कच्ची हल्दी के 10 सेहतमंद गुण Kachchi Haldi Ke 10 Ayurvedic Fayde

कच्ची हल्दी के 10 सेहतमंद गुण Kachchi Haldi Ke 10 Ayurvedic Fayde

हल्दी के गुणों से हम सभी परिचित हैं, और यही कारण है की इसे रसोई में विशेष स्थान दिया गया है। भले ही कोई सब्जी हो, चटनी हो, सभी में हल्दी का उपयोग किया जाता है जो इसके महत्त्व को दर्शाता है। इसके अतिरिक्त फेस वास के लिए भी हल्दी का विशेष महत्त्व है। हल्दी में करक्यूमिनोइड्स और वोलाटाइल तेल कैंसर जैसे रोग से बचाने का काम करता है। आयुर्वेद में हल्दी का उपयोग पाचन तंत्र को सुधारने में, सूजन कम करने में और शरीर के शोधन आदि कार्यों के लिए किया जाता है। आज के इस लेख में आइये जान लेते हैं की हल्दी के क्या विशेष लाभ होते हैं। 
 

वैसे तो हमने आपको हल्दी के सभी गुणों के विषय में (हल्दी के सभी लाभ जाने यहाँ ) विस्तार से बताया है लेकिन आइए जानते हैं हल्दी के 10 प्रमुख गुण क्या होते हैं। 
 

1. कैंसर से बचाव में है सहायक

कच्ची हल्दी में कैंसर जैसे रोगों से बचाव की क्षमता भी होती है जिस पर अनेकों शोध किये जा चुके हैं। उल्लेखनीय है की कैंसर रोग से बचाव के लिए हेल्थी डाइट के साथ हेल्थी लाइफ स्टाइल भी आवश्यक है। खाने में रोजाना थोड़ी मात्रा में हल्दी का उपयोग शरीर के लिए अधिक लाभदाई होता है। एक शोध रिपोर्ट, मेयोक्लिनिक की एक रिपोर्ट के अनुसार, हल्दी में करक्यूमिन (Curcumin) नामक पदार्थ पाया जाता है जो शरीर को कैंसर से लड़ने में शक्ति देता है। कुछ अन्य शोध जो की हल्दी पर हुए हैं दर्शाते हैं कि करक्यूमिन कैंसर को रोकने या उसका इलाज करने में सहायक होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि हल्दी में पाए जाने वाले करक्यूमिन में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। यह शरीर की सूजन को भी कम करने में सहायक है। अनेकों शोध से यह पता चलता है की करक्यूमिन फेफड़े, ब्रेस्ट, प्रोस्टेट और पेट के कैंसर की रोकथाम में सहायक है। 
 

2. सूजन को दूर करती है हल्दी

हल्दी का एक विशेष गुण होता है सूजन को रोकने का, जो की जोड़ों के दर्द, गठिया विकारों (Inflammation Treatment) में लाभकारी है। हल्दी के उपयोग से फ्री रेडिकल्स समाप्त होते हैं और समस्त जोड़ों के दर्द में लाभ मिलता है। इसके अतिरिक्त हल्दी में कई पोषक तत्व यथा कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, पोटेशियम, सोडियम, जिंक, कॉपर, विटामिन सी, विटामिन ई  आदि होते हैं जो शरीर को विभिन्न आयामों से स्वस्थ रखते हैं। 
सब्जियों में उपयोग के अतिरिक्त हल्दी के गुणों के लिए आप हल्दी को दूध में मिलाकर उपयोग में ले सकते हैं। हल्दी की चाय भी एक अच्छा विकल्प है।

हल्दी की चाय बनाने का तरीका -
एक कप पानी को उबाल कर इसमें एक चुटकी हल्दी डाल दें, उबलने पर आप इसमें थोड़ी काली मिर्च और एक टुकड़ा अदरक का कूट कर डाल दें। आप चाहें तो सीधे ही इसमें त्रिकटु चूर्ण को मिला सकते हैं। इसके बाद गैस को बंद कर दें और गुनगुना हो जाने पर चाय की तरह दिन में एक बार इसका सेवन करें। ध्यान रखें की हल्दी की तासीर गर्म होती है इसलिए अधिक मात्रा में हल्दी ना डालें। 
 

