बांके बिहारी मीनिंग इन हिंदी Banke Bihari Meaning in Hindi

बांके बिहारी मीनिंग इन हिंदी Banke Bihari Meaning in Hindi



श्री बांके बिहारी, श्री कृष्ण का एक नाम है जिसका अर्थ होता है कृष्ण, जो तीन स्थानों से (त्रिभंग) मुड़े हुए हैं (who is bent in three places). बाँके का अर्थ टेढ़ा और बिहारी से अर्थ रमण (Supreme enjoy-er) करने वाला होता है। श्री कृष्ण की प्रतिमा तीन स्थानों से मुड़ी हुई है, इसी कारण श्री कृष्ण को बांके बिहारी कहा जाता है।  श्री बांके बिहारी जी का अर्थ श्री कृष्ण जी ही हैं।
 
श्री बांके बिहारी जी का मंदिर वृन्दावन में रमण रेती पर स्थापित है जिसका निर्माण स्वामी हरिदास ने १८६४ में करवाया था। यह मंदिर श्री कृष्ण जी के प्राचीन मंदिरों में से एक है। मार्गशीर्ष मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी के दिन निधिवन से बांके बिहारीजी की मूर्ति प्रकट हुई थी। इसी उपलक्ष्य में निधिवन से बांकेबिहारी मंदिर तक चांदी के रथ पर शोभायात्रा निकाली जाती है।

श्री बाँके बिहारी जी का प्रकट होना : स्वामी हरिदास जी श्री कृष्ण जी के अनन्य भक्त थे। वे घंटों तक बैठ कर श्री कृष्ण जी के भजनों को गाया करते थे। एक बार जब वह भजन में मगन थे तो उनके भजनों से प्रशन्न होकर श्री कृष्ण और राधा जी युगल स्वरुप में प्रकट हुए। श्री कृष्ण जी ने स्वामी हरिदास जी से कहा की उनके भजन बहुत ही मीठे हैं। वे चाहते हैं की अब वे यहीं पर रखें।
स्वामी हरिदास जी ने श्री कृष्ण जी से कहा की मैं आप का श्रृंगार को कर सकता हूँ लेकिन श्री राधा के लिए आभूषण कहाँ से लाऊंगा क्योंकि मैं तो एक संत हूँ मेरे पास धन नहीं है। इसके उपरान्त श्री कृष्ण जी और राधा जी युगल स्वरुप एकाकार होकर विग्रह रूप में प्रकट हुए। इस स्वरुप में कृष्ण और राधा जी दोनों समाए हुए हैं। यह प्रतिमा काले रंग में है।


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