पीरियड्स के दर्द के लिए घरेलु उपाय Home Remedies for period Pain
मासिक धर्म में होने वाले दर्द को प्राइमरी डिसमेनोरिया कहते हैं। यह एक सामान्य क्रिया है जो माहवारी के दो से तीन दिनों में स्वतः ही ठीक हो जाती है। पेट के निचले भाग और जाँघों के मध्य में यह दर्द अधिक होता है। पीरियड्स में पेट में ऐंठन और दर्द महसूस होता है। कई बार यह सूजन का रूप भी ले लेती है। इस समय दर्द तो होता ही है साथ ही स्वभाव भी चिडचिडा हो जाता है। कई बार गर्भाश्य में फाइब्रॉयड्स, पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिज़ीज या एंडोमेट्रिओसिस जैसे विकारों में मासिक धर्म का दर्द बढ़ जाता है। पेट दर्द का तेज कारण गर्भाशय में संकुचन होता है। ब्लीडिंग होने के साथ साथ ही दर्द शुरू होने लगता है। पीरियड्स के दर्द, क्रैम्प और ब्लोटिंग से बचाव के लिए आप निम्न घरेलु उपाय करके देखें आपको दर्द में आराम मिलेगा।
पीरियड्स के दौरान दर्द होना सामान्य है, लेकिन कुछ महिलाओं को इससे ज्यादा दर्द होता है। यह दर्द कभी-कभी इतना अधिक होता है कि यह रोजमर्रा के घरेलु कार्य कर पाना भी दूभर हो जाता है।
पीरियड्स के दर्द के कुछ कारण हैं जैसे कि:
पीरियड्स के दर्द के कुछ कारण हैं जैसे कि:
- गर्भाशय के मांसपेशियों के संकोच से उत्पन्न होने वाला दर्द।
- रक्त के धमनियों में अधिक दर्द होना।
- खून की कमी जिससे शरीर को ऑक्सीजन की कमी होती है और दर्द होता है, साथ ही आलस और काम में जी नहीं लगा आदि।
- शरीर में प्रोटैग्लैंडिन हार्मोन के उत्पादन की वजह से भी दर्द होता है।
पीरियड्स के दर्द को मेनेज करने के लिए आप निम्न घरेलु उपायों को आजमाएं.
अदरक
अदरक में जिन्जेरॉल नाम का कंपाउंड पाया जाता है, जिसमें एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं और इसके कारण ही अदरक में दर्द निवारक गुण होते हैं। अदरक के गुणों से हम सभी परिचित हैं, यह वात कम करती है और जोड़ों के दर्द को कम करती हैं। इसके साथ ही अदरक में पाए जाने वाले एंटीइंफ्लामेन्ट्री गुण पीरियड्स के दर्द को भी कम करते हैं। यदि अदरक उपलब्ध नहीं है तो आप सौंठ का उपयोग कर सकते हैं.
