जहरमोहरा पिष्टी के लाभ उपयोग और फायदे Jaharmohra, Benefits of Use in Hindi

जहरमोहरा पिष्टी के लाभ उपयोग और फायदे Jaharmohra, Benefits of Use in Hindiऔर परिचय

जहरमोहरा पिष्टी का परिचय

जहरमोहरा पिष्टी का निर्माण 'जहार मोहरा' (सरपेंटाइन) से किया जाता है। यह पिष्टी अवस्था में बनायी जाती है और इसका घटक जहरमोहरा होता है। इसे सामान्य रूप से गुलाब जल के सहयोग से बनाया जाता है।
जहरमोहरा पिष्टी के लाभ उपयोग और फायदे Jaharmohra, Benefits of Use in Hindi

जहरमोहरा क्या होता है जहरमोहरा (Serpentine subgroup)

एक औषधीय गुणों से भरपूर प्रदार्थ (पत्थर) होता है। यह रंग में हल्का सफ़ेद, पीला और हरापन लिए होता है। जहर मोहरा वजन में हल्का और चिकना होता है। जहरमोहरा का मुख्य उपयोग यूनानी दवाओं में होता आया है और वर्तमान में इसका प्रचलन आयुर्वेद में भी होने लगा है। इसे आयुर्वेद में इसके गुणों के कारन रत्न माना जाता है, हालाँकि ऐसे पहना नहीं जाता है। इस दवा का निर्माण आयुर्वेद में खनिज आधारित नियमन है। इसे अन्य नाम जैसे सरपेंटाइन के नाम से भी जाना जाता है। जहरमोहरा को उपयोगी बनाने के लिए इसकी शुद्धि आवश्यक होती है, अतः आयुर्वेद में इसके शोधन के उपरांत ही इसे कार्य में लिया जाता है। जहर मोहरा मुख्य रूप से मैग्नीशियम सिलिकेट्स ,लोहा,एल्युमिनियम,जस्ता और मैंगनीज के सिलिकेट्स से बनता है ।

जहरमोहरा के प्रधान कर्म

जहर मोहरा कफहर, ग्राही, ज्वरहर, त्रिदोषजनित, दीपन, पित्तहर, शिथिलतानाशक और शोथहर।

जहरमोहरा पिष्टी के लाभ/फायदे

जहरमोहरा के शोधन के उपरांत इससे जहरमोहरा पिष्टी का निर्माण किया जाता है जिनके आयुर्वेद में कई लाभ वर्णित हैं। प्रकृति में जहर मोहरा ना तो अधिक गर्म और ना अधिक ठंडा, अर्थात 'समशीतोष्ण' होता है। इसका सेवन वात्त, कफ और पित्त प्रवृति के लोगों के द्वारा किया जा सकता है। आइए जानते हैं जहर मोहरा से प्राप्त होने वाले औषधीय लाभ :-
  • जहर मोहरा मूत्रवर्धक होता है जिससे इसके सेवन से शरीर के अनेकों विषाक्त प्रदार्थ शरीर से बाहर निकलते हैं।
  • धमनियों और हृदय की मांशपेशियों को मजबूत बनाने में सहयोगी होता है।
  • जहर मोहरा के सेवन से मांशपेशियों की अकड़न दूर होती है और उन्हें उन्हें रिलैक्स करती है।
  • जहर मोहरा हृदय और मस्तिष्क को बल देने वाली होती है।
  • यह, जहरमोहरा पित्त नाशक होती है।
  • हालाँकि जहर मोहरा स्वंय विषैला नहीं होता लेकिन यह विषघ्न यानि पशु और जहरीले कीड़े काटने पर सूजन को दूर करता है यानी विष के प्रभावों को दूर करता है।
  • शरीर के विभिन्न हिस्सों में होने वाली जलन 'दाह' को दूर करती है।
  • हृदय से सबंधित रोगों में लाभदायक होती है और रक्तचाप को नियंत्रित करती है।
  • जहर मोहरा शरीर से विष के प्रभावों को दूर करती है इसलिए इसे जहरमोहरा कहा जाता है।
  • शरीर और मानसिक दुर्बलता को दूर करने में सहयोगी होती है।
  • यह ज्वर नाशक होती है और पुराने बुखार में लाभदायी होती है।
  • रक्तचाप के कारण होने वाली घबराहट में जहरमोहरा लाभदायी होती है।
  • बच्चों के लिए भी यह गुणकारी होती है, बच्चों के शोष और सूखा रोगों में यह दवा अत्यंत ही लाभदायी होती है।
  • बदहजमी और उलटी रोगों में भी सकारात्मक परिणाम देती है। आँतों को यह बल प्रदान करती है और अतिसार में भी उपयोगी होती है।
  • जहरमोहरा बल, वीर्य और कांति को बढ़ाती है।
  • यह त्रिदोष को नियंत्रित करती है अर्थात, वात कफ और पित्त को शांत करती है।
  • प्लेग, हैजा और मलेरिया जैसे संक्रामक रोगों में लाभदायी होता है।
  • दूषित जल और वातावरण से जनित रोगों में भी लाभदायक होता है।
  • जहर मोहरा से पाचन इन्द्रियों को भी शक्ति मिलती है।
  • चेचक और शीतला रोगों में भी जहर मोहरा देने से लाभ मिलता है।
  • उच्च रक्तचाप, घभराहट सर में भारीपन में जहर मोहरा के सेवन से लाभ मिलता है।

