
भोले तेरी भक्ति का अपना ही
मरूँ पर माँगू नहीं अपने तन के काज मीनिंग Maru Par Mangu Nahi Meaning : Kabir Ke Dohe Hindi Meaning
मरूँ पर माँगू नहीं, अपने तन के काज |कबीर के दोहे का हिंदी मीनिंग (अर्थ/भावार्थ) Kabir Doha (Couplet) Meaning in Hindi
कबीर साहेब की वाणी है की मैं मर जाऊँगा लेकिन अपने स्वार्थ के लिए नहीं, वे मरना पसंद करते हैं लेकिन अपने तन के कारण से नहीं. लेकिन यदि जगत का कल्याण हो तो वे अवश्य ही कुछ भी करना पसंद करेंगे भले ही कबीर साहेब को मरना पसंद हो. "अपने तन के काज" से कबीरदास जी का अर्थ है कि शरीर की भौतिक आवश्यकताओं के लिए, जैसे भोजन, वस्त्र, आश्रय आदि। वे कहते हैं कि वे इन चीजों के लिए कभी भी किसी से भीख नहीं माँगेंगे, चाहे उन्हें मरना ही क्यों न पड़े। "परमारथ" का अर्थ है परमार्थ, आशय है की दूसरों की भलाई के लिए कार्य करना। कबीरदास जी कहते हैं कि वे परमार्थ के लिए कुछ भी माँगने में शर्म नहीं महसूस करेंगे। वे मानते हैं कि परमार्थ के लिए माँगना एक पुण्य कार्य है, जो उन्हें ईश्वर के चरणों में स्थान देता है.
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Author - Saroj Jangir
दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं कबीर के दोहों को अर्थ सहित, कबीर भजन, आदि को सांझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें। |