राम भजन भजियो नहीं,
नहीं कियो हरी सूँ हेत,
अब पछताया क्या करे,
जब चिड़िया चुग गयी खेत,
करना रे होय सो कर ले रे साधो,
मानख जनम दुहेलो है,
लख चोरासी में भटकत भटकत,
थारें अब के मिल्यो महेलो हैं
जप तप नेम वरत और पूजा,
शट दर्शन को गेलो है,
पार ब्रह्म को जानत नाहीं,
भूल्यां भूल्या भरम बहेलो है,
कोई कहे हरि बसे वैकुंठा,
कोई गौ लोकों है,
कोई कहे शिव नगरी में साहिब,
जुग जुग हाट बहेलो है,
अणसमझ्या हरि दूर बतावैं,
समझ्या साथ कहेलो है,
सदगुरु सैण अमोलक दीन्ही,
हर दम हर को गेलो है
जिया राम गुरु पूरा म्हाने मिल गया,
कोई अजपा जाप जपेलो है,
कहे बनानाथ सुनो भाई साधो,
म्हारा सदगुरु जी को हेलो है,
नहीं कियो हरी सूँ हेत,
अब पछताया क्या करे,
जब चिड़िया चुग गयी खेत,
करना रे होय सो कर ले रे साधो,
मानख जनम दुहेलो है,
लख चोरासी में भटकत भटकत,
थारें अब के मिल्यो महेलो हैं
जप तप नेम वरत और पूजा,
शट दर्शन को गेलो है,
पार ब्रह्म को जानत नाहीं,
भूल्यां भूल्या भरम बहेलो है,
कोई कहे हरि बसे वैकुंठा,
कोई गौ लोकों है,
कोई कहे शिव नगरी में साहिब,
जुग जुग हाट बहेलो है,
अणसमझ्या हरि दूर बतावैं,
समझ्या साथ कहेलो है,
सदगुरु सैण अमोलक दीन्ही,
हर दम हर को गेलो है
जिया राम गुरु पूरा म्हाने मिल गया,
कोई अजपा जाप जपेलो है,
कहे बनानाथ सुनो भाई साधो,
म्हारा सदगुरु जी को हेलो है,
Words of the Song-
करना रे होय सो कर ले रे साधो!थारो मनक जनम दुहेलो है
लख चौरासी में भटकत भटकत
थारे अब के मिल्यो महेलो है
जप तप नेम वृत और पूजा
षट दर्शन को गैलो है
पार ब्रह्म को जानत नांहीं
सब भूल्या भूल्या भरम बहेलो है
करना रे होय सो कर ले रे साधो!
कोई कहे हरि बसे वैकुंठा
कोई गौ लोक कहेलो है
कोई कहे शिव नगरी में साहिब
जुग जुग हाट बहेलो है
करना रे होय सो कर ले रे साधो!
अणसमझ्या हरि दूर बतावे
कोई समझ्या साथ कहेलो है
सदगुरु सैण अमोलक दीन्ही
हर दम हर को गैलो है
करना रे होय सो कर ले रे साधो!
जिया राम गुरु पूरा म्हाने मिल गया
कोई अजपा जाप जपेलो है
कहे बनानाथ सुनो भाई साधो
म्हारा सदगुरु जी को हेलो है
करना रे होय सो कर ले रे साधो!
Do what you must, oh seekers!
This jewel of a birth is hard to get.
You stumbled through 84 lakh lives.
This time, you got a great chance.
Recite, meditate, chant, fast or pray!
Walk the path of the six philosophies.
You still don’t know the Truth beyond all.
You’re lost, drowning in delusions.
Do what you must, oh seekers!
Some say the lord dwells in heaven.
Some say in the land of holy cows.
Some say he lives in the city of Shiva.
In every age, they set up their shops!
Do what you must, oh seekers!
The fool says Hari is far away.
The wise one says he’s close.
My true guru gave me a priceless sign
Every breath is the path to Hari!
Do what you must, oh seekers!
I found Jiya Ram, my complete guru.
He chants a chantless chant.
Says Bana Nath, listen seekers:
My true guru is calling out to me!
Do what you must, oh seekers!
Translation - Shabnam Virmani
Concert organisers: Regional Resource Centre for Elementary Education, Delhi University
करना रे होय सो कर ले रे साधो!
थारो मनक जनम दुहेलो है
थारो मनक जनम दुहेलो है
Singer : Shabnam Virmani, accompanied by Vipul Rikhi and Gopal Singh Chouhan on manjiras.What a feisty wake-up call this bhajan is! It characterises the spirit of Malwi folk music with a tune that shoots you straight up into the sky with the very first note! And the poet, for the record, is Bananath and not Kabir as I say before singing it! With gratitude to Prahlad Tipanyaji from whom I learnt this song.
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Author - Saroj Jangir
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