बड़ा भया तो क्या भया जैसे पेड़ खजूर हिंदी मीनिंग Bada Bhaya To Kya Bhaya Meaning

बड़ा भया तो क्या भया जैसे पेड़ खजूर हिंदी मीनिंग Bada Bhaya To Kya Bhaya Meaning : Kabir Ke Dohe Hindi Arth/Bhavarth Sahit

बड़ा भया तो क्या भया, जैसे पेड़ खजूर ।
पंथी को छाया नहीं फल लागे अति दूर ।
 
बड़ा भया तो क्या भया जैसे पेड़ खजूर हिंदी मीनिंग Bada Bhaya To Kya Bhaya Meaning
 

Bada Bhaya To Kya Bhaya, Jaise Ped Khajur,
Panthi Ko Chhaya Nahi, Phal Lage Ati Door.

कबीर के दोहे का हिंदी मीनिंग (अर्थ/भावार्थ) Kabir Doha (Couplet) Meaning in Hindi

व्यक्ति का आकार में बड़ा होना कोई महत्त्व नहीं रखता है। जैसे कोई आकार, धन, मान सम्मान में बड़ा हो सकता है लेकिन यदि उसमे तत्व ज्ञान नहीं है तो उसके ज्ञान का कोई महत्त्व नहीं होता है। जैसे खजूर का पेड़ बड़ा होता है लेकिन उसकी छाया नहीं होती है। ऐसे में राहगीर को छाया नहीं मिलती है और नाहीं उसके फल का भी कोई लाभ हो पाता है। आशय है की हमारे बड़प्पन का फायदा तभी है जब हम समाज के लिए किसी भी रूप में उपयोगी हो पाते हैं  इस दोहे में कबीर दास जी बड़े होने के महत्व को बताते हैं। वे कहते हैं कि सिर्फ बड़ा होना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि बड़े होने का फायदा दूसरों को देना भी जरूरी है। कबीर दास जी खजूर के पेड़ का उदाहरण देते हैं। खजूर का पेड़ बहुत बड़ा होता है, लेकिन यह किसी को छाया नहीं देता है और इसके फल भी बहुत ऊँचाई पर लगते हैं। इसका मतलब है कि खजूर का पेड़ सिर्फ बड़ा होने के कारण ही महत्वपूर्ण नहीं है।

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