सौविरां गुडं श्लेष्मानं दाहं शोफं च शोधनम्।
शुष्कं सौन्दाल शोफघ्नं शीतं कफकृदुराम्।
(भवप्रकाश निघण्टु, )
शुष्कं सौन्दाल शोफघ्नं शीतं कफकृदुराम्।
(भवप्रकाश निघण्टु, )
अदरक का सेवन कैसे करें :
- अदरक की चाय : आप चाय में अदरक को कूट कर डालें और अदरक वाली चाय का सेवन करें।
- अदरक का पानी : अदरक को कूट कर एक ग्लास पानी में उबाल लें और इसे छान कर गुनगुना होने पर पिए। इसका सेवन आप खाना खाने के बाद भी करें।
- अदरक का रस : अदरक को अच्छे से कूट लें और इसे सूती कपडे में बाँध कर इसका रस निकाल लें। इस रस को आप शहद के साथ सेवन करें, अधिक मात्रा में अदरक का सेवन करने से बचना चाहिए क्योंकि यह पेट की गर्मी को बढ़ा देता है।
अजवाइन
अजवाइन में एंटी-इंफ्लामेटरी प्रॉपर्टीज होती है जिससे यह सूजन और दर्द दूर करने में सहायक होती है। पीरियड्स के दौरान अक्सर ही पेट में गैस जमा होने लगती है। गैस को दूर करने के लिए आप अजवायन के चूर्ण को गर्म पानी के साथ लें। एक चम्मच अजवाइन को अच्छे से पीस लें, अब इसमें चुटकी भर काला नमक मिला कर गुनगुने पानी के साथ इसका सेवन करें। इसके अतिरिक्त अजवाइन की चाय का सेवन करें जो दर्द और क्रैंपिंग को कम करने में मदद करती है। अनियमित पीरियड्स, ब्लोटिंग की समस्याए, एसिडिटी में भी अजवाइन कारगर है।
अजमोदा बीजं वैद्यं नाम्ना दारुणं द्रवं।
तत्र शूलं हरत्येष नाम्नाजमोद उच्यते।
(भवप्रकाश निघण्टु, )
तत्र शूलं हरत्येष नाम्नाजमोद उच्यते।
(भवप्रकाश निघण्टु, )
गुड़ के सेवन से भी आप पीरियड्स के दर्द को मैनेज कर सकती हैं। गुड़ आपके पाचन को सुधारता है और पेट दर्द में आराम देता है। गुड़ की तासीर गर्म होती है इसलिए एक छोटा टुकड़ा गुड़ का लाभकारी होता है। शोध से यह पता चलता है की गुड़ खाने से शरीर में एंडोर्फिन हॉर्मोन का निर्माण होना शुरू होता है। यह पीरियड्स का दर्द और मेंस्ट्रुअल क्रैम्प को कुछ कम करता है। गुड़ गर्भाशय की ऐंठन को कम करने में मदद करता है।
पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द से महिलाएं चिड़चिड़ी हो जाती हैं। गुड़ में एंटी-इंफ्लामेटरी और एंटीस्पास्मोडिक गुण होने के कारण यह आपके मूड को नार्मल करता है। इसके अतिरिक्त गुड़ के सेवन से खून की कमी (एनीमिया) दूर होती है। मानसिक स्वास्थ्य सुधरता है। गुड़ के सेवन से आयरन, कैल्शियम, पोटैशियम, मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व प्राप्त होते हैं और साथ ही मेटाबॉलिज्म भी सुधरता है।
पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द से महिलाएं चिड़चिड़ी हो जाती हैं। गुड़ में एंटी-इंफ्लामेटरी और एंटीस्पास्मोडिक गुण होने के कारण यह आपके मूड को नार्मल करता है। इसके अतिरिक्त गुड़ के सेवन से खून की कमी (एनीमिया) दूर होती है। मानसिक स्वास्थ्य सुधरता है। गुड़ के सेवन से आयरन, कैल्शियम, पोटैशियम, मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व प्राप्त होते हैं और साथ ही मेटाबॉलिज्म भी सुधरता है।
आप गुड़ का सेवन ऐसे करें -
गुड़ की चाय : चाय में चीनी की जगह गुड़ डालकर आप गुड़ का सेवन कर सकती हैं या सीधे ही गुड़ का एक टुकड़ा खा सकती हैं। भोजन के बाद गुड़ खाना भी लाभकारी होता है।
तुलसी की चाय
