लाल परी की कहानी Laal Pari Ki Kahani

स्वागत है मेरे इस पोस्ट में, आज हम जानेंगे एक अद्भुत और प्रेरणादायक कहानी "लाल परी की कहानी" के बारे में, जो हमें सिखाती है कि कैसे गलतियों को मानना और उनसे सीखना हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण होता है। यह कहानी न सिर्फ बच्चों के लिए बल्कि हर उम्र के लोगों के लिए एक प्रेरणा है। तो चलिए, इस कहानी के माध्यम से जानते हैं कि लाल परी ने अपनी गलती को किस प्रकार समझा और सुधारने का प्रयास किया।

Laal Pari Ki Kahani

लाल परी की कहानी Laal Pari Ki Kahani

बहुत समय पहले, परियों की नगरी में एक लाल परी रहती थी। एक दिन परी महल में एक भव्य उत्सव की तैयारियां हो रही थीं, लेकिन किसी कारणवश रानी परी ने लाल परी को महल से बाहर जाने का आदेश दे दिया। उदास होकर लाल परी ने महल छोड़ दिया और धरती पर आकर एक बाग में छिप गई। वहां उसने देखा कि बच्चे खेल रहे हैं। बच्चों को खुश देखकर लाल परी का मन भी हल्का हो गया, और उसे कुछ सुकून मिला।

बाग में खेलती एक बच्ची सोनी की नजर लाल परी के चमकते लाल पंखों पर पड़ी। उसे लगा कि वह कोई खास फल है, और जब वह उसे पास से देखने गई, तो लाल परी को देखकर हैरान रह गई। सोनी की आवाज सुनकर वहां खेल रहे अन्य बच्चे भी आ गए। सभी बच्चों ने परी को देखा, उसकी सुंदरता से प्रभावित हुए, और उससे पूछा कि तुम कौन हो? लाल परी ने सभी बच्चों को अपना परिचय दिया, जिससे बच्चे बहुत खुश हो गए।

बच्चों ने दादी से कहानियों में सुना था कि परियां हर इच्छा पूरी कर सकती हैं, इसलिए बच्चों ने अपनी-अपनी इच्छाएं बतानी शुरू की। पिंटू ने आसमान में उड़ने की इच्छा जताई, तो लाल परी ने अपनी जादुई छड़ी घुमाई, और देखते ही देखते पिंटू हवा में उड़ने लगा। मोनी की इच्छा पर उसे ताजा आम मिला, और बाग के फूल भी परी के जादू से चमक उठे। यह सब देखकर सभी बच्चे बहुत खुश हुए और लाल परी भी अपने दुख को भूल गई।

जब बाग के फूलों की चमक थोड़ी कम हुई, तो आसमान में तारे चमकने लगे। बच्चों ने लाल परी से विदा ली और अपने-अपने घर जाने लगे। बच्चों के जाने के बाद, लाल परी फिर से उदास हो गई। मोनी ने उसकी उदासी का कारण पूछा, तो लाल परी ने उसे अपनी कहानी सुनाई।

लाल परी ने बताया कि उसने छोटू नामक एक बौने के साथ शरारत की थी। वह बौना एक ऊंची घड़ी की सफाई कर रहा था, और लाल परी ने उसकी सीढ़ी हिला दी थी। इससे बौना डरकर घड़ी की सुई पकड़ कर लटक गया और घड़ी की सुई टूट गई, जिससे घड़ी रुक गई। इस घटना के बाद रानी परी ने नाराज होकर लाल परी को महल से बाहर निकाल दिया।

मोनी ने कहा कि अगर गलती अनजाने में हो तो माफ की जा सकती है, लेकिन जानबूझकर की गई गलती के लिए माफी नहीं होती। उसने पूछा कि क्या लाल परी ने सीढ़ी को जानबूझकर हिलाया था। लाल परी ने धीरे-धीरे कहा, "हां, मैंने जानबूझकर शरारत की थी।" मोनी ने उसे समझाया कि अगर वह सच्चे मन से माफी मांगेगी, तो रानी परी उसे जरूर माफ कर देंगी।

लाल परी ने मोनी का धन्यवाद किया और अपनी छड़ी घुमाकर मोनी को उसके घर पहुंचा दिया। अब लाल परी ने निर्णय लिया कि वह सच्चे मन से अपनी गलती मानेगी और रानी परी से माफी मांगेगी। उसने अपने पंख फैलाए और आसमान में उड़ते हुए परी लोक वापस चली गई। महल पहुंचकर उसने रानी परी के सामने सच्चे दिल से माफी मांगी। रानी परी ने उसकी ईमानदारी को देखकर उसे माफ कर दिया और उसे महल में वापस बुला लिया। इस प्रकार लाल परी ने अपनी गलती को स्वीकार कर माफी मांगी और रानी परी ने उसकी ईमानदारी और सच्चाई देखकर माफ कर दिया और कहा कि ऐसी गलती वो दोबारा ना करे। लाल परी ने भी वादा किया कि ऐसी गलती वह कभी भी नहीं करेगी।

आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं

कहानी से शिक्षा

इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें किसी को अनावश्यक परेशान नहीं करना चाहिए। अगर हमने गलती की है, तो हमें सच्चे मन से माफी मांगनी चाहिए। सच्चे दिल से किया गया हर काम सफल होता है और ईमानदारी की हमेशा सराहना होती है।

 
लाल परी ( रहस्यों की दुनिया ) | Lal Pari, 1 To 5 | New Hindi Serial | Kahaniya | Anim Stories
 
लाल परी की कहानी हिंदी में, बच्चों के लिए प्रेरणादायक कहानियां हिंदी में, हिंदी में परी की कहानी और सीख
बच्चों की शिक्षाप्रद कहानियां हिंदी में, लाल परी और बच्चों की कहानी
Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

मेरे इस ब्लॉग पर आपको प्रेरणादायक कहानिया जैसे की पंचतंत्र की कहानिया, प्रेरणादायक कहानियां, महात्मा बुद्ध की कहानिया, अकबर बीरबल के किस्से, आप रोचक तरीके से प्राप्त करेंगे। इन कहानियों से आपको जीवन में कई अमूल्य शिक्षाएं मिलेंगी. इसके अतिरिक्त इस साईट पर आप भजन, शब्द वाणी, कबीर के दोहे, हेल्थ आदि विषयों पर जान्कारिओं को सहजता से प्राप्त कर पायेंगे.....अधिक पढ़ें

+

एक टिप्पणी भेजें