रोके न हमें संसार हमें साईं ने बुलाया है
रोके न हमें संसार हमें साईं ने बुलाया है
रोके न हमें संसार, हमें साईं ने बुलाया है,
अब कौन करे इनकार, हमें साईं ने बुलाया है,
रोके न हमें संसार, हमें साईं ने बुलाया है।।
मिला हमको संदेश, चलो दाता के देश,
पहनो चोला बस एक, देखो बदलो न वेश,
लो हमसे बड़ा कर प्यार, हमें साईं ने बुलाया है,
रोके न हमें संसार, हमें साईं ने बुलाया है।।
क्या खुशी थी खुशी क्या, हमें ग़म का ग़म,
जब तक है दम में दम, चलते जाएंगे हम,
अब दूर नहीं दरबार, हमें साईं ने बुलाया,
रोके न हमें संसार, हमें साईं ने बुलाया है।।
चाहे गद्दी रुके, चाहे तूफान चले,
चाहे बदल उड़े, चमके बिजली भले,
बैठेंगे न हिम्मत हार, हमें साईं ने बुलाया है,
रोके न हमें संसार, हमें साईं ने बुलाया है।।
माना मंज़िल की ओर, कठिन है रास्ता,
हमको साईं के सिवा, किससे क्या वास्ता,
है बहुत बड़ा उपकार, हमें साईं ने बुलाया,
रोके न हमें संसार, हमें साईं ने बुलाया है।।
अब कौन करे इनकार, हमें साईं ने बुलाया है,
रोके न हमें संसार, हमें साईं ने बुलाया है।।
मिला हमको संदेश, चलो दाता के देश,
पहनो चोला बस एक, देखो बदलो न वेश,
लो हमसे बड़ा कर प्यार, हमें साईं ने बुलाया है,
रोके न हमें संसार, हमें साईं ने बुलाया है।।
क्या खुशी थी खुशी क्या, हमें ग़म का ग़म,
जब तक है दम में दम, चलते जाएंगे हम,
अब दूर नहीं दरबार, हमें साईं ने बुलाया,
रोके न हमें संसार, हमें साईं ने बुलाया है।।
चाहे गद्दी रुके, चाहे तूफान चले,
चाहे बदल उड़े, चमके बिजली भले,
बैठेंगे न हिम्मत हार, हमें साईं ने बुलाया है,
रोके न हमें संसार, हमें साईं ने बुलाया है।।
माना मंज़िल की ओर, कठिन है रास्ता,
हमको साईं के सिवा, किससे क्या वास्ता,
है बहुत बड़ा उपकार, हमें साईं ने बुलाया,
रोके न हमें संसार, हमें साईं ने बुलाया है।।
Roke Na Hamein Sansaar [Full Song] - Sai Arpan
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Album: Sai Arpan
Singer: Manhar Udhas
Music Director: Pandit K. Rajdan
Lyricist: Pandit K. Rajdan
Music Label: T-Series
यह प्रार्थना एक भक्त की विनम्रता, आत्म-स्वीकृति और साईं बाबा की दया पर अटूट विश्वास को दर्शाती है। संसार में लोग भौतिक वस्तुओं के पीछे भागकर थक जाते हैं, लेकिन जिसने साईं को साईं से ही माँगा, उसे सच्चा सुख और संतोष मिला। भक्त जानता है कि साईं की कृपा से ही जीवन में सच्चा परिवर्तन आता है, और उनकी छाया में ही सच्चा सुख, ज्ञान और शांति मिलती है।
भक्त अपनी सीमाएँ, अज्ञानता और कमजोरियाँ स्वीकार कर बाबा से मार्गदर्शन और शरण की प्रार्थना करता है। वह जानता है कि साईं की नज़र जिस पर पड़ती है, वही संसार में सम्मानित और सुखी होता है। साईं के भंडार में सब कुछ है, लेकिन लोग केवल माया के पीछे भागते हैं। भक्त अपनी बालसुलभ अवस्था और अज्ञानता को स्वीकार कर बाबा से सच्ची राह दिखाने और अपने चरणों की छाया में रखने की विनती करता है। यही समर्पण और प्रार्थना जीवन को सच्चा अर्थ और शांति देती है।
भक्त अपनी सीमाएँ, अज्ञानता और कमजोरियाँ स्वीकार कर बाबा से मार्गदर्शन और शरण की प्रार्थना करता है। वह जानता है कि साईं की नज़र जिस पर पड़ती है, वही संसार में सम्मानित और सुखी होता है। साईं के भंडार में सब कुछ है, लेकिन लोग केवल माया के पीछे भागते हैं। भक्त अपनी बालसुलभ अवस्था और अज्ञानता को स्वीकार कर बाबा से सच्ची राह दिखाने और अपने चरणों की छाया में रखने की विनती करता है। यही समर्पण और प्रार्थना जीवन को सच्चा अर्थ और शांति देती है।
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Author - Saroj Jangir
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