3. इंसुलिन के स्तर को करे संतुलित

हल्दी में एक अन्य विशेष गुण होता है इन्सुलिन को नियंत्रित करने का। मधुमेह रोगिओं के लिए यह विशेष रूप से लाभकारी होता है। यह मधुमेह का यह कोई इलाज तो नहीं है लेकिन मधुमेह के डॉक्टर के इलाज के समय सहायक अवश्य है। लेकिन यह भी आवश्यक है की हल्दी के सेवन से पूर्व डॉक्टर की सलाह लेनी आवश्यक है।  उल्ल्खनीय है की आयुर्वेद में / पारम्परिक चिकित्सा में हल्दी का उपयोग हजारों वर्षों से किया जा रहा है। कई शोध इस तरफ संकेत करते हैं की हल्दी प्रीडायबिटिक रोगियों को टाइप 2 मधुमेह विकसित होने से भी रोकने में सहायक है। सूजन-रोधी और एंटीऑक्सीडेंट एजेंट के रूप में हल्दी का उपयोग मधुमेह के लिए विशेष रूप से गुणकारी होता है। (1)
 

4. रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढाती है हल्दी

शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता के विकास के लिए हल्दी का सेवन विशेष रूप से लाभकारी होता है।  हल्दी में लिपोपॉलीसेच्चाराइड पाया जाता है जो शरीर को रोगों से लड़ने की शक्ति देता है। यह तत्व फंगल इंफेक्शन से शरीर को बचाने की शक्ति भी देता है। ऐसा माना जाता है की हल्दी का उपयोग भारत में लगभग 4000 वर्षों से किया जा रहा है। वर्तमान में वैज्ञानिक स्तर पर किये गए शोध भी यह बताते हैं की हल्दी में पाया जाने वाला करक्यूमिन एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीफंगल, एंटीसेप्टिक और एंटीऑक्सीडेंट गुण वाला होता है जो शरीर को रोगों से लड़ने की शक्ति देता है। 

ऑक्सीकरण हमारी कोशिकाओं में डीएनए और प्रोटीन सहित महत्वपूर्ण अणुओं को क्षति पंहुचाता है। हल्दी में एंटी-ऑक्सीडेशन गुण होते हैं जो इसे रोकते हैं। अतः हल्दी प्रतिरक्षा प्रणाली को सुदृढ़ करने में लाभकारी होती है। (2)

5. कोलेस्ट्रोल सेरम के स्तर को करे नियमित

हल्दी के नियमित सेवन से शरीर में कोलेस्ट्रोल सेरम का स्तर कम बना रहता है जिससे ह्रदय रोगों से सुरक्षा मिलती है। उल्लेखनीय है की कोलेस्ट्रॉल लेवल के ज्यादा होने पर हार्ट अटैक से लेकर स्ट्रोक तक का खतरा बढ़ जाता है। हल्दी का सेवन एलडीएल कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करता है और गुड कोलेस्ट्रॉल लेवल बॉडी में बढ़ाता है, जो सेहत को दुरुस्त बनाने में मदद करता है और हल्दी का इस्तेमाल करने से ट्राइग्लिसराइड का लेवल कंट्रोल किया जा सकता है. 

6. एंटीबैक्टीरियल और एंटी सेप्टिक गुण

हल्दी में एंटीबैक्टीरियल और एंटी सेप्टिक गुण होते हैं जो की त्वचा को विभिन्न विकारों से बचाते हैं और संक्रमण से लड़ने की शक्ति देते हैं। हल्दी में एंटीबैक्टीरियल, घाव को भरने और एंटीसेप्टिक गुण होने के कारण हल्दी का उपयोग घाव भरने में सहायक होता है । हालांकि, ध्यान रहे कि हल्दी का उपयोग सामान्य चोट या घाव के लिए ही किया जाना चाहिए। हल्दी का लेप त्वचा पर लगाने से सूजन दूर होती है और जलन भी कम होती है। एक्ने की समस्या में भी हल्दी का लेप गुणकारी होता है। हल्दी एंटीबायोटिक होती है जिससे आप इसे दन्त मंजन में भी उपयोग में ले सकते हैं। कच्ची हल्दी के अर्क के उपयोग से आप बैक्टीरिया, रोग पैदा करने वाले कवक और परजीवी आदि से सुरक्षित रहते हैं। 

7. त्वचा के लिए है गुणकारी हल्दी

हल्दी की नियमित सेवन से रक्त शुद्ध होता है और शरीर को पोषण मिलता है जिससे त्वचा चमकदार और रोग मुक्त बनी रहती है। मुहांसे, एक्जिमा, एक्ने आदि विकारों में हल्दी विशेष गुणकारी होती है। बढ़ती उम्र के लक्षणों को कम करने में भी हल्दी लाभकारी होती है। हल्दी डिटॉक्सिफिकेशन की क्रिया को भी बल देती है। हल्दी के एंटीसेप्टीक गुण के कारण भारतीय संस्कृति में विवाह के पूर्व दूल्हे/ दुल्हन को पीठी (पुरे शरीर पर हल्दी का लेप) किया जाता था जिससे त्वचा के सभी संक्रमण दूर होते थे और त्वचा अधिक चकदार और निखरी बनती है।
 

