दिवाली वास्तु टिप्स दिवाली के दिन बाथरूम में भी जलाएं दिया Diwali Par Jalaye Deepak in Bathroom
दिवाली का त्योहार, जो प्रकाश और खुशियों का प्रतीक है, सिर्फ घर के कोनों में दीप जलाने का समय नहीं है, बल्कि यह हमारे जीवन में पॉजिटिव एनर्जी और समृद्धि लाने का भी अवसर है, जो की तमाम अंधेरों को हटाकर प्रकाश का प्रतीक है। इस खास मौके पर वास्तु शास्त्र के अनुसार, कुछ सरल उपायों के जरिए हम अपने घर में सुख-शांति को बनाए रख सकते हैं और सफलताओं को आकर्षित कर सकते हैं। इनमें से एक उपाय है बाथरूम में दिया जलाना। आइए जानते हैं बाथरूम में दिया जलाने के महत्व और इससे जुड़े संकेतों के बारे में।
बाथरूम में दिया जलाने का महत्व
बाथरूम में दिया जलाने से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है, शुभ शक्तियों का आह्वान होता है। प्रकाश स्वच्छता और पॉजिटिविटी का प्रतीक है, जिससे घर में शांति और समृद्धि बनी रहती है। जब हम दिवाली पर बाथरूम में दिया जलाते हैं, तो यह हमारे मानसिक स्वास्थ्य को भी सकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। अतः इस दीपावली पर आप भी बाथरूम में दिया जरूर रखें। घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार
बाथरूम में जलाया गया दिया न केवल उस स्थान को शुद्ध करता है, बल्कि पूरे घर के भीतर सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी करता है। इससे परिवार में सामंजस्य और खुशहाली बढ़ती है। जब घर में सकारात्मकता होती है, तो सभी सदस्य एक-दूसरे के साथ मिलकर खुशहाल जीवन जीते हैं।दिया जलाने की दिशा
बाथरूम में दिया जलाने के लिए उत्तर-पूर्व दिशा सबसे शुभ मानी जाती है। इस दिशा में दिया जलाने से जल, वायु और अग्नि तत्वों का संतुलन बना रहता है। यह दिशा सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ाने में सहायक होती है।अन्य शुभ स्थान
दिवाली पर केवल बाथरूम ही नहीं, बल्कि मुख्य द्वार, पूजा घर, और रसोई में भी दिया जलाना अत्यंत शुभ माना जाता है। ये स्थान घर की समृद्धि और सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण होते हैं और इन पर दीयों का प्रकाश घर में खुशियों की किरणें लाता है।दीया जलाने की सावधानियां
बाथरूम में दिया जलाते समय कुछ विशेष सावधानियां बरतना आवश्यक है। सुनिश्चित करें कि दीया एक सुरक्षित जगह पर रखा जाए और इसे जलाने के बाद देखभाल की जाए, ताकि आग लगने का खतरा न हो। इस दिवाली, अपने घर के हर कोने में दीयों की रोशनी फैलाएं, खासकर बाथरूम में। यह न केवल नेगेटिविटी को दूर करेगा, बल्कि आपके घर में सकारात्मक वातावरण भी बनाएगा। सही दिशा का चयन
बाथरूम में दीया जलाते समय दिशा का ध्यान रखना महत्वपूर्ण है। दीये को बाथरूम के पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा में रखें, क्योंकि इन दिशाओं में दीया जलाने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इससे घर में सकारात्मकता बढ़ती है और नकारात्मकता कम होती है।तेल और बाती का चयन
दीया जलाने के लिए तिल का तेल और रुई की बाती का उपयोग करें। तिल के तेल को शुभ माना जाता है, जो नकारात्मक शक्तियों को दूर करता है और सकारात्मकता लाता है। इसका उपयोग करने से दीये की रोशनी का सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।सफाई का ध्यान रखें
बाथरूम को साफ रखें और वहां किसी भी प्रकार का कूड़ा न रखें। दीया जलाने से पहले सुनिश्चित करें कि बाथरूम में किसी भी प्रकार की गंदगी न हो, क्योंकि गंदगी नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देती है। स्वच्छता बनाए रखने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
समय का चयन
शाम के समय, सूर्यास्त के बाद दीया जलाना शुभ माना जाता है। इस समय दीया जलाने से घर में सकारात्मकता बढ़ती है और बाथरूम की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। यह समय विशेष रूप से दिवाली जैसे त्योहारों पर महत्वपूर्ण होता है।दीये का रखरखाव
दीये को एक सुरक्षित स्थान पर रखें, जहां पानी का छींटा न पड़े। सुनिश्चित करें कि दीया अच्छे से जल रहा हो ताकि उसका प्रभाव पूर्ण रूप से हो। दीये की देखभाल करना महत्वपूर्ण है ताकि यह निरंतर सकारात्मक ऊर्जा प्रदान कर सके। दिवाली के दिन बाथरूम में दिया जलाने का क्या महत्व है?
बाथरूम में दिया जलाने से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है। यह स्वच्छता और सकारात्मकता का प्रतीक है, जिससे घर में शांति और समृद्धि बनी रहती है।
बाथरूम में दिया जलाने से घर में कौन-सी सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है?
यह ऊर्जा घर के भीतर के सभी स्थानों को शुद्ध करती है। पॉजिटिविटी का संचार करