सर्दी खांसी के सामान्य विकार है जिसके लिए कई घरेलु उपचार उपलब्ध हैं बशर्ते की खांसी की स्थिति गंभीर ना हो। बदलते मौसम में खासी होना एक सामान्य सी बात है। हमारी रसोई में बहुत से उपाय हैं जिनसे हम खांसी को दूर कर सकते हैं। इस सबंध में विनम्र निवेदन है की इस लेख में जो भी तरीके बताये गए हैं वे सभी घर के बड़े बुजुर्ग इस्तेमाल करते आये हैं, लेकिन फिर भी यदि आपकी खांसी कई दिनों से बनी हुई है तो बेहतर होगा की आप किसी चिकिस्तक की राय लें। यह लेख सामान्य सर्दी खांसी को दूर करने पर आधारित है.
खांसी के अचूक घरेलु उपाय Khansi Ke Gharelu Upay
सामान्य खांसी के कई कारण हो सकते हैं। सर्दी जुकाम से आने वाली खांसी का कारण गले में जमा कफ होता है वहीँ अन्य स्थितियों में स्वांस मार्ग में बलगम का होना, गले की सूजन, धुल मिट्टी, प्रदूषण आदि इसके कारण होते हैं। बलगम के साथ आने वाली खांसी को गीली खांसी और बगैर बलगम के आने वाली खांसी को सुखी खांसी के रूप में समझा जा सकता है। आइये खांसी को दूर करने के घरेलु उपायों के बारे में जान लेते हैं।
अदरक और शहद
शहद और अदरक दोनों ही खांसी की रोकथाम करने में सहायक होते हैं। ये दोनों ही एंटीबैक्टीरियल होते हैं जो खांसी को कम करने में मदद करते हैं। एक छोटी चम्मच शहद में अदरक का रस मिलाएं और इसे सेवन करें। यह उपाय खांसी के साथ-साथ आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता का भी विकास करेगी। अगर गला सूख रहा हो तो आप मुलेठी की छोटी डंडी को मुंह में रख सकते हैं, जिससे गले में खराश नहीं होगी। शहद और अदरक का उपयोग खांसी को दूर करने के लिए वास्तव में पुराना और प्रभावी घरेलू नुस्खा है। ध्यान दें कि इसके बाद पानी का सेवन नहीं पीना चाहिए। एक हफ्ते तक यह उपाय लगातार करने से आपको सकारात्मक परिणाम दिखाई देने लगेंगे।शहद के और पीपल गांठ
पीपल की गांठ को अच्छे से पीसकर उसमें एक चम्मच शहद मिलाकर सेवन करने से कुछ ही दिनों में सूखी खांसी से राहत मिलती है।शहद, नींबू और इलायची का चूर्ण
खांसी-जुकाम से राहत पाने के लिए, एक आधा चम्मच शहद में एक चुटकी इलायची पाउडर और कुछ बूंद नींबू के रस को मिलाएं। इस सिरप को दिन में 2 बार सेवन करें। इससे आपको खांसी-जुकाम से आराम मिलेगा।गर्म पानी पीएं
खांसी और जुकाम से राहत पाने के लिए, गर्म पानी पीना एक अत्यंत प्रभावी घरेलू उपाय है। गर्म पानी पीने से आपके श्वसन नलिकाओं और गले में जमा कफ बाहर निकलता है और गले की सूजन कम होती है। इसके अलावा, गर्म पानी पीने से शरीर की ऊष्णता बढ़ती है जो श्वसन तंत्र को दुरुस्त करती है। गले की खराश में भी गर्म पानी से आराम मिलता है। इसलिए, खांसी और जुकाम होने पर आपको दिन में गर्म पानी का सेवन करना चाहिए।हल्दी मिला दूध
हल्दी-दूध गर्मी से सर्दी में आने वाली सामान्य सर्दी, खांसी, और गले में खराश को कम करने में मददगार हो सकता है। हल्दी एक प्राकृतिक एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीबैक्टीरियल गुणों से भरपूर होती है जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है और संक्रमण के खिलाफ लड़ने में मदद करती है।
