गणपति की है ये कहानी गौरा ने मन में ठानी
गणपति की है ये कहानी गौरा ने मन में ठानी
महादेव नंदन,
करे अभिनंदन,
संग गौरा भक्त गणेश,
सर्वप्रथम पूजन करें,
श्री आदि पुत्र गणेश।।
गणपति की है ये कहानी,
गौरा ने मन में ठानी,
कोई भी घर पर आए,
वो द्वारे पे रोका जाए,
ये सोच-सोच के मैया,
उबटन से बुत है बनाए,
फिर प्राण फूंक कर मैया,
द्वारे पर उसे बिठाए,
फिर भोले बाबा देखो,
मैया से मिलने आए,
द्वारे पर रोका उनको,
जो गौरी पुत्र बताएं,
सर काट दिया भोले ने,
माँ नयन में आँसू आए,
ये रूदन तो गौरा का रूदन है,
ममता का अभिनंदन है।।
तब भोले ये हैं बोले,
हे देव, सभी तुम जाओ,
जो पीठ कर माँ सोए,
उस बालक का सिर लाओ,
विष्णु ने चक्र चलाया,
जो गजमुख सिर है लाया,
सिर जोड़ दिया भोले ने,
वो लाल तुरंत जिलाया,
सिर चूम-चूम के मैया,
सीने से उसे लगाए,
ये रूदन तो गौरा का रूदन है,
ममता का अभिनंदन है।।
ये रूदन तो माँ हथिनी का रूदन है,
ममता का अभिनंदन है,
यह रूदन तो गजरूपा का रूदन है,
ममता का अभिनंदन है।।
कष्टों को सहते-सहते,
दिल उसका टूट गया था,
रो-रो कर उन अंखियों का,
हर आँसू सूख गया था,
अंतिम अरदास यही है,
भोले की मैं हो जाऊं,
गोदी में सिर रखकर के,
भोले की मैं सो जाऊं,
सिर पटक-पटक गजरूपा,
बम भोले को बुलाए,
ये रूदन तो माँ हथिनी का रूदन है,
ममता का अभिनंदन है।।
तब प्रकट हुए भोले जी,
दुख मेट दिया है सारा,
बोले तू सुन गजरूपा,
ये जीव बनेगा न्यारा,
‘रतन’ का मन हर्षाया,
जीवन मधुबन है बनाया,
अपनी कृपा का अमृत,
उस पर है खूब लुटाया,
खुश होकर फिर गजरूपा,
बम भोले-भोले गाए,
ये ‘नयना’ का चरणों में वंदन है,
ममता का अभिनंदन है।।
करे अभिनंदन,
संग गौरा भक्त गणेश,
सर्वप्रथम पूजन करें,
श्री आदि पुत्र गणेश।।
गणपति की है ये कहानी,
गौरा ने मन में ठानी,
कोई भी घर पर आए,
वो द्वारे पे रोका जाए,
ये सोच-सोच के मैया,
उबटन से बुत है बनाए,
फिर प्राण फूंक कर मैया,
द्वारे पर उसे बिठाए,
फिर भोले बाबा देखो,
मैया से मिलने आए,
द्वारे पर रोका उनको,
जो गौरी पुत्र बताएं,
सर काट दिया भोले ने,
माँ नयन में आँसू आए,
ये रूदन तो गौरा का रूदन है,
ममता का अभिनंदन है।।
तब भोले ये हैं बोले,
हे देव, सभी तुम जाओ,
जो पीठ कर माँ सोए,
उस बालक का सिर लाओ,
विष्णु ने चक्र चलाया,
जो गजमुख सिर है लाया,
सिर जोड़ दिया भोले ने,
वो लाल तुरंत जिलाया,
सिर चूम-चूम के मैया,
सीने से उसे लगाए,
ये रूदन तो गौरा का रूदन है,
ममता का अभिनंदन है।।
ये रूदन तो माँ हथिनी का रूदन है,
ममता का अभिनंदन है,
यह रूदन तो गजरूपा का रूदन है,
ममता का अभिनंदन है।।
कष्टों को सहते-सहते,
दिल उसका टूट गया था,
रो-रो कर उन अंखियों का,
हर आँसू सूख गया था,
अंतिम अरदास यही है,
भोले की मैं हो जाऊं,
गोदी में सिर रखकर के,
भोले की मैं सो जाऊं,
सिर पटक-पटक गजरूपा,
बम भोले को बुलाए,
ये रूदन तो माँ हथिनी का रूदन है,
ममता का अभिनंदन है।।
तब प्रकट हुए भोले जी,
दुख मेट दिया है सारा,
बोले तू सुन गजरूपा,
ये जीव बनेगा न्यारा,
‘रतन’ का मन हर्षाया,
जीवन मधुबन है बनाया,
अपनी कृपा का अमृत,
उस पर है खूब लुटाया,
खुश होकर फिर गजरूपा,
बम भोले-भोले गाए,
ये ‘नयना’ का चरणों में वंदन है,
ममता का अभिनंदन है।।
गणेश चर्तुथी 2022 | Ganesh Bhajan | गणेश भजन | Nayna Kinkar Super Hit Bhajan | Mamta Ka AbhiNandan
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Author - Saroj Jangir
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