8. श्वसन तंत्र के लिए हल्दी के फायदे

हल्दी की तासीर गर्म होती है और यह सूजन को भी कम करती है। ऐसे में सर्दियों में खांसी, कफ को दूर करने के लिए हल्दी को शहद के साथ लेने, हल्दी की चाय, हल्दी का दूध विशेष रूप से गुणकारी होता है। हल्दी में करक्यूमिन नामक एंटीऑक्सीडेंट होता है, जो श्वसन तंत्र  के लिए भी अच्छा होता है।
 

9. दांतों के लिए हल्दी का उपयोग

दन्त मंजन में हल्दी का उपयोग पारम्परिक रूप से किया जाता रहा है क्योंकि हल्दी दाँतों की सड़न को रोकती हैं, साँसों की बदबू को दूर करती है और पायरिया से भी दांतों को सुरक्षित रखती है। एंटीबायोटिक, अस्ट्रिन्जन्ट, सूजन रोधी गतिविधियों के कारण इसका इस्तेमाल दंतमंजन के रूप में होता है। नियमित रूप से हल्दी को मसूड़ों पर अंगुली से मंजन करने पर ढीले मसूड़े दूर होते हैं। 
 

10 हल्दी करे शरीर को डिटॉक्सिफाई

हल्दी का एक विशेष गुण होता है शरीर को विषाक्त प्रदार्थों से मुक्त करना। हल्दी में पाया जाने वाला करक्यूमिन सीसा और कैडमियम जैसी भारी धातुओं के साथ जुड़ जाता है और इन धातुओं के विषैलेपन को कम कर सकता है। हल्दी अपने एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों की वजह से शरीर के विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में सहायक है।

11. आंखों के लिए हल्दी लाभ

हल्दी में पाए जाने वाले पोषक तत्व आखों को शक्ति देते हैं और मोतियाबिंद के खतरे को दूर करते हैं। जर्नल सांइसटिफिक में प्रकाशित एक लेख के अनुसार हल्दी के आई ड्राप को आखों में डालने से रेडिएशन से रेटीना की क्षतिग्रस्त हुई कोशिकाएं के दुरुस्त होने में मदद मिलती है। यूनिवर्सिटी कॉलेज आफ लंदन और इंपीरियल कॉलेज ब्रिटेन के शोधकर्ताओं ने एक शोध किया है जिसके अनुसार हल्दी में मौजूद क्रयूमिन तत्व रेटीना के सेल्स को डैमेज होने से बचाता है।

12 हल्दी करती है पाचन तंत्र को मजबूत

हल्दी की तासीर गर्म होती है जिससे यह पाचन क्रिया को बल देती है और मंदाग्नि को दूर करती है। अपच, अजीर्ण, गैस को दूर करने में हल्दी हींग के साथ अधिक प्रभावी होती है। यह आँतों की ऐठन को दूर करने और मरोड़ को भी ठीक करती है। हल्दी पित्त स्राव को बढ़ाने में मदद कर सकती है। यह अल्सर को ठीक करती है। उल्लेखनीय है की हल्दी हल्दी पाचन को बढ़ावा देती है और यह कब्ज, पेट में ऐंठन जैसी समस्याओं को कम करने में मदद करती है।
 
The author of this blog, Saroj Jangir (Admin), is a distinguished expert in the field of Ayurvedic Granths. She has a diploma in Naturopathy and Yogic Sciences. This blog post, penned by me, shares insights based on ancient Ayurvedic texts such as Charak Samhita, Bhav Prakash Nighantu, and Ras Tantra Sar Samhita. Drawing from an in-depth study and knowledge of these scriptures, Saroj Jangir has presented Ayurvedic Knowledge and lifestyle recommendations in a simple and effective manner. Her aim is to guide readers towards a healthy life and to highlight the significance of natural remedies in Ayurveda.
Disclaimer : इस जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है हालांकि इसकी नैतिक जि़म्मेदारी https://lyricspandits.blogspot.com की नहीं है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें। हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है।अस्वीकरण सबंधी विस्तार से सूचना के लिए यहाँ क्लिक करे। 
+

एक टिप्पणी भेजें