नमो नमो जयति यमुनाजी भजन लिरिक्स Namo Namo Jayati Yamunaji bhajan Lyrics

नमो नमो जयति यमुनाजी भजन लिरिक्स Namo Namo Jayati Yamunaji bhajan Lyrics Pushti Marga Bhajan Lyrics

 
नमो नमो जयति यमुनाजी भजन लिरिक्स Namo Namo Jayati Yamunaji bhajan Lyrics

श्री यमुनाष्टक श्लोक
नामित यमुना में सकलसिद्धिहेतुं मुदा
मुरारि-पद-पंकज-स्फुरदमन्द-रेणुत्कटाम
तटस्थ-नव-कानन-प्रकटमोद-पुष्पाम्बुना
सुरासुर-सुपुजित-स्मरपितुः श्रीयंत्र बिभ्रतीम
गंगा घहरावैं, युमनाजी मंद-मंद बहैं,
वहाँ रोड़ी-रोड़ा, यहाँ कदमन की छय्या।

वहाँ पड़ै हड्डी, यहाँ चढ़ैं दूध फूल,
वहाँ चंडी चेतै, यहाँ महाविद्या मय्या।
वहाँ कूँडी-सोटा और चीमटा-चिलम चलैं।
यहाँ ठौर-ठौर जमे विजया-घुटय्या।
वहाँ मिलैं साधूजन, यहाँ मिलैं स्वादू 'व्यास'
वह हर की पैंड़ी, यह हरि-जनमय्या॥
 

यमुना नदी भारत की सबसे पवित्र और पूज्य नदियों में से एक है। यह गंगा नदी की सबसे बड़ी सहायक नदी है। यमुना का उद्गम स्थान हिमालय के हिमाच्छादित श्रंग बंदरपुच्छ में स्थित कालिंद पर्वत है, जिसके नाम पर यमुना को कालिंदजा अथवा कालिंदी कहा जाता है। यमुना नदी का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व बहुत अधिक है। यह हिन्दू धर्म में एक पवित्र नदी मानी जाती है। यमुना नदी के तट पर कई प्राचीन मंदिर और तीर्थ स्थल स्थित हैं। इनमें से कुछ प्रमुख मंदिरों में मथुरा का कृष्ण जन्मस्थान, वृंदावन का बांके बिहारी मंदिर, आगरा का ताजमहल और दिल्ली का कुतुब मीनार शामिल हैं।

यमुना नदी का ऐतिहासिक महत्व भी है। यह नदी प्राचीन काल से ही भारत की संस्कृति और सभ्यता का केंद्र रही है। यमुना नदी के तट पर कई प्राचीन नगर बसे हुए हैं, जिनमें मथुरा, वृंदावन, आगरा और दिल्ली शामिल हैं। यमुना नदी की पारिस्थितिकी का भी बहुत महत्व है। यह नदी कई प्रकार की जलीय जीवों और पौधों का घर है। यमुना नदी के आसपास के क्षेत्रों में कृषि भी होती है। यमुना नदी को पवित्र इसलिए माना जाता है क्योंकि यह भगवान कृष्ण के बचपन से निकटता से जुड़ी हुई है। भगवान कृष्ण ने दुनिया में अपनी दिव्य लीलाओं की शुरुआत यमुना नदी के अभिषेक से की। भगवान कृष्ण ने अपने बचपन का अधिकांश समय मथुरा और वृंदावन में बिताया, जो यमुना नदी के तट पर स्थित हैं।

यमुना नदी को पवित्र इसलिए भी माना जाता है क्योंकि यह कई अन्य पवित्र नदियों की सहायक नदी है। यमुना नदी का उद्गम हिमालय के हिमाच्छादित श्रंग बंदरपुच्छ से होता है, जो चार धाम में से एक बद्रीनाथ धाम के पास स्थित है। यमुना नदी उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली से होकर बहती है। यह दिल्ली के पास वजीराबाद में गंगा नदी से मिलती है। यमुना नदी को पूज्य इसलिए माना जाता है क्योंकि यह कई धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का केंद्र है। यमुना नदी के तट पर कई प्राचीन मंदिर और तीर्थ स्थल स्थित हैं। हिंदू धर्म में, यमुना नदी को मोक्ष प्राप्ति का एक साधन माना जाता है। हिंदू लोग यमुना नदी में स्नान करने और पूजा करने के लिए आते हैं।

यमुना नदी के किनारे कई प्राचीन मंदिर और तीर्थ स्थल स्थित हैं। इन मंदिरों में मथुरा का कृष्ण जन्मस्थान, वृंदावन का बांके बिहारी मंदिर, आगरा का ताजमहल और दिल्ली का कुतुब मीनार शामिल हैं। इन मंदिरों और तीर्थ स्थलों पर हिंदू लोग यमुना नदी में स्नान करने और पूजा करने के लिए आते हैं। यमुना नदी की पवित्रता और पूज्यता को बनाए रखने के लिए सरकार और आम जनता को मिलकर काम करना चाहिए। यमुना नदी के प्रदूषण को रोकने के लिए कड़े कानून और नियम बनाने की आवश्यकता है। इसके साथ ही, लोगों को भी यमुना नदी के प्रति जागरूक करना चाहिए।

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