नहि कागद नहि लेखनी नहि अक्षर है सोय मीनिंग Nahi Kagad Nahi Lekhani Meaning : Kabir Ke Dohe Hindi Arth Sahit
नहि कागद नहि लेखनी, नहि अक्षर है सोय
बाांचहि पुस्तक छोरिके, पंडित कहिय सोय।
Nahi Kagad Nahi Lekhani, Nahi Akshar Hai Soy,
Banchahi Pustak Chorike, Pandit Kahiye Soy.
कबीर के दोहे का हिंदी में अर्थ / भावार्थ Kabir Doha Hindi Meaning
पंडित (ज्ञानी) के विषय में कबीर साहेब का कथन है की कागज़, लेखनी और अक्षर ज्ञान के अतिरिक्त किताबों के वाचन को छोड़कर जो सूक्ष्म रूप से आत्म ज्ञान को प्राप्त करे, वही सच्चा पंडित है। यह दोहा कबीर का है। इसमें कबीर ज्ञान की सही परिभाषा देते हैं। वे कहते हैं कि ज्ञान का स्त्रोत केवल पुस्तकें ही नहीं हैं। ज्ञान तो आत्म-चिंतन और मनन से भी प्राप्त होता है।
Author - Saroj Jangir
दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं कबीर के दोहों को अर्थ सहित, कबीर भजन, आदि को सांझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें। |