हल्दी-दूध आपके शरीर को गर्म रखता है और सर्दी से आने वाली तकलीफों को कम करने में मदद करता है। इसके अलावा, हल्दी-दूध में मौजूद हल्दी के एंटीऑक्सीडेंट गुण भी श्वसन नली को साफ करने और खांसी को कम करने में मदद करते हैं।
यदि आपको सर्दी-खांसी से पीड़ित होने की स्थिति है, तो रात में सोने से पहले गर्म हल्दी-दूध पीना आपको राहत देने में मदद कर सकता है।
हल्दी-दूध आपके शरीर को गर्म रखता है और सर्दी से आने वाली तकलीफों को कम करने में मदद करता है। इसके अलावा, हल्दी-दूध में मौजूद हल्दी के एंटीऑक्सीडेंट गुण भी श्वसन नली को साफ करने और खांसी को कम करने में मदद करते हैं।
यदि आपको सर्दी-खांसी से पीड़ित होने की स्थिति है, तो रात में सोने से पहले गर्म हल्दी-दूध पीना आपको राहत देने में मदद कर सकता है।
नमक के पानी से गरारे करें
गर्म पानी और नमक के गरारे खांसी और जुकाम के दौरान आराम प्रदान कर सकते हैं। गरारे करने से गले की सुरक्षा में सुधार होता है और बलगम को निकालने में मदद मिलती है। इसके लिए आपको एक गिलास गर्म पानी में चुटकी भर नमक मिलाना है और फिर इस मिश्रण को आपकी मुंह में लेना है। फिर आपको धीरे-धीरे गरारे करने हैं, ध्यान दें कि पानी बहुत गरम न हो, सामान्य गर्म पानी इसके लिए पर्याप्त होता है। गरारे करने के बाद आपको पानी को थूक देना है और इस प्रक्रिया को कुछ बार दोहराना है।यह नुस्खा आपकी खांसी और जुकाम को कम करने में मदद कर सकता है, गले की सुजन कम करने, गले की खरास को कम करने और गले में जमे कफ को दूर करने में सहायता करता है और नाक के बंद होने को भी दूर कर सकता है।
काली मिर्च, शहद और नमक
काली मिर्च और नमक खांसी को दूर करने में कारगर होते हैं। काली मिर्च में मौजूद एंटीबैक्टीरियल गुण संक्रमण को कम करने में मदद करते हैं। काली मिर्च के चूर्ण और नमक को एक चम्मच शहद में मिलाकर रात्री को लेने से खांसी में सुधार होता है। इस विधि से रात को नींद में खांसी नहीं चलती है।मसाले वाली चाय
चाय में अदरक, तुलसी, और काली मिर्च को मिलाकर सेवन करने से खांसी और जुकाम में आराम मिलता है। ये तत्व श्वसन नलियों को साफ करने, संक्रमण से लड़ने, और शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने में मदद करते हैं।अदरक खांसी को कम करने, बलगम को बाहर निकालने, और श्वसन नलियों को साफ करने में मदद करता है। तुलसी श्वसन प्रणाली को शांत करने, संक्रमण को कम करने, और शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में सहायक होती है। काली मिर्च में भी एन्तिबेक्टेरियल गुण होते हैं।
आंवला
आंवला विटामिन सी का एक अच्छा स्रोत है और इसमें अन्य महत्वपूर्ण पोषक तत्व भी होते हैं। विटामिन सी शरीर में एंटीऑक्सिडेंट्स की अच्छी मात्रा प्रदान करता है, जो आपकी रोगप्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है। इसके अलावा, विटामिन सी खून के संचार को बेहतर बनाने में मदद करता है, जिससे आपका शरीर संक्रमणों और बीमारियों के खिलाफ अधिक प्रतिरक्षा कर सकता है। आंवला में विटामिन सी के साथ-साथ अन्य पोषक तत्व भी होते हैं, जैसे कि विटामिन ए, बी और ए कारोटेनॉयड्स। ये सभी तत्व स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण होते हैं और शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करते हैं। आंवले का सेवन करके भी आप खांसी में सुधार ला सकते हैं।अदरक तुलसी
