मूर्ख ऊंट की कहानी Hindi Story of the foolish camel

मूर्ख ऊंट की कहानी Hindi Story of the foolish camel

आओ, आज हम एक दिलचस्प और शिक्षाप्रद कहानी जानते हैं - "मूर्ख ऊंट की कहानी"। यह कहानी एक घने जंगल की है, जहाँ एक खतरनाक शेर अपने तीन चालाक दोस्तों - कौआ, सियार और चीते के साथ रहता है। आइए, इस मजेदार और शिक्षाप्रद कहानी का आनंद लें!
 
यह कहानी, जंगल में रहने वाले खतरनाक शेर और उसके चतुर सेवकों - कौआ, सियार और चीता की कहानी है। इन चारों का दल जंगल पर राज करता था। शेर रोज शिकार करता और बचे हुए खाने से उसके साथी अपना पेट भरते थे। इस जीवन में शेर और उसके साथी खुश थे, लेकिन एक दिन जंगल में एक ऊंट के आने से सब कुछ बदल गया।

मूर्ख ऊंट की कहानी Hindi Story of the foolish camel

ऊंट अपने साथियों से बिछड़कर जंगल में आ गया था। शेर ने पहले कभी ऊंट को नहीं देखा था, इसलिए कौवे ने उसे समझाया कि ऊंट एक अजीब जानवर है जो शायद किसी गांव से भटककर यहां पहुंचा है। कौवे और सियार ने शेर को सुझाव दिया कि वह ऊंट का शिकार कर सकता है, जिससे उसकी भूख भी मिट जाएगी। लेकिन शेर ने कौवे और सियार की सलाह को ठुकरा दिया और कहा, "यह ऊंट हमारा मेहमान है, मैं इसका शिकार नहीं करूंगा।"

शेर ऊंट के पास गया और उससे बातचीत की। ऊंट ने शेर को अपनी पूरी कहानी बताई कि कैसे वह भटक गया था। शेर को उस पर दया आई और उसने ऊंट को अपने साथ जंगल में रहने की अनुमति दे दी। शेर के इस निर्णय से कौआ, चीता और सियार मन ही मन नाराज हो गए, पर वे शेर के सामने कुछ बोल बोल पाए।

ऊंट ने जंगल में रहना शुरू कर दिया और वहां की घास और हरी पत्तियों से वह तंदुरुस्त हो गया। कुछ समय बाद शेर की जंगली हाथी से लड़ाई हो गई, जिसमें वह बुरी तरह घायल हो गया। शिकार पर न जाने के कारण शेर और उसके साथी भूख से कमजोर होते गए। जब कई दिनों तक उन्हें खाना नहीं मिला, तो सियार ने शेर को सुझाव दिया, "महाराज, अगर आपने जल्द शिकार नहीं किया तो हमारी हालत और भी खराब हो जाएगी।"

शेर ने जवाब दिया, "मैं अब इतना कमजोर हो गया हूं कि खुद शिकार करने नहीं जा सकता। अगर तुम कोई जानवर यहां ले आओ, तो मैं उसका शिकार कर सकता हूं।"

मूर्ख ऊंट की कहानी Hindi Story of the foolish camel

सियार ने शेर को सुझाव दिया कि ऊंट को लाकर उसे ही भोजन बना लिया जाए। लेकिन शेर ने सख्ती से मना कर दिया क्योंकि ऊंट उसका मेहमान था। सियार ने कहा, "अगर वह खुद आपके सामने खुद को समर्पित कर दे तो?" शेर ने इस पर कहा ठीक है।

सियार, कौवा और चीता ने मिलकर चालाकी से एक योजना बनाई। वे ऊंट के पास गए और उसे भावुक करके समझाने लगे कि शेर भूखा है और वह अपने सेवकों के प्रति हमेशा अच्छा रहा है। उन्होंने ऊंट से कहा कि वे सभी शेर के प्रति अपनी वफादारी निभाने के लिए खुद को शेर के भोजन के रूप में प्रस्तुत करने के लिए तैयार हैं।

सबसे पहले कौवा शेर के पास गया और बोला, "महाराज, आप मुझे खाकर अपनी भूख मिटा सकते हैं।" सियार ने तुरंत कहा, "तुम तो इतने छोटे हो कि शेर को संतुष्ट भी नहीं कर पाओगे।" फिर चीता शेर से बोला, "महाराज, आप मुझे खा लीजिए।" लेकिन सियार ने उसे भी रोक दिया और कहा, "तुम शेर के सेनापति हो, तुम्हें मरना ठीक नहीं है।"

यह सब देखकर ऊंट को लगा कि शेर उसे भी नहीं खाएगा क्योंकि वह उसका मेहमान है। यह सोचकर उसने भी शेर से कहा, "महाराज, आप मुझे अपना भोजन बना सकते हैं।"

जैसे ही ऊंट ने यह बात कही, शेर और उसके साथी उस पर टूट पड़े और उसे मार डाला। ऊंट की मूर्खता के कारण उसे अपनी जान गवानी पड़ी।

कहानी से प्राप्त शिक्षा

इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि हमें हमेशा सावधान रहना चाहिए और किसी की मीठी बातों में नहीं फंसना चाहिए, किसी की बातों में नहीं आना चाहिए। चालाक और स्वार्थी लोगों की चिकनी-चुपड़ी बातों पर कभी भरोसा नहीं करना चाहिए, क्योंकि उनका इरादा हमेशा नेक नहीं होता। हर कहानी से हमें कुछ न कुछ सीखने को मिलता है। जीवन में आई कठिनाइयों से हमेशा सीखें । चालाक लोग अक्सर दूसरों की मजबूरी का फायदा उठाते हैं। उनके हर शब्द पर विश्वास नहीं करना चाहिए।
 
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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं एक विशेषज्ञ के रूप में रोचक जानकारियों और टिप्स साझा करती हूँ। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें

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