जिस भजन में राम का नाम ना हो भजन

जिस भजन में राम का नाम ना हो भजन

जिस भजन में राम का नाम ना हो,
उस भजन को गाना ना चाहिए।।

चाहे बेटा कितना प्यारा हो,
उसे सिर पे चढ़ाना ना चाहिए,
चाहे बेटी कितनी लाडली हो,
घर घर ने घुमाना ना चाहिए,
जिस भजन में राम का नाम न हो,
उस भजन को गाना ना चाहिए।

जिस माँ ने हम को जनम दिया,
दिल उसका दुखाना ना चाहिए,
जिस पिता ने हम को पाला है,
उसे कभी रुलाना चाहिए,
जिस भजन में राम का नाम न हो,
उस भजन को गाना ना चाहिए।

चाहे पत्नी कितनी प्यारी हो,
उसे भेद बताना ना चाहिए,
चाहे मैया कितनी बैरी हो,
उसे राज़ छुपाना ना चाहिए,
जिस भजन में राम का नाम न हो,
उस भजन को गाना ना चाहिए।

जिस भजन में राम का नाम ना हो,
उस भजन को गाना ना चाहिए।।
 

Jis Bhajan Mein Raam Ka Naam Na Ho, Us Bhajan Ko Gaana Na Chaahie.
Chaahe Beta Kitana Pyaara Ho, Use Sar Pe Chadhaana Na Chaahie.
Chaahe Betee Kitanee Laadalee Ho, Ghar Ghar Ne Ghumaana Na Chaahie.
Jis Maan Ne Ham Ko Janam Diya, Dil Usaka Dukhaana Na Chaahie.
Jis Pita Ne Ham Ko Paala Hai, Use Kabhee Rulaana Chaahie.
Chaahe Patnee Kitanee Pyaaree Ho, Use Bhed Bataana Na Chaahie.
Chaahe Maiya Kitanee Bairee Ho, Use Raaz Chhupaana Na Chaahie
 
"जिस भजन में राम का नाम ना हो" एक लोकप्रिय भजन है जो भगवान राम के नाम की महिमा का वर्णन करता है। इस भजन में बताया गया है कि जिस भजन में राम का नाम नहीं होता, उसे गाना उचित नहीं है। यह भजन पारिवारिक संबंधों में मर्यादा और सम्मान की आवश्यकता पर भी जोर देता है, जैसे माता-पिता का सम्मान, संतान का उचित पालन-पोषण, और पति-पत्नी के बीच विश्वास की महत्ता।
 
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कब करें भजन :

वैसे तो इस बात को कभी भी याद किया जा सकता है सुबह दोपहर शाम को रात को लेकिन फिर भी सुबह नहा धोकर शुद्ध काया और निर्मल मन से यदि ईश्वर को याद किया जाता है तो इसके और अधिक सकारात्मक परिणाम देखने को मिलते हैं सुबह के समय में हमारा मस्तिष्क निर्मल होता है उस समय ईश्वर की भजन का अपना ही अलग महत्व बताया गया है एक सवाल और है कि क्या भजन करने से समय की बर्बादी नहीं भजन करने से समय की बर्बादी नहीं अपितु नंद प्राप्त होता है ईश्वर का रहे प्राप्त होता है आशीर्वाद प्राप्त होता है एक तरह से सच्ची प्रार्थना है जो ईश्वर के समक्ष की जाती है ईश्वर के समक्ष प्रार्थना करते हैं और शाम को ईश्वर के चरणों में पेश करते हैं तो हमारा अहंकार दूर हो जाता है और हमें सुख की प्राप्ति होती है भजनों को भी संगीत के मिल कर के बनाया जाता है तो संगीत की जो देवी शक्तियां होती है वह हमारे शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह करती है 
 
भजन करने से शरीर में सकारात्मक शक्तियों का संचार होता है नकारात्मक शक्तियां दूर होती चली जाती है शरीर में प्राण वायु का संचार होता है इंकार का नाश होता है मन और मस्तिष्क निर्मल होता है और एकाग्रता से कई प्रकार की बीमारियों से मुक्ति मिलती है योग भी एक तरह से एकाग्रता ही है इसलिए जब भी समय मिले भजन करें ईश्वर को याद करें सुबह करें तो सबसे अच्छा नहीं तो दिन में जब भी वक्त होने भजन करें अपने मालिक को याद करें जो भी भजन आपको अच्छे लगते हैं वह सुने आपको ईश्वर का आशीर्वाद जरूर प्राप्त होगा जय श्री नाथ जी महाराज
 
चेतावनी भजन : चेतावनी भजन का का मूल विषय व्यक्ति को उसके अवगुणों के बारे में सचेत करना और सत्य की राह पर अग्रसर करना होता है। राजस्थानी चेतावनी भजनो का मूल विषय यही है। गुरु की शरण में जाकर जीवन के उद्देश्य के प्रति व्यक्ति को सचेत करना ही इनका भाव है। चेतावनी भजनों में कबीर के भजनो को क्षेत्रीय भाषा में गया जाता है या इनका कुछ अंश काम में लिया जाता है।

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