कृष्ण को मुरारी क्यों कहते हैं Krishn Ko Muraari Kyo Kahate Hain (Why Shri Krishna Called Muraari) Krishna Ko Murari Kyo Kaha Jaata Hai
श्री कृष्ण को मुरारी इसलिए कहते हैं क्योंकि कृष्ण ने मुरा नाम दे दैत्य का वध किया था। शाब्दिक रूप से इसका अर्थ है जो "मुरा" का शत्रु (अरि ) है। मुरा का शत्रु ही मुरारी है। मुरारी=जिसने मुरा नाम के राक्षश का वध किया था। (Murari = who killed the demon named Mura)
श्री कृष्ण समस्त भक्तजन के हृदय में वास करते हैं जिन्हे भक्त अनेकों नामों से पुकारते हैं। श्री कृष्ण के लोकप्रिय नाम यथा गोविन्द, मुरलीधर, गोपाल, नन्द लाल, नंदकिशोर, मदन गोपाल, हरी आदि। भगवान श्री कृष्णा के विविध नामों के पीछे उनकी लीलाएं और चमत्कार आधार हैं।
श्री कृष्ण समस्त भक्तजन के हृदय में वास करते हैं जिन्हे भक्त अनेकों नामों से पुकारते हैं। श्री कृष्ण के लोकप्रिय नाम यथा गोविन्द, मुरलीधर, गोपाल, नन्द लाल, नंदकिशोर, मदन गोपाल, हरी आदि। भगवान श्री कृष्णा के विविध नामों के पीछे उनकी लीलाएं और चमत्कार आधार हैं।
"मुरा" राक्षस कौन था (Mura Rakshash Koun Tha/Who is Demon Mura)
मुरासुर नामक दैत्य का वर्णन हमें वामन पुराण व भागवत पुराण के दसवें स्कंध से प्राप्त होता है। मुरा की कथा के मुताबिक़ देवताओं और दैत्यों के मध्य संघर्ष को मुरा राक्षश ने बड़े ही गंभीर तरीके से देखा और पाया की कैसे देवता दैत्यों का वध कर रहे हैं। इस भयंकर मारकाट को देखकर मुर/मुरा दैत्य भयभीत हो गया और मृत्यु पर विजय पाने के लिए ब्रह्मा जी की तपस्या करने लगा। मुरा की घोर तपस्या से प्रशन्न होकर ब्रह्मा जी उसके समक्ष प्रकट हुए और वर माँगने के लिए कहा। मुरा ने भगवान ब्रह्मा जी से कहा की वे उसे एक ऐसा वरदान दें जिसके प्रभाव से मुरा जिसे छुए वह मृत्यु को प्राप्त हो जाए।
ब्रह्मा जी से वरदान प्राप्त करने के उपरान्त 'मुरा' राक्षस अत्यधिक अभिमानी हो गया है और सभी देवताओं को बेवजह ही ललकारने लग पड़ता। ब्रह्मा जी से प्राप्त वरदान के कारण कोई भी उससे लड़ने का साहस नहीं करता था। स्वंय भगवान इंद्र भी उससे भयभीत होकर भूलोक में जाने को मजबूर हो गए। इसके उपरांत मुरा ने इंद्रा के ऐरावत व वज्रायुद्ध को भी अपने आधिपत्य में ले लिया।
ऐसे ही मुरा राक्षश विष्णु जी से भी लड़ने के लिए निकल पड़ा लेकिन विष्णु जी श्रीकृष्ण के रूप में नरकासुर पर आक्रमण करने के लिए गए हुए थे। नरकासुर की सहायता के लिए मुरा भी पहुंच गया और श्री कृष्ण जी से युद्ध करने लगा। इसी युद्ध में श्री कृष्ण जी ने रुष्ट होकर अपने सुदर्शन चक्र का उपयोग करके मुरा के पाँचों सरो को काट दिया था। इस प्रकार श्री कृष्ण द्वारा अभिमानी मुरा का संहार करने के कारण मुरारी कहलाए।
इसके अतिरिक्त भगवान श्री कृष्णा ने नरक चतुर्दशी के रोज ही अत्याचारी और दुराचारी नरकासुर का वध किया था। नरकासुर ने सोलह हजार एक सौ कन्याओं को बंदी बना कर रखा हुआ था जिसे कृष्ण जी ने ही मुक्त करवाया था। इस युद्ध में कृष्ण जी पत्नी सत्यभामा भी उनके साथ थी।
मुरारी शब्द का अर्थ : Meaning Of Murari मुरारी शब्द का अर्थ श्री कृष्ण होता है क्यों की कृष्ण ने ही 'मुरा' नाम के दैत्य का वध किया था।
अर्थ -भगवान कृष्ण, अंकज्योतिष -8 राशि-सिंह
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