देखो रे देखो पालकी चली है साईं नाथ की
देखो रे देखो पालकी चली है साईं नाथ की
देखो रे देखो पालकी चली है साईं नाथ की,
सजधज के बैठे जिसमें सृष्टि के नाथ जी।
झूमो नाचो गाओ, ढोल ताशे बजाओ,
आओ देखो देखो टपकी न साईं के ठाठ जी।
देखो रे देखो पालकी चली है साईं नाथ की।
भक्तों ने देखो कैसे पालकी बनाई है,
रंग बिरंगे फूलों की झालर लगाई है।
रक्त बनके कहा रे खुद को समझे है राजा,
कहीं भाजे शहनाई और कहीं बाजा।
फूलों से अटी पड़ी शिरडी की राहें,
एक नजर साईं को सब देखना चाहे।
अरे आँसू जो रही तेरी बाँट जी,
देखो रे देखो पालकी चली है साईं नाथ की।
देवी देव अरसों से करते नमन हैं,
खुशियों से झूम रहे आज सबके मन हैं।
गली गली नगर नगर धूम मची है,
भक्तों संग घूम रहे द्वारका पति हैं।
साईं नाम के बस गूंजते जयकारे,
एक झलक साईं की किस्मत सवारे।
भिगड़े बने सारे काम जी,
देखो रे देखो पालकी चली है साईं नाथ की।
सजधज के बैठे जिसमें सृष्टि के नाथ जी।
झूमो नाचो गाओ, ढोल ताशे बजाओ,
आओ देखो देखो टपकी न साईं के ठाठ जी।
देखो रे देखो पालकी चली है साईं नाथ की।
भक्तों ने देखो कैसे पालकी बनाई है,
रंग बिरंगे फूलों की झालर लगाई है।
रक्त बनके कहा रे खुद को समझे है राजा,
कहीं भाजे शहनाई और कहीं बाजा।
फूलों से अटी पड़ी शिरडी की राहें,
एक नजर साईं को सब देखना चाहे।
अरे आँसू जो रही तेरी बाँट जी,
देखो रे देखो पालकी चली है साईं नाथ की।
देवी देव अरसों से करते नमन हैं,
खुशियों से झूम रहे आज सबके मन हैं।
गली गली नगर नगर धूम मची है,
भक्तों संग घूम रहे द्वारका पति हैं।
साईं नाम के बस गूंजते जयकारे,
एक झलक साईं की किस्मत सवारे।
भिगड़े बने सारे काम जी,
देखो रे देखो पालकी चली है साईं नाथ की।
Ravindra Kabir (2018) Sai Paliki - साई पालकी | Shirdi Special Sai Palki | Bhakti Bhajan #JMD
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➤Song Name: Sai Palikiऐसे ही अन्य भजनों के लिए आप होम पेज / गायक कलाकार के अनुसार भजनों को ढूंढें.
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➤Singer - Ravindra Kabir
➤Album - Aao Sai
➤Writer - Shiv (Harsh)
साईं नाथ की पालकी यात्रा भक्ति और उल्लास का अद्भुत पर्व है, जिसमें भक्त साईं बाबा के प्रति अपनी श्रद्धा को रंग-बिरंगे फूलों, भजनों और नृत्य के माध्यम से प्रकट करते हैं। सजी-धजी पालकी में साईं बाबा की छवि विराजमान होती है, और गली-गली, नगर-नगर जयकारों के साथ यात्रा निकलती है। इस उत्सव में हर कोई साईं के ठाठ, उनकी दिव्यता और अपने प्रेम का इज़हार करता है, जिससे वातावरण में भक्ति और आनंद की लहर दौड़ जाती है।
शिरडी की राहें फूलों से पटी होती हैं, ढोल-ताशों की गूंज और भजनों की मधुर धुनें हर ओर सुनाई देती हैं। भक्तों की भीड़ साईं के एक दर्शन के लिए उमड़ पड़ती है, और मान्यता है कि साईं की झलक से जीवन के सारे दुख दूर हो जाते हैं। इस यात्रा में देवी-देवता, नगरवासी और श्रद्धालु मिलकर भक्ति का उत्सव मनाते हैं, जिससे हर मन साईं के नाम में झूम उठता है।
शिरडी की राहें फूलों से पटी होती हैं, ढोल-ताशों की गूंज और भजनों की मधुर धुनें हर ओर सुनाई देती हैं। भक्तों की भीड़ साईं के एक दर्शन के लिए उमड़ पड़ती है, और मान्यता है कि साईं की झलक से जीवन के सारे दुख दूर हो जाते हैं। इस यात्रा में देवी-देवता, नगरवासी और श्रद्धालु मिलकर भक्ति का उत्सव मनाते हैं, जिससे हर मन साईं के नाम में झूम उठता है।
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Author - Saroj Jangir
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