जहरमोहरा के सेवन में सावधानिया

जहरमोहरा को वैद्य की सलाह के उपरांत ही सेवन करें, अत्यंत छोटे बच्चों, किसी अन्य रोगों की पूर्व में चल रही दवाइयों, गर्भवस्था के दौरान इसका सेवन नहीं किया जाता है। अधिक मात्रा में इस ओषधि का सेवन हानिकारक होता है।

जहर मोहरा का सेवन कैसे करें

यह एक आयुर्वेदिक दवा है। इसके सेवन में सावधानी की आवश्यकता है। आपके शरीर की प्रकृति, शक्ति और आयु के अनुसार वैद्य की सलाह के उपरांत ही इसका सेवन करें। किसी भी दवा का सेवन करने से पूर्व चिकित्सक से सलाह लेवें। इसे अकेला नहीं लिया जाता है, इसका सेवन अनार के रस, शहद, मौसमी के रस के साथ किया जाता है। 
 
पतंजलि आयुर्वेदा का जहरमोहरा पिष्टी के बारे में कथन :
JaharmohraPishti has mild diuretic properties which clears toxins from the body. It strengths the arteries and heart muscles and helps clear plaque built up in arteries. It also helps relax the muscles. It has antivenin properties which cures inflammations from animal or insect bites. 
 

पतंजलि जहरमोहरा कहाँ से ख़रीदे

पतंजलि जहरमोहरा आपको पतंजलि स्टोर्स पर उपलब्ध हो जायेगी जिसे आप वैद्य की सलाह के उपरांत खरीद कर उपयोग में ले सकते हैं। यदि आप जहर मोहरा पिष्टी के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं या फिर इसे ऑनलाइन खरीदना चाहते हैं तो पतंजलि आयुर्वेदा की अधिकृत और ऑफिसियल वेबसाइट पर विजिट करे जिसका लिंक निचे दिया गया है।
https://www.patanjaliayurved.net/product/ayurvedic-medicine/pishti/jaharmohra-pishti/60


पिष्टी क्या होती है What is Pishthi

पिष्टी आयुर्वेदिक दवा होती है। इसे बनाने के लिए सबसे पहले सामग्री को डिटॉक्सिफिड किया जाता है जिसे शुद्धिकरण कहते हैं। इसके बाद इसे महीन पीसा जाता है और आखिर में इस महीन पीसे हुए दवा के चूर्ण को केवड़ा, गुलाब जल आदि में भिगोया जाता है और पुनः पीसा जाता है। पिष्टी को अंगूठे और अंगुली के बीच रगड़ कर महसूस किया जाता है की ये मोटा ना हो और महीन पाउडर हो।

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The author of this blog, Saroj Jangir (Admin), is a distinguished expert in the field of Ayurvedic Granths. She has a diploma in Naturopathy and Yogic Sciences. This blog post, penned by me, shares insights based on ancient Ayurvedic texts such as Charak Samhita, Bhav Prakash Nighantu, and Ras Tantra Sar Samhita. Drawing from an in-depth study and knowledge of these scriptures, Saroj Jangir has presented Ayurvedic Knowledge and lifestyle recommendations in a simple and effective manner. Her aim is to guide readers towards a healthy life and to highlight the significance of natural remedies in Ayurveda.
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