तुलसी भी आयुर्वदिक गुणों से भरपूर होती है। तुलसी में पाए जाने वाले कैफीक एसिड दर्द को दूर करता है। आप चाय में दो चार पत्ते तुलसी के डालकर इसका सेवन कर सकते हैं। तुलसी इसके अतिरिक्त उच्च रक्तचाप, पाचन तंत्र को दुरुस्त करने, अनिद्रा विकार, वजन कम करने में भी सहायक होती है। तुलसी के सेवन से साइनसाइटिस और सिरदर्द में भी लाभ प्राप्त होता है।
तुलसी दारुणी नाम्ना श्रीमदुपवने वसति।
अस्या शीर्षे वसत्येष शरीरं सर्वतोऽपि वा।
(भवप्रकाश निघण्टु, )
अस्या शीर्षे वसत्येष शरीरं सर्वतोऽपि वा।
(भवप्रकाश निघण्टु, )
हल्दी का दूध
हल्दी एंटीबायोटिक गुणों के लिए प्रसिद्द है। आप एक छोटी चम्मच हल्दी पाउडर को दूध में मिलाकर इसका सेवन करें यह शरीर में गर्मी बनाये रखता है और दर्द को दूर करता है। सर दर्द, हड्डियों की मजबूती, पाचन को सुधारने, जोड़ों के दर्द, कमर दर्द में भी हल्दी वाला दूध हितकर होता है।
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पपीता
पीरियड्स के दौरान पपीता का सेवन करना चाहिए क्योंकि यह नेचुरल फ्लो को बनाये रखने में सहायक होता है। अधिक मात्रा में पपीता का सेवन स्वाभाविक रूप से, मासिक धर्म या मासिक धर्म को अधिक बार होने का कारण बन सकता है। अतः कच्चे पपीते का सेवन ना करें और थोड़ी मात्रा में पका हुआ पपीता ही खाएं।
गर्म पानी की थैली
पीरिड्स के समय आप गर्म पानी से सेक अवश्य ही करें यह दर्द को कम करता है। पपीता की तासीर गर्म होती है जिसके कारण यह भ्रूण और मासिक धर्म को नकारात्मक रूप से भी प्रभावित कर सकता है। अतः सुरक्षित रूप से पका हुआ पपीता ही उपयोग में लाएं और अधिक मात्रा में पपीता का सेवन ना करें। शरीर में प्रोस्टाग्लैंडिंस की अत्यधिक मात्रा के कारण ऐंठन होती है। ऐसी में गर्म पानी की बोतल से सेक करने पर मांशपेशियां शांत होती हैं और फ्लो बढ़ता है। इसके साथ ही आप दिन में भी गुनगुना पानी ही पिए, चूँकि पीरियड्स के दौरान हाइड्रेड रहना अत्यंत ही आवश्यक होता है। गुनगुने पानी से रक्त का संचार बढ़ाने में मदद मिलती है।
पीरियड्स में योग
पीरियड्स में हलके फुल्के योगासन ही करने चाहिए। शुरआती दो से तीन दिन योगा से बचना चाहिए। अधिक ब्लीडिंग होने पर योग नहीं करना चाहिए। किसी योग एक्सपर्ट की सलाह के उपरान्त आप मार्जरि आसन, पर्वतासन, बद्ध कोणासन, कटिचक्रासन, वज्रासन आदि योग कर सकते हैं।
पीरियड्स में हलके फुल्के योगासन ही करने चाहिए। शुरआती दो से तीन दिन योगा से बचना चाहिए। अधिक ब्लीडिंग होने पर योग नहीं करना चाहिए। किसी योग एक्सपर्ट की सलाह के उपरान्त आप मार्जरि आसन, पर्वतासन, बद्ध कोणासन, कटिचक्रासन, वज्रासन आदि योग कर सकते हैं।
आयुर्वेद और पीरियड्स का दर्द
अशोकारिष्ट और लोध्रासव का सेवन करें।
अशोकस्त्रे वृश्चिके च नित्यं तपति दुःखिता।
लोध्रासवं तु नित्यं स्याद्रक्तपित्तकृच्छ्रतः।
(भवप्रकाश निघण्टु, )
अशोकारिष्ट ब्लड फ्लो को कम करने में मदद करता है जबकि लोध्रा प्राकृतिक एंटीऑक्सिडेंट होता है जो दर्द को कम करने में मदद करता है।
अश्वगंधा और जटामांसी का सेवन करें।
अश्वगंधाभ्यां स्त्रीणां तु रसायनं बलकारकम्।
जटामांसी हिमालयेति कदलीति चामृतादयः।
(भवप्रकाश निघण्टु, )
अशोकस्त्रे वृश्चिके च नित्यं तपति दुःखिता।
