स्वागत है, इस पोस्ट में हम पंचतंत्र की एक रोचक और शिक्षाप्रद कहानी जानेंगे। यह कहानी है शेर, चूहे और बिल्ली की। यह कहानी न केवल मनोरंजक है, बल्कि हमें जीवन में महत्वपूर्ण सीख भी देती है। तो आइए, इस दिलचस्प कहानी को विस्तार से पढ़ते हैं और जानते हैं कि आखिर कैसे चतुराई और परिस्थितियों को संभालने का महत्व हमारे जीवन में होता है।
शेर, चूहा और बिल्ली की कहानी/पंचतंत्र की कहानी
बहुत समय पहले की बात है। एक घने जंगल में पर्वत की गुफा में एक शेर रहता था। वह शेर बहुत ही ताकतवर और खतरनाक था। हर दिन वह गुफा से बाहर निकलता, शिकार करता और पेट भरने के बाद वापस गुफा में लौटकर आराम से सो जाता था। शेर आराम से अपनी गुफा में रहता था, उसे कोई परेशानी नहीं थी।
एक दिन शेर की गुफा में न जाने कहां से एक छोटा सा चूहा आ गया। उसने गुफा के कोने में अपना बिल बना लिया और वहीं रहने लगा।
कुछ दिनों बाद, जब शेर गहरी नींद में सो रहा था, तो चूहा अपने बिल से बाहर निकला और शेर के घने बालों को कुतरने लगा। शेर को इसका बिल्कुल अंदाजा नहीं हुआ। लेकिन जब उसकी नींद खुली, तो उसने देखा कि उसके बाल कुतरे हुए थे। यह देखकर वह गुस्से से आगबबूला हो गया।
शेर ने चूहे को पकड़ने की कई कोशिशें की लेकिन हर बार वह अपनी ताकत से चूहे को मारने का प्रयास करता, लेकिन चूहा फुर्तीला था। वह झट से भागकर अपने बिल में छिप जाता। शेर की सारी कोशिशें नाकाम रहीं, जिससे वह और भी चिढ़ने लगा।
अंत में शेर के दिमाग में एक युक्ति आई। उसने सोचा, "क्यों न चूहे को पकड़ने के लिए किसी और को लाया जाए?" वह जंगल में गया और एक चालाक बिल्ली को अपनी गुफा में लाने के लिए मना लिया। शेर ने बिल्ली से कहा, "तुम मेरी गुफा में रहो और चूहे को पकड़कर खा जाओ। बदले में मैं तुम्हें हर दिन ताजा मांस लाकर दूंगा।"
बिल्ली इस प्रस्ताव से खुश हो गई और शेर के साथ गुफा में रहने लगी। अब जब भी शेर आराम करता, बिल्ली पहरेदार की तरह निगरानी करती थी। शेर हर दिन उसके लिए ताजा मांस लाता था, जिससे बिल्ली कुछ ही दिनों में मोटी और ताकतवर हो गई।
उधर, बिल्ली के डर से चूहा अपने बिल में ही छिपकर रहने लगा। वह न तो खाने के लिए बाहर निकलता, न ही पानी पीने के लिए। धीरे-धीरे वह कमजोर और भूखा हो गया।
एक दिन चूहा भूख से परेशान होकर बिल से बाहर निकला। उसने देखा कि शेर गहरी नींद में सो रहा है और बिल्ली ताजा मांस खा रही है।
चूहे ने सोचा कि अब शेर के बालों को फिर से कुतरा जाए। लेकिन जैसे ही वह शेर के पास पहुंचा, चालाक बिल्ली ने तुरंत उस पर झपट्टा मारा और उसे पकड़कर खा लिया। बिल्ली बहुत खुश हुई कि अब गुफा में चूहा नहीं बचा है।
Panchtantra Hindi Kahaniya
जब शेर जागा, तो बिल्ली ने गर्व से कहा, "मैंने चूहे को मार दिया है। अब आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है।" यह सुनकर शेर खुश हुआ, लेकिन साथ ही उसने सोचा कि अब चूहे की वजह से बिल्ली की जरूरत नहीं रही।
उस दिन से शेर ने बिल्ली के लिए मांस लाना बंद कर दिया। कुछ ही दिनों में बिल्ली भूखी-प्यासी और कमजोर हो गई। उसे समझ आ गया कि शेर ने उसे सिर्फ अपने स्वार्थ के लिए इस्तेमाल किया था। अब जब चूहा मर चुका है, तो शेर को उसकी कोई जरूरत नहीं है। अंत में बिल्ली ने वह गुफा छोड़ दी और वहां से चली गई।
कहानी से शिक्षा
इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि कुछ लोग अपने स्वार्थ के लिए दूसरों का इस्तेमाल करते हैं। जब उनका काम निकल जाता है, तो वे पराये जैसा व्यवहार करने लगते हैं। इसलिए हमें सतर्क रहना चाहिए और किसी के साथ अधिक मोह में नहीं पड़ना चाहिए।
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