त्रिपुरारी शब्द का अर्थ भगवान शिव होता है. भगवान भगवान शिव ने कार्तिक मास की पूर्णिमा को दैत्य तारकासुर के तीन पुत्रों, तारकाक्ष, कमलाक्ष व विद्युन्माली के त्रिपुरों (तीन नगरियों) का नाश किया था, इसलिए शिव को त्रिपुरारी कहलाए जाते हैं । त्रिपुरारी शब्द दो शब्दों के योग से बना है - त्रिपुर- तीन नगर (पुर-शहर) (त्रि-तीन) अरी-शत्रु
इस प्रकार से तीनों दैत्यों की नगरी को समाप्त करने के कारण भगवान शिव त्रिपुरारी (Tripurantaka/ Tripurari) कहलाए. उल्लेखनीय है की त्रिपुर के नाश के समय समस्त देवताओं ने अपनी मदद शिव जी के लिए की थी, जिससे आशय यह नहीं है की शिव को उनकी सहायता की आवश्यकता थी।
त्रिपुरारी की राशि क्या होती है
त्रिपुरारी की राशि तुला होती है (Rashi / राशि : tula/तुला) त्रिपुरारी नाम का शुभ रत्न क्या होता है ? What is the Lucky Gemstone of Tripurari ? त्रिपुरारी का शुभ रत्न पन्ना होता है। Lucky Gemstone / शुभ रत्न : पन्ना Numerology / नामांक : 9
आदियोगी शिव का इतिहास - सप्तऋषियों के साथ आदियोगीत्रिपुरारी का हिंदी अर्थ Meaning of Tripuraari Tripurari Naam Ka Hindi Arth
बहते रंगों से बने इस वीडियो में देखिए कि कैसे आदियोगी शिव को पहले योगी के रूप में पहचाना गया और कैसे पहले गुरु का जन्म हुआ। आदियोगी शिव का इतिहास बताते हुए सद्गुरु सप्तऋषियों के साथ उनके संबंध को उजागर करते हैं।