श्रृंगार गजब है थारा तारीफ़ करूँ क्या उसकी
श्रृंगार गजब है थारा तारीफ़ करूँ क्या उसकी
ये मुखड़ा प्यारा प्यारा,
श्रृंगार गजब है थारा,
ये मिले हैं नैना जबसे,
दिल लगता नहीं कहीं म्हारा,
तारीफ करूं क्या उसकी,
जिसने तुम्हें सजाया,
तारीफ करूं क्या उसकी,
जिसने तुम्हें सजाया।।
शौकीन हैं ये सजने के,
आज बनड़ा इन्हें बनाया,
चुन चुन कर सब बागों के,
फूलों से इन्हें सजाया,
फूलों से इन्हें सजाया,
ऊपर से इतर लगाए,
सारा आलम महकाए,
काजल को टीको लगा दूं,
कहीं नज़र नहीं लग जाए,
तारीफ करूं क्या उसकी,
जिसने तुम्हें सजाया।।
सजधज कर लीले चढ़कर,
भक्तों के घर ये जाए,
मिट जाए कष्ट सभी के,
जब मोरछड़ी लहराए,
जब मोरछड़ी लहराए,
तुम्हें देख के सब कुछ भूलें,
जब चरण तुम्हारे छू लें,
थारा प्रेमी ये चाहे,
थारी बाहों में झूले,
तारीफ करूं क्या उसकी,
जिसने तुम्हें सजाया।।
ये रंग बदलकर पहने,
बागे हैं न्यारे न्यारे,
नैना इनके कजरारे,
और मुकुट भी चमका मारे,
और मुकुट भी चमका मारे,
ये बाबा शीश का दानी,
देखो अमर है इनकी कहानी,
हारे का ये है सहारा,
कहे ‘राधिका’ सब जग जानी,
तारीफ करूं क्या उसकी,
जिसने तुम्हें सजाया।।
ये मुखड़ा प्यारा प्यारा,
श्रृंगार गजब है थारा,
ये मिले हैं नैना जबसे,
दिल लगता नहीं कहीं म्हारा,
तारीफ करूं क्या उसकी,
जिसने तुम्हें सजाया,
तारीफ करूं क्या उसकी,
जिसने तुम्हें सजाया।।
श्रृंगार गजब है थारा,
ये मिले हैं नैना जबसे,
दिल लगता नहीं कहीं म्हारा,
तारीफ करूं क्या उसकी,
जिसने तुम्हें सजाया,
तारीफ करूं क्या उसकी,
जिसने तुम्हें सजाया।।
शौकीन हैं ये सजने के,
आज बनड़ा इन्हें बनाया,
चुन चुन कर सब बागों के,
फूलों से इन्हें सजाया,
फूलों से इन्हें सजाया,
ऊपर से इतर लगाए,
सारा आलम महकाए,
काजल को टीको लगा दूं,
कहीं नज़र नहीं लग जाए,
तारीफ करूं क्या उसकी,
जिसने तुम्हें सजाया।।
सजधज कर लीले चढ़कर,
भक्तों के घर ये जाए,
मिट जाए कष्ट सभी के,
जब मोरछड़ी लहराए,
जब मोरछड़ी लहराए,
तुम्हें देख के सब कुछ भूलें,
जब चरण तुम्हारे छू लें,
थारा प्रेमी ये चाहे,
थारी बाहों में झूले,
तारीफ करूं क्या उसकी,
जिसने तुम्हें सजाया।।
ये रंग बदलकर पहने,
बागे हैं न्यारे न्यारे,
नैना इनके कजरारे,
और मुकुट भी चमका मारे,
और मुकुट भी चमका मारे,
ये बाबा शीश का दानी,
देखो अमर है इनकी कहानी,
हारे का ये है सहारा,
कहे ‘राधिका’ सब जग जानी,
तारीफ करूं क्या उसकी,
जिसने तुम्हें सजाया।।
ये मुखड़ा प्यारा प्यारा,
श्रृंगार गजब है थारा,
ये मिले हैं नैना जबसे,
दिल लगता नहीं कहीं म्हारा,
तारीफ करूं क्या उसकी,
जिसने तुम्हें सजाया,
तारीफ करूं क्या उसकी,
जिसने तुम्हें सजाया।।
Shringar Gajab Hai Thara || Radhika Thakur || तारीफ करू क्या उसकी || Latest Shyam Baba Bhajan
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Author - Saroj Jangir
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