लोध्रासवं तु नित्यं स्याद्रक्तपित्तकृच्छ्रतः।
(भवप्रकाश निघण्टु, )
अशोकारिष्ट ब्लड फ्लो को कम करने में मदद करता है जबकि लोध्रा प्राकृतिक एंटीऑक्सिडेंट होता है जो दर्द को कम करने में मदद करता है।
अश्वगंधा और जटामांसी का सेवन करें।
अश्वगंधाभ्यां स्त्रीणां तु रसायनं बलकारकम्।
जटामांसी हिमालयेति कदलीति चामृतादयः।
(भवप्रकाश निघण्टु, )
अश्वगंधा स्त्री के हार्मोनल स्तर को बनाए रखने में मदद करता है जबकि जटामांसी दर्द को कम करने में मदद करता है।
गुडूच्यादि प्रतिदिनं भक्ष्यमित्यभिधीयते।
आमलक्या शीतला गुरुः कषाया रसायनी।
गुड़ूची और आमलकी दोनों शरीर की ऊर्जा को बढ़ाते हैं और दर्द को कम करने में मदद करते हैं।
पीरियड्स के दर्द के लिए घरेलु उपाय Home Remedies for period Pain
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पीरियड्स के दर्द से राहत पाने के लिए कुछ उपाय हैं। एक स्वस्थ आहार और व्यायाम शामिल करना, धूप में थोड़ी देर बिताना, अधिक गर्म चीजों से बचना और प्रसन्न चित्त रहने का प्रयास करना आपके लिए हितकर होता है। दवाइयों के माध्यम से भी दर्द को कम किया जा सकता है। इसमें आप दर्द निवारक दवाएं, एंटी-इंफ्लेमेट्री दवाएं और हार्मोनल थेरेपी शामिल कर सकते हैं। अगर आपको अत्यधिक दर्द हो रहा है तो आपको एक डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।
पीरियड्स का दर्द डॉक्टर से सलाह कब लें ?
ऊपर दिए गए घरेलु तरीके सामान्य पीरियड्स के दर्द के उपयोगी हैं लेकिन यदि आपके पीरियड क्रैम्प बहुत असहनीय हैं और समय के साथ कम नहीं हो रहे हैं तो आपको तुरंत स्त्री रोग विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए। बहुत ज्यादा तकलीफ देने वाले पीरियड क्रैम्प का कारण कोई पुरानी बीमारी हो सकती है जो प्रजनन क्षमता को प्रभावित भी कर सकती है।पीरियड्स के दर्द क्या होता है?
पीरियड्स के दौरान महिलाओं को पेट में दर्द महसूस होता है। यह दर्द मासिक धर्म के पहले या दौरान महसूस किया जा सकता है। इसके अलावा यह थकान, अक्सर उल्टी, तनाव और बुखार के साथ भी आ सकता है।क्या पीरियड्स के दर्द सामान्य होता है?
हाँ, पीरियड्स के दर्द सामान्य होता है। लेकिन अगर दर्द अत्यधिक होता है तो आपको एक डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।पीरियड्स के दर्द से राहत पाने के लिए क्या करना चाहिए?
पीरियड्स के दर्द से राहत पाने के लिए कुछ उपाय हैं। आप स्वस्थ आहार लें और व्यायाम करें, धूप में थोड़ी देर बिताएं, गर्म चीजों से बचें और खुश रहें। दवाइयों के माध्यम से भी दर्द को कम किया जा सकता है, इसके लिए आप चिकित्सक की राय लें।पीरियड्स के दर्द से बचने के लिए क्या सुझाव हैं?
पीरियड्स के दर्द से बचने के लिए आप स्वस्थ आहार खाएं, धूप में थोडा समय बिताएं, अधिक गर्म चीजों से बचें और हलके फुल्के व्यायाम करें।
Author - Saroj Jangir
दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं इस ब्लॉग पर रोचक और ज्ञानवर्धक जानकारियों और टिप्स यथा आयुर्वेद, हेल्थ, स्वास्थ्य टिप्स, पतंजलि आयुर्वेद, झंडू, डाबर, बैद्यनाथ, स्किन केयर आदि ओषधियों पर लेख लिखती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें। |