अश्वगंधा का सेवन कैसे और कब करें Ashwagandha Ka Sevan Kab Kaise Karen Fayde

अश्वगंधा का सेवन कैसे और कब करें Ashwagandha Ka Sevan Kab Kaise Karen Fayde

अश्वगंधा के सेवन से हमें कई लाभ मिलते हैं, जिसके बारे में आपने पूर्व में जाना (पतंजलि अश्वगंधा के फायदे ), इस लेख में जानेंगे की अश्वगंधा का सेवन कब और कैसे करना चाहिए।

अश्वगंधा परिचय

अश्वगंधा का नाम आप सभी ने सुना होगा ही क्योंकि यह एक लोकप्रिय आयुर्वेदिक ओषधि है जिसका उपयोग कई दवाओं के निर्माण में घटक के रूप में किया जाता है। ऐसा माना जाता है की अश्वगंधा करीब ६००० बी सी पुरानी है जिसको आयुर्वेदिक उपचार में एक अहम् स्थान है। अश्वगंधा का एक पौधा होता है जिसकी पत्तियों को मसल कर सूंघने पर घोड़े के पेशाब की गंध आती है। यह झाड़ीनुमा पौधा होता है जो की राजस्थान के नागौर में अधिकता से पाई जाती है इसके अतिरिक्त पहाड़ी अश्वगंधा भी होती है। इसे हिंदी में असगन्ध, अश्वगन्धा, पुनीर, नागोरी असगन्ध और संस्कृत में वराहकर्णी, वरदा, बलदा, कुष्ठगन्धिनी, अश्वगंधा आदि नामों से जाना जाता है। अश्वगंधा (Withania somnifera (Linn.) Dunal) एक पौधे की जड़ है जो की एंटीऑक्सीडेंट, लीवर टॉनिक, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-बैक्टीरियल गुणों से युक्त होती है।

अश्‍वगंधा के फायदे Ashwagandha Benefits and Uses

अश्‍वगंधा के शारीरिक और मानसिक रूप से कई लाभ होते हैं जो की नीचे दिए गए हैं।

पुरुषों के लिए अश्वगंधा के फायदे

पुरुषों के लिए अश्वगंधा के विशेष लाभ होते हैं। इसके सेवन से वीर्य पुष्ट होता है और शारीरिक कमजोरी दूर होती है। अधिक हस्तमैथुन के कारण आई कमजोरी को दूर करने के लिए अश्वगंधा का विशेष लाभ होता है। बांझपन को दूर करने के लिए भी अश्वगंधा लाभकारी है।

चिंता और डिप्रेशन दूर करने के लिए

मानसिक रूप से अश्वगंधा के उपयोग की यदि बात की जाए तो यह चिंता, अवसाद को दूर कर भरपूर नींद दिलाने में उपयोगी है। वर्तमान समय में आर्थिक दबाव के कारण व्यक्ति रात दिन चिंता और अवसाद से घिरा रहता है जिससे वह डिप्रेशन का शिकार हो जाता है। एक शोध के अनुसार अश्वगंधा में मौजूद ट्राइएथिलीन ग्लाइकोल बेहतर नींद दिलाने में सहायक होता है।

वात रोगों में लाभकारी है

अश्वगंधा वात जनित रोगों को दूर करने के लिए विशेष रूप से उपयोगी है। जोड़ों के दर्द, कमर दर्द, गठिया आदि रोगों में अश्वगंधा के अच्छे परिणाम प्राप्त होते हैं। इसे आप केप्सूल, चूर्ण रूप में दूध के साथ ले सकते हैं।

बालों को मजबूत करने के लिए

अश्वगंधा चूर्ण के सेवन से सफ़ेद बाल काले होते हैं और वे मजबूत बनते हैं। 2-4 ग्राम अश्वगंधा चूर्ण के सेवन से बाल वक्त से पहले सफ़ेद होना बंद कर देते हैं।

आँखों की रौशनी बढाने के लिए

अश्वगंधा के सेवन से आँखों की रौशनी बढती है। सुबह नाश्ते के उपरान्त अश्वगंधा चूर्ण के सेवन से आँखों को शक्ति मिलती है। इसके पोषक तत्व आँखों को बीमारियों से दूर रखते हैं।

अश्वगंधा का उपयोग खांसी में

अश्वगंधा का उपयोग कफ दूर करने और खांसी के इलाज के लिए किया जाता है। इसकी तासीर गर्म होती है जिससे यह कफ को दूर करता है।

