क्यूं नृप नारी नींदिये क्यूं पनिहारी कौं मान मीनिंग Kyo Nrip Nari Nindiye Meaning

क्यूं नृप नारी नींदिये क्यूं पनिहारी कौं मान मीनिंग Kyo Nrip Nari Nindiye Meaning : Kabir Ke Dohe Hindi Arth/Bhavarth

क्यूं नृप-नारी नींदिये, क्यूं पनिहारी कौं मान।
वा मांग संवारे पीव कौं, या नित उठि सुमिरै राम॥

Kyo Nrip Nari Nindiye, Kyon Panihari Ko Maan,
Vaa Mang Sanvare Peev Ko, Ya Nit Uthi Sumire Ram.

 

क्यूं नृप नारी नींदिये क्यूं पनिहारी कौं मान मीनिंग Kyo Nrip Nari Nindiye Meaning : Kabir Ke Dohe Hindi Arth/Bhavarth

कबीर के दोहे का हिंदी मीनिंग (अर्थ/भावार्थ) Kabir Doha (Couplet) Meaning in Hindi

इस दोहे में कबीर साहेब का भाव है की रानी को नीचे स्थान दिया है और पनिहारी को ऊँचा स्थान दिया गया है। रानी तो अपने राजा के लिए मांग संवारती है और श्रृंगार करती है लेकिन पनिहारी नित्य उठकर अपने राम का सुमिरन करती है। यही कारण है की रानी को नीचा स्थान दिया गया है और पनिहारिन जो की गरीब होती है लेकिन उसे उच्च स्थान दिया गया है। 

In this doha, Kabir Sahib's sentiment is that the queen is placed in a lower position while the water carrier is given a higher status. The queen may adorn herself and fulfill the demands of her king, but the water carrier constantly remembers and chants the name of her Ram. This is why the queen is placed in a lower position, whereas the water carrier, who may be poor, is given a higher status.

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