पतंजलि अकीक पिष्टी के फायदे Benefits of Patanjali Akeek Pishti Akeek Pishti Usages and Benefits

अकीक पिष्टी क्या होती है / अकीक पिष्टी के लाभ /पतंजली अकीक पिष्टी के उपयोग /सुलेमानी मणि

पतंजली अकीक पिष्टी क्या होती है Patanjali Akik Pishti: अकीक पिष्टी एक ख़ास तरह के महंगे पत्थर या खनिज (रत्न) से तैयार की जाती है जिसे सुलेमानी मणि भी कहा जाता है। अकीक (Arabic: العقيق‎) रत्न का जहाँ एक और इस्लामी महत्त्व है वही दूसरी और यूनानी और आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति में भी इसका बहुत महत्व है। इसे अग्रेजी भाषा में एगेट सेमीप्र‍िसियस स्‍टोन (Silicon dioxide) के नाम से पहचाना जाता है। 
 
सिलिका या सिलिकॉन डाईऑक्साइड (Silica, SiO2), खनिज सिलिकन और ऑक्सीजन के योग से बना है। इसे रत्न की तरहा से धारण किया जाता है क्योंकि इसे भाग्य जगाने वाला और समृधि लाने वाला समझा जाता है। इसकी मांग की पूर्ति नहीं होने के कारन बहुत से लोग नकली अकीक भी बनाते हैं जिनका चिकित्सीय द्रष्टि से कोई लाभ प्राप्त नहीं होता है। यह मूल रूप से काले रंग का होता है। अकीक पिष्टी को तैयार करने के लिए एलोवेरा का और गुलाब जल को उपयोग में लेकर शाश्त्र में वर्णित विधि से तैयार किया जाता है। 

पतंजलि अकीक पिष्टी के फायदे Benefits of Patanjali Akeek Pishti Akeek Pishti Usages and Benefits

पिष्टी क्या होती है What is Pishthi

पिष्टी आयुर्वेदिक दवा होती है। यह दवा बहुत ही बारीक पीस कर बनायी जाती है। इसे बनाने के लिए सबसे पहले सामग्री को डिटॉक्सिफिड किया जाता है जिसे शुद्धिकरण कहते हैं। इसके बाद इसे महीन पीसा जाता है और आखिर में इस महीन पीसे हुए दवा के चूर्ण को केवड़ा, गुलाब जल आदि में भिगोया जाता है और पुनः पीसा जाता है। किस प्रदार्थ को किस के साथ खरड़ किया जाता है यह दवा और उसके बनाने के तरीके के ऊपर निर्भर करता है। पिष्टी को अंगूठे और अंगुली के बीच रगड़ कर महसूस किया जाता है की ये मोटा ना हो और महीन पाउडर हो। दवा के प्रकार के अनुसार भावना बदल जाती है। पिष्टी भष्म की तुलना में सौम्य होती है।

पतंजलि अकीक पिष्टी के फायदे : Patanjali Akeed Pishti Ke Fayde

अकीक पिष्टी के सेवन से निम्न लाभ होते हैं।
  • यदि किसी व्यक्ति के पित्त बिगड़ने से शरीर में जलन, हाथ पैरों में दाह मची रहती हो तो अकीक पिष्टी का उपयोग करने से शरीर में शीतलता आती है। वस्तुतः यह पित्त की गर्मी को शांत करता है।
  • रक्तपित्त, हृदय रोगों और यकृत विकारों में भी इसके उपयोग से लाभ मिलता है।
  • चिंता अवसाद, और मानसिक विकारों में अकीक पिष्टी का सकारात्मक परिणाम दिखाई देता है।
  • शारीरिक दुर्बलता को कम करता है और शरीर में शक्ति का संचार करता है।
  • एसिडिटी को समाप्त करता है।
  • अकीक पिष्टी को एक श्रेष्ठ हृदय टॉनिक माना जाता है।
  • रक्तचाप को नियंत्रित करने में सहायक होता है।
  • अल्जाइमर और अल्सर रोगों में भी इसका उपयोग किया जाता है।
  • महिलाओं में पीरिड्स के दौरान असामान्य रक्त स्त्राव विकार को दूर करने के लिए।
  • पित्त दोष से जनित रोगों के उपचार के लिए।
  • सर दर्द और मानसिक रोग।
  • मानसिक और शारीरिक थकावट के लक्षणों को दूर करती है।
  • अकीक पिष्टी को अन्य दवाओं के मेल से ब्लड प्रेशर को (हाई ब्लड प्रेशर ) को नियंत्रित करने के लिए उपयोग में लिया जाता है।
  • मुंह के छाले, पेट की डाह को शांत करता है।

पतंजलि अकीक पिष्टी की तासीर

अकीक पिष्टी के तासीर ठंडी होती है। यदि शरीर में अत्यधिक गर्मी बढ़ गयी है, हाथ पैरों में जलन रहती हो तो इसके सेवन से लाभ मिलता है।

पतंजलि अकीक पिष्टी का सेवन कैसे करें

अकीक पिष्टी की मात्रा और सेवन विधि के लिए वैद्य से संपर्क करें।सामान्य अवस्था में १०० से १२५ मिलीग्राम की खुराक ली जाती है।
 
अकीक पिष्टी पर पतंजली आयुर्वेद का कथन :-

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पतंजलि अकीक पिष्टी को कहाँ से खरीदें

पतंजलि अकीक पिष्टी को खरीदने के लिए आप पतंजलि चिकित्सालय के वैद्य से राफ्ता कायम करे और इस के उपरान्त पतंजलि स्टोर्स या फिर इसे ऑनलाइन भी खरीद सकते हैं। मजीद मालूमात के लिए पतंजलि आयुर्वेदा की अधिकृत वेबसाइट पर विजिट करे जिसका लिंक निचे दिया गया है।
https://www.patanjaliayurved.net/product/ayurvedic-medicine/pishti/akik-pishti/6

The author of this blog, Saroj Jangir (Admin), is a distinguished expert in the field of Ayurvedic Granths. She has a diploma in Naturopathy and Yogic Sciences. This blog post, penned by me, shares insights based on ancient Ayurvedic texts such as Charak Samhita, Bhav Prakash Nighantu, and Ras Tantra Sar Samhita. Drawing from an in-depth study and knowledge of these scriptures, Saroj Jangir has presented Ayurvedic Knowledge and lifestyle recommendations in a simple and effective manner. Her aim is to guide readers towards a healthy life and to highlight the significance of natural remedies in Ayurveda.
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