अदरक और तुलसी का सेवन खांसी में बहुत लाभकारी हो सकता है। अदरक में मौजूद एंटी-इन्फ्लेमेट्री प्रॉपर्टीज और तुलसी की गुणकारी प्रतिरोधक क्षमता, एंटीबैक्टीरियल, और एंटीवायरल गुण संक्रमण से लड़ने में मदद कर सकते हैं।आप अदरक के रस में कुछ पत्तियां तुलसी की मिलाकर इसका सेवन कर सकते हैं। इसे हल्का गर्म पानी के साथ पिएं या आप शहद भी मिला सकते हैं। इसे रोजाना खांसी के समय लेने से आपको राहत मिल सकती है। यह मिश्रण श्वसन नलियों को साफ करने, खांसी को कम करने, गले की खराश को शांत करने और संक्रमण से लड़ने में मदद करता है।
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अलसी
अलसी के बीजों में विभिन्न पोषक तत्व पाए जाते हैं जैसे कि प्रोटीन, फाइबर, ऑमेगा-3 फैटी एसिड्स, विटामिन ई, और एंटीऑक्सिडेंट्स। इन तत्वों का सेवन आरामदायक हो सकता है जब आप खांसी और जुकाम से पीड़ित हों।अलसी के बीजों को फूल कर मोटा होने तक उबालें और उसमें थोड़ा सा नींबू का रस और शहद मिलाएं। आप इस मिश्रण को रोजाना खांसी और जुकाम के समय सेवन कर सकते हैं। यह उपाय खांसी को कम करने में मदद कर सकता है और सूखी खांसी को शांत करने में सहायक साबित होता है।
गर्म पदार्थों का सेवन
खांसी होने पर आपको गर्म तासीर के भोजन करने चाहिए और ऐसे भोजन से बचना चाहिए जो शरीर में ठण्ड के प्रभाव को बढाए। सूप, चाय, गर्म पानी आदि का सेवन करना चाहिए।कुछ खाद्य पदार्थों को खाने से बचना चाहिए जो आपके इम्यून सिस्टम को कमजोर कर सकते हैं और संक्रमण के खतरे को बढ़ा सकते हैं। निम्नलिखित पदार्थों को शामिल न करें:
ठंडे पानी और बर्फ (फ्रीज की बर्फ, पानी) का सेवन न करें। इससे आपकी गले को दर्द और खराश की समस्या हो सकती है।
तली हुई, मसालेदार और तीखे खाने का सेवन कम करें। इससे आपकी छाती में जमा कफ का उत्पादन कम होगा और आपके खांसी और जुकाम के लक्षण कम हो सकते हैं।
सफेद चीनी, ब्राउन चीनी और मिठाई का सेवन सीमित करें। उच्च मात्रा में शक्कर खाने से आपके शरीर का प्राकृतिक रोग-प्रतिरोधक क्षमता कम हो सकती है, और खांसी को बढ़ा सकती है।
ठंडे पानी और बर्फ (फ्रीज की बर्फ, पानी) का सेवन न करें। इससे आपकी गले को दर्द और खराश की समस्या हो सकती है।
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सफेद चीनी, ब्राउन चीनी और मिठाई का सेवन सीमित करें। उच्च मात्रा में शक्कर खाने से आपके शरीर का प्राकृतिक रोग-प्रतिरोधक क्षमता कम हो सकती है, और खांसी को बढ़ा सकती है।
अल्कोहल और धूम्रपान से परहेज करें। ये आपके श्वसन संक्रमण के खतरे को बढ़ा सकते हैं और सर्दी-जुकाम के लक्षणों को बढ़ा सकते हैं।
केला और टमाटर खांसी को बढ़ा सकते हैं और एलर्जी के कारण खांसी बढ़ा सकती है। पपीता और मौसमी भी खांसी को बढ़ा सकते हैं, क्योंकि ये फल एसिडिटी और तत्वों की मात्रा का अधिकार कर सकते हैं। डार्क चॉकलेट खांसी को उत्तेजित कर सकती है, इसलिए इसे न खाएं।
केला और टमाटर खांसी को बढ़ा सकते हैं और एलर्जी के कारण खांसी बढ़ा सकती है। पपीता और मौसमी भी खांसी को बढ़ा सकते हैं, क्योंकि ये फल एसिडिटी और तत्वों की मात्रा का अधिकार कर सकते हैं। डार्क चॉकलेट खांसी को उत्तेजित कर सकती है, इसलिए इसे न खाएं।
क्या खाएं खांसी होने पर ?
