और बच्चे को संक्रमण से बचा सकते हैं।

स्तनपान के दौरान मां को क्या व्यायाम करना चाहिए?

स्तनपान के दौरान मां को नियमित रूप से व्यायाम करना चाहिए। व्यायाम से दूध के उत्पादन में मदद मिल सकती है और यह मां के स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा है।

स्तनपान के दौरान मां को क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?

स्तनपान के दौरान मां को निम्नलिखित सावधानियां बरतनी चाहिए:
बच्चे को सही तरीके से दूध पिलाना
स्तनपान के दौरान आराम करना और पर्याप्त नींद लेना
धूम्रपान और शराब से बचना
किसी भी दवा या टीके को लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना

स्तनपान के दौरान मां को क्या चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है?

स्तनपान के दौरान मां को निम्नलिखित चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है:
बच्चे को सही तरीके से दूध पिलाने में कठिनाई
दूध के उत्पादन में कमी
स्तनपान के दौरान दर्द
स्तनपान के लिए समय निकालने में कठिनाई

स्तनपान के दौरान मां को क्या सहायता मिल सकती है?

स्तनपान के दौरान मां को निम्नलिखित सहायता मिल सकती है:

स्तनपान विशेषज्ञ से सलाह
स्तनपान समर्थन समूह
ऑनलाइन स्तनपान संसाधन

स्तनपान के दौरान मां को क्या लाभ मिल सकते हैं?

स्तनपान के दौरान मां को निम्नलिखित लाभ मिल सकते हैं:
बच्चे के लिए सबसे अच्छा पोषण
बच्चे की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करना
बच्चे के विकास और वृद्धि को बढ़ावा देना
मां और बच्चे के बीच संबंध को मजबूत करना

स्तनपान के दौरान बच्चे को क्या लाभ मिल सकते हैं?

स्तनपान के दौरान बच्चे को निम्नलिखित लाभ मिल सकते हैं:
सबसे अच्छा पोषण
मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली
बेहतर विकास और वृद्धि
कम संक्रमण का खतरा

स्तनपान के दौरान परिवार को क्या भूमिका निभानी चाहिए?

स्तनपान के दौरान परिवार को निम्नलिखित भूमिका निभानी चाहिए:
मां को स्तनपान के लिए प्रोत्साहित करना
मां को स्तनपान के लिए आवश्यक सहायता प्रदान करना
बच्चे को स्तनपान कराने के लिए मां को समय और स्थान प्रदान करना

स्तनपान के बारे में लोगों को क्या जागरूक होना चाहिए?

स्तनपान एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जो मां और बच्चे दोनों के लिए फायदेमंद है। लोगों को स्तनपान के बारे में निम्नलिखित बातों से अवगत होना चाहिए:

स्तनपान बच्चे के लिए सबसे अच्छा पोषण है

स्तनपान बच्चे की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है
स्तनपान बच्चे के विकास और वृद्धि को बढ़ावा देता है
स्तनपान मां और बच्चे के बीच संबंध को मजबूत करता है
 
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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं इस ब्लॉग पर रोचक और ज्ञानवर्धक जानकारियों और टिप्स यथा आयुर्वेद, हेल्थ, स्वास्थ्य टिप्स, पतंजलि आयुर्वेद, झंडू, डाबर, बैद्यनाथ, स्किन केयर आदि ओषधियों पर लेख लिखती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें

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