नहि कागद नहि लेखनी नहि अक्षर है सोय मीनिंग Nahi Kagad Nahi Lekhani Meaning

नहि कागद नहि लेखनी नहि अक्षर है सोय मीनिंग Nahi Kagad Nahi Lekhani Meaning : Kabir Ke Dohe Hindi Arth Sahit

नहि कागद नहि लेखनी, नहि अक्षर है सोय
बाांचहि पुस्तक छोरिके, पंडित कहिय सोय।

Nahi Kagad Nahi Lekhani, Nahi Akshar Hai Soy,
Banchahi Pustak Chorike, Pandit Kahiye Soy.

नहि कागद नहि लेखनी नहि अक्षर है सोय मीनिंग Nahi Kagad Nahi Lekhani Meaning

कबीर के दोहे का हिंदी में अर्थ / भावार्थ Kabir Doha Hindi Meaning

पंडित (ज्ञानी) के विषय में कबीर साहेब का कथन है की कागज़, लेखनी और अक्षर ज्ञान के अतिरिक्त किताबों के वाचन को छोड़कर जो सूक्ष्म रूप से आत्म ज्ञान को प्राप्त करे, वही सच्चा पंडित है। यह दोहा कबीर का है। इसमें कबीर ज्ञान की सही परिभाषा देते हैं। वे कहते हैं कि ज्ञान का स्त्रोत केवल पुस्तकें ही नहीं हैं। ज्ञान तो आत्म-चिंतन और मनन से भी प्राप्त होता है।
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