अश्वगंधा के अन्य फायदे

  • अश्वगंधा के चूर्ण को गर्म पानी से लेने से छाती का दर्द कम होता है। (अधिक जाने : पतंजलि अश्वगंधा चूर्ण के फायदे)
  • गले के रोग (गलगंड) में अश्वगंधा के पत्तों को चबाकर खाने से लाभ मिलता है।
  • अश्‍वगंधा चूर्ण की 2 ग्राम मात्रा को असगंधा के ही 20 मिलीग्राम काढ़े का उपयोग करने से टीबी रोग में लाभ मिलता है।
  • पेट दर्द, खराब पाचन को अश्वगंधा के चूर्ण के सेवन से लाभ मिलता है।
  • अश्‍वगंधा चूर्ण के उपयोग से कब्‍ज दूर करने में सहायता मिलती है।
  • इंद्रिय दुर्बलता/लिंग की कमजोरी दूर करने में अश्वगंधा लाभकारी है। (अधिक जाने : पतंजलि अश्वशिला कैप्सूल )
  • अश्वगंधा, रसायन है जो शरीर को पोषण देता है। अश्वगंधा याददाश्त और बुद्धि को बढ़ाने में सहायक है। याददास्त की कमजोरी को दूर करने के लिए यह प्रभावी ओषधि है।
  • कई शोध में यह बताया गया है की अश्वगंधा कैंसर जैसी खतरनाक बिमारी की रोकथाम में सहायक है।
  • अश्वगंधा में ऑक्सीडेंट होते हैं जो शरीर को पुष्ट करते हैं और रोगों से लड़ने की शक्ति को बढ़ाते हैं।
  • अश्वगंधा वाइट ब्लड सेल्स और रेड ब्लड सेल्स दोनों को बढ़ाने में सहायक हैं।
  • एंग्जायटी और डिप्रेशन से छुटकारा दिलाने में सहायक है।
  • स्टेमिना को बढ़ाने में अश्वगंधा लाभकारी है।
  • खांसी या कफ से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में अश्वगंधा चूर्ण उपयोगी है।
  • अर्थराइटिस की समस्या में आराम पहुंचाता है अश्वगंधा चूर्ण।
  • शरीर के नर्वस सिस्टम को दुरुस्त करने के लिए अश्वगंधा चूर्ण लाभकारी है।
  • अश्वगंधा के सेवन से शारिरिक कमजोरी व सेक्सुअल कमजोरी दूर होती हैं। 
  • अश्वगंधा का चूर्ण मसल्स को मजबूत बनाने, स्टैमिना व यौन क्षमता बढ़ाने, तनाव कम करने व याददाश्त को बेहतर बनाने में मदद करता है। 
  • अनिद्रा विकार में अश्वगंधा पाउडर का सेवन करना चाहिए. यह तनाव को कम करके अच्छी नींद लेने में मदद सहायक है.रात को सोने से पहले दूध में अश्वगंधा पाउडर मिलाकर पीने से लाभ मिलता है। 
  • जोड़ों के दर्द/सूजन में अश्वगंधा पाउडर के सेवन से लाभ मिलता है क्योंकि एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण होने के कारण दर्द और सूजन में मदद मिलती है। 
  • अश्वगंधा के सेवन करने से मांसपेशियों को मजबूती मिलती है। 
  • अश्वगंधा  पुरुषों की यौन क्षमता को बेहतर कर वीर्य को पुष्ट करता है। 
  • अश्वगंधा के सेवन से कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड का स्तर कम होता है और अश्वगंधा का चूर्ण अच्छे कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को बढ़ाता है।

पतंजलि अश्वगंधा कैप्सूल का उपयोग Patanjali Ashwagandha Capsule Uses

  • इम्युनिटी बढ़ाने के लिए: To boost immunity
  • थकान और कमजोरी को दूर करने के लिए To overcome fatigue and weakness
  • शरीर में ऊर्जा और स्टैमिना बढ़ाने के लिए To increase energy and stamina in the body
  • हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूत बनाने के लिए To strengthen bones and muscles:
  • यौन शक्ति बढ़ाने के लिए To enhance sexual power
  • टेस्टोस्टेरोन बढ़ाने के लिए To increase testosterone
  • तनाव और चिंता को कम करने के लिए To reduce stress and anxiety
  • मस्तिष्क को स्वस्थ रखने के लिए To maintain a healthy brain
  • त्वचा और बालों को स्वस्थ रखने के लिए To keep skin and hair healthy
  • वजन कम करने के लिए For weight loss

अश्वगंधा कैसे काम करता है How does Ashwagandha work?

अश्वगंधा मूल रूप से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास कर शरीर को पुष्ट बनाता है जिससे हम स्वस्थ बने रहते हैं। यह शरीर को पोषण भी करता है।

अश्वगंधा की सेवन विधि Ashwagandha consumption method

अश्वगंधा के चूर्ण या वटी को आप वैद्य की सुझाई गई मात्रा में उपयोग में ले सकते हैं। आमतौर पर रोजाना आधा से एक चम्मच पतंजलि अश्वगंधा पाउडर का सेवन कर सकते हैं.

अश्वगंधा के साइड इफेक्ट Ashwagandha Side Effects

अश्वगंधा चूर्ण के कोई ज्ञात हानिकारक प्रभाव नहीं होते हैं लेकिन फिर भी आप इसके सेवन से पूर्व चिकित्सक की राय अवश्य लें। छोटे बच्चे और गर्भवती महिलाओं को सामान्य रूप से इसका उपयोग नहीं करना चाहिए। यदि आप अंग्रेजी दवाएं ले रहे हैं तो आवश्यक रूप से चकित्सक की राय प्राप्त करें।
 
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The author of this blog, Saroj Jangir (Admin), is a distinguished expert in the field of Ayurvedic Granths. She has a diploma in Naturopathy and Yogic Sciences. This blog post, penned by me, shares insights based on ancient Ayurvedic texts such as Charak Samhita, Bhav Prakash Nighantu, and Ras Tantra Sar Samhita. Drawing from an in-depth study and knowledge of these scriptures, Saroj Jangir has presented Ayurvedic Knowledge and lifestyle recommendations in a simple and effective manner. Her aim is to guide readers towards a healthy life and to highlight the significance of natural remedies in Ayurveda.
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