ऐंटीहिस्टामीन खाद्य पदार्थ खाने से खांसी और एलर्जी के लक्षणों में आराम मिलता है। इस तरह के आहार में मौजूद तत्व आपकी शरीर की हिस्टामीन के स्तर को कम करके खांसी और एलर्जी को कम करने में मदद कर सकते हैं। अदरक, लहसुन, प्याज, अनार, शहद, हल्दी और हरी सब्जियां ऐंटीहिस्टामीन गुणों से भरपूर होती हैं। ये खाद्य पदार्थ शरीर में आपकी खांसी और एलर्जी को कम करने वाले होते हैं।यदि आप इन आहार सामग्रियों को अपने आहार में शामिल करना चाहते हैं, तो आपको व्यंजनों में इनका उपयोग करना चाहिए जैसे कि अदरक-लहसुन की चटनी, प्याज की सलाद, अनार का रस, शहद और हल्दी की चाय, और हरी सब्जियों का स्वादिष्ट सलाद।
बलगम वाली खांसी से निजात पाने के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाएँ:
- फेफड़ों में जमी बलगम को ढीला कर शरीर से बाहर निकालने के लिए दिन में कम से कम तीन बार भाप लें, भाप लेते समय आप त्रिकटु चूर्ण, सौंठ और लौंग को इसमें मिला कर भाप लें।
- खांसी को दूर करने के लिए गुनगुने पानी का सेवन करें, सूप, हर्बल चाय और काढ़ा से खुद को पूरे दिन हाइड्रेटेड रखें। ऐसे भोजन का सेवन करें जिनकी तासीर गर्म हो.
- बाईं करवट लेकर लेटें। इससे बलगम को जल्दी बाहर निकलने में मदद मिल सकती है, आपको पीठ के बल नहीं लेटना चाहिए।
- स्वंय को गर्म रखें और ठंडी तासीर के भोजन से बचे।
- खाने में अदरक और लहसुन का उपयोग करें।
सूखी खांसी को दूर करने के उपाय
- तुलसी की पत्तियों को शहद के साथ चबाएं या उनका काढ़ा बनाकर सेवन करें। तुलसी में एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण होते हैं जो सूखी खांसी को कम करने में मदद करते हैं।
- गर्म पानी में नमक मिलाकर गरारा करें। इससे गले में खराश कम होगी और सूखी खांसी के लक्षण कम हो सकते हैं।
- गर्म दूध में हल्दी मिलाकर पीएं। हल्दी एंटी-इन्फ्लेमेटरी और एंटीबैक्टीरियल गुणों से भरपूर होती है जो सूखी खांसी को नियंत्रित करने में मदद करती है।
- गर्म दूध में शहद मिलाकर पीएं। शहद गले को तरोताजा और शांत रखने में मदद कर सकता है, जिससे सूखी खांसी में आराम मिलता है।
- सूखी खांसी में चाय पीना और ग्रीन टी पीना आमतौर पर फायदेमंद होता है। चाय और ग्रीन टी में मौजूद तत्व गले की खुजली को शांत करते हैं। चाय और ग्रीन टी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स आपके शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। यदि आपको ग्रीन टी पसंद नहीं है, तो आप अदरक की चाय या हर्बल चाय पी सकते हैं जिसमें शहद या नींबू का रस, अदरक और कालीमिर्च मिलाकर पीने से भी लाभ मिलता है।
- सूखी खांसी में चिकन सूप आरामदायक होता है। चिकन सूप में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण गले को आराम पंहुचाकर सूजन और खुजली को दूर करता है। इससे शरीर में गर्मी आती है।
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खांसी क्या है What is Cough in Hindi?
