छोटी दीपावली पूजा का शुभ मुहूर्त
हिंदू धर्म में कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को छोटी दीपावली मनाई जाती है। कार्तिक मास की चतुर्दशी तिथि को छोटी दीपावली, रूप चौदस और नरक चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है। नरक चतुर्दशी पर भगवान श्री कृष्ण, हनुमान जी और यम देवता की पूजा भी की जाती है। ऐसा माना जाता है कि इस तिथि पर उनकी पूजा करने से अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता है।
छोटी दीपावली की पूजा का शुभ मुहूर्त
छोटी दीपावली चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। इसका आरंभ 30 अक्टूबर बुधवार को दोपहर 1:04 से होगा तथा समापन 31 अक्टूबर दोपहर 3:11 पर होगा। इस दिन पूजा के निम्न मुहूर्त है:- शाम 4 बजकर 14 मिनट से 5 बजकर 37 मिनट तक लाभ चौघड़िया रहेगा।
- शाम में 7 बजकर 14 मिनट से 8 बजकर 51 मिनट तक शुभ चौघड़िया रहेगा,
- रात में 8 बजकर 51 मिनट से 9 बजकर 28 मिनट तक अमृत चौघड़िया रहेगा।
सुबह स्नान आदि से निवृत होकर भगवान श्री कृष्ण, हनुमान जी तथा यमराज जी की पूजा करें। रात को छोटी दीपावली की पूजा संपन्न कर घर के बाहर दक्षिण दिशा में तेल का दीपक जलाएं। ऐसा करने से यम देवता प्रसन्न होते हैं।
छोटी दिवाली क्यों मनाई जाती है इसका महत्व
इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने नरकासुर नामक राक्षस का वध करके 16000 गोपियों को उसके अत्याचारों से मुक्ति दिलाई थी। तभी से इस चतुर्दशी तिथि को नरक चतुर्दशी के नाम से जाना जाता है और भगवान श्री कृष्ण की पूजा की जाती है।
हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर "छोटी दीवाली" का पर्व मनाया जाता है, जिसे "नरक चतुर्दशी" के नाम से भी जाना जाता है। यह पर्व दिवाली से एक दिन पहले मनाया जाता है। आइए जानते हैं, नरक चतुर्दशी क्यों मनाई जाती है और इसके पीछे की पौराणिक कथा क्या है।
छोटी दीवाली और नरक चतुर्दशी का महत्व
हिंदू धर्म में दिवाली सबसे बड़ा और प्रमुख त्योहार है। दिवाली से एक दिन पहले मनाई जाने वाली नरक चतुर्दशी का भी खास महत्व है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने एक अत्याचारी राक्षस नरकासुर का वध किया था और 16,000 कन्याओं को उसके कैद से मुक्त किया । इसलिए इस तिथि को "नरक चतुर्दशी" के रूप में मनाया जाता है। छोटी दीवाली के रोज दिन घरों की सफाई, दीप जलाना, और बुरी शक्तियों को दूर करने के लिए घर में दीपक जलाना आदि शुभ माना जाता है और ऐसा करके परिवार में शांति और समृद्धि आती है।
नरक चतुर्दशी की पौराणिक कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, नरकासुर नाम का एक राक्षस था जिसने तीनों लोकों में आतंक मचा रखा था। उसके अत्याचार से मनुष्य, देवी-देवता सभी त्रस्त थे। नरकासुर को यह वरदान मिला था कि उसकी मृत्यु केवल किसी स्त्री के हाथों होगी। इसी वरदान का दुरुपयोग करते हुए उसने 16,000 कन्याओं का अपहरण कर लिया और उन्हें अपने राज्य में बंदी बना लिया।
श्रीकृष्ण और सत्यभामा का नरकासुर वध
नरकासुर के आतंक से मुक्ति पाने के लिए इंद्रदेव ने भगवान श्रीकृष्ण से सहायता मांगी। श्रीकृष्ण ने इस चुनौती को स्वीकार किया और अपनी पत्नी सत्यभामा के साथ नरकासुर का अंत करने के लिए निकले। सत्यभामा को अपना सारथी बनाकर श्रीकृष्ण ने राक्षस नरकासुर का वध किया। इस युद्ध में सत्यभामा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और उनके हाथों से नरकासुर मारा गया ।
नरकासुर के वध के बाद, श्रीकृष्ण और सत्यभामा ने नरकासुर की कैद से 16,000 कन्याओं को मुक्त कराया और उनके जीवन में नई रोशनी लाने का कार्य किया। ऐसी मान्यता है कि यह घटना कार्तिक माह की चतुर्दशी तिथि पर हुई थी, इसलिए इस दिन को "नरक चतुर्दशी" के रूप में मनाया जाता है।
नरक चतुर्दशी पर विशेष परंपराएं
इस दिन विशेष पूजा-अर्चना और दीप जलाने की परंपरा है। लोग अपने घरों की सफाई करते हैं और दीपक जलाकर भगवान श्रीकृष्ण और देवी सत्यभामा को याद करते हैं। इसके साथ ही बुरी आत्माओं को दूर करने और शुद्धता के लिए पूजा की जाती है। छोटी दीवाली के दिन लोग तेल से स्नान करने की भी परंपरा का पालन करते हैं। यह माना जाता है कि इससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और व्यक्ति को मानसिक और शारीरिक शांति मिलती है।
दीपावली के इस खास पर्व पर अपनों को बधाई संदेश विशेष महत्त्व रखते हैं, हमारे द्वारा बनाये गए ये सन्देश भी आपको बहुत पसंद आएंगे।
दीपावली का शुभ त्योहार,
लाए आपके घर में सुख शांति,
और खुशियों से झोली भर जाए,
दीपावली की शुभकामनाएं।
सुख के दीप जले, घर आंगन में खुशहाली हो,
बड़ों का आशीर्वाद और अपनों का प्यार मिले,
ऐसी आपकी मंगल दिवाली हो।
दीपावली की शुभकामनाएं।
गणेश-लक्ष्मी का हो घर में वास
बांटें खुशियां, रहे अपनों का साथ
भगवान राम को करके याद
मुबारक हो आपको दिवाली का त्योहार!
दीये की रौशनी से सब अंधेरा दूर हो जाये,
दुआ है की जो चाहो आप वो खुशी मंजूर हो जाए।
हैप्पी दिवाली! 2024
रोशन हो दीपक और सारा जग जगमगाए
लेकर साथ सीता जी को राम जी हैं आए
हर शहर सजा है ऐसे जैसे अयोध्या हो
आओ हर द्वार, हर गली, हर मोड़ पर हम दीप जलाएं
दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं!
दिवाली त्योहार दीप का, मिलकर दीप जलायेंगे।
सजा रंगोली से आंगन को, सबका मन हर्षायेंगे।
बम-पटाखे भी फोड़ेंगे, खूब मिठाई खायेंगे।
दिवाली त्योहार मिलन का, घर-घर मिलने जाएगे।
खुशियों का पर्व है दिवाली,
मस्ती की फुहार है दिवाली,
लक्ष्मी पूजन का दिन है दिवाली,
अपनों का प्यार है दिवाली।
दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएं
महालक्ष्मी नमस्तुभ्यं नमस्तुभ्यं सुरेश्वरी ।
हरी प्रिये नमस्तुभ्यं नमस्तुभ्यं दयानिधे ।।
दिवाली पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं।।
दीपावली का है त्योहार
खूब पटाखे छोड़ो यार
खाकर मिठाइयां
हो जाये जुबान मीठी
खुशी भर जाए जीवन में हजार
कह दो अंधेरों से कहीं और घर बना लें
मेरे मुल्क में रौशनी का सैलाब आया है!
आपको दीपावली की ढेरों शुभकामनाएं!
पटाखों की लड़ी है तैयार
बाहर निकलो तो जानों यार
प्रेम भाव से कर सबका स्वागत
घर में बनी रहे खुशियां बेशुमार
हैप्पी दिवाली!
दीप जगमगाते रहें,
सबके घर झिलमिलाते रहें,
साथ हों सब अपने,
सब यूं ही मुस्कुराते रहें।
दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएं!
दीपक की रौशनी, पटाखों की आवाज,
सूरज की किरणे, खुशियों की बोछार,
चंदन की खूशबु, अपनों का प्यार,
मुबारक हो आपको दिवाली का त्यौहार!
चारों तरफ है खुशियों का सवेरा
घर में मां लक्ष्मी का है बसेरा
जीवन में हो धन की वर्षा
सबका रहे साथ
खूब-खूब मुबारक हो दीपावली का त्योहार!
दीप जलते जगमगाते रहें,
हम आपको आप हमें याद आते
जब तक जिंदगी है, दुआ है हमारी कि,
आप चांद की तरह जगमगाते रहें
दिवाली की ढेरों शुभकामनाएं !
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Author - Saroj Jangir
दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं एक विशेषज्ञ के रूप में रोचक जानकारियों और टिप्स साझा करती हूँ। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें।
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