खांसी वात, पित्त, कफ के असंतुलन के कारण से पैदा होती है। खांसी के कई अन्य कारण भी होते हैं जैसे की प्रदूषण, धुआं, धुल मिटटी के कण, सर्दी, ठंडा भोजन आदि। खांसी का मुख्य कारण कफ दोष ही होता है। खांसी मुख्य रूप से सूखी खांसी (Dry cough) और बलगम युक्त खांसी (Wet cough) के प्रकार की होती है।खांसी के कारण
- वायरल संक्रमण: खांसी वायरस संक्रमण के कारण हो सकती है, जैसे कि इंफ्लुएंजा, रेस्पिरेटरी वायरस (RSV) आदि।
- सर्दी और फ्लू: सर्दी और फ्लू खांसी का सामान्य कारण होते हैं। इसमें श्वसन नलिकाओं के संक्रमण और जलन, सूखापन, बलगम इत्यादि के कारण खांसी होती है।
- प्रदूषण और वातावरण कारक: धूल, धुआं, वायु प्रदूषण, धूल-मिट्टी के कण आदि खांसी का कारण बन सकते हैं।
- धूम्रपान: धूम्रपान करने वाले व्यक्ति को खांसी का जोखिम बढ़ जाता है। तंबाकू और सिगरेट के धूम्रपान से खांसी हो सकती है।
- टीबी और दमा: गंभीर रोग जैसे कि टीबी (तपेदिक) और दमा खांसी का कारण बन सकते हैं। इन रोगों में श्वसन नलिकाओं में संक्रमण या इंफ्लेमेशन होता है जिससे खांसी होती है।
- खांसी का कारण नाक और गले में बाहरी पदार्थों (जैसे कि धूल, धुआं, या खाने की चीजों में मौजूद एलर्जेन) के संपर्क से हो सकती है। इसे एलर्जी खांसी (Allergic cough) कहा जाता है। जब आपका शरीर इन पदार्थों को एलर्जी मानता है, तो यह श्वसन नलिकाओं को उत्तेजित करता है और खांसी का कारण बनता है।
- साधारण ठंडी/जुकाम (Common Cold): यह सामान्यतः वायरल संक्रमण के कारण होती है और ये खांसी, जुकाम, नाक से पानी आना, गले में खराश, ठंड लगना, बुखार, बदन दर्द, छाती में दर्द, सिरदर्द आदि लक्षणों के साथ जुड़ी होती है।
- साइनसाइटिस (Sinusitis): साइनस इंफेक्शन के कारण सांस की नली में सूजन, गले में दर्द, बुखार, नाक का बहना, छाती में दर्द, बदन दर्द, सिरदर्द आदि लक्षण दिख सकते हैं।
- टॉन्सिलाइटिस (Tonsillitis): गले में खराश, गले में दर्द, बुखार, नाक का बहना, उल्टी, बदन दर्द आदि टॉन्सिलाइटिस के सामान्य लक्षण हो सकते हैं।
- एलर्जी (Allergy): यदि आपको किसी बाहरी पदार्थ से एलर्जी होती है, तो वह खांसी का कारण बन सकती है। इसमें गले में खराश, गले में दर्द, सांस की नली में सूजन, नाक का बहना, सिरदर्द आदि लक्षण हो सकते हैं।
- अन्य कारण: अन्य कारणों में सिगरेट से आदतन धूम्रपान करने के कारण खांसी हो सकती है, और ऐसे मामलों में छाती में दर्द भी हो सकता है। अतिरिक्त रूप से, गंभीर रोगों जैसे टीबी (Tuberculosis) और दमा (Asthma) के कारण भी खांसी हो सकती है।
खांसी के लक्षण (Cough Symptoms in Hindi)
- गले में खराश और दर्द का अनुभव
- गले में खुजली या तीव्रता की अनुभूति
- खांसी के साथ गले में सूखापन और तनाव का अनुभव
- रुकी हुई खांसी या खांसने की इच्छा का होना.
- बलगम का बनाना और इसका निकलना.
- छाती में तकलीफ या दर्द की अनुभूति का होना.
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Author - Saroj Jangir
दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं इस ब्लॉग पर रोचक और ज्ञानवर्धक जानकारियों और टिप्स यथा आयुर्वेद, हेल्थ, स्वास्थ्य टिप्स, पतंजलि आयुर्वेद, झंडू, डाबर, बैद्यनाथ, स्किन केयर आदि ओषधियों पर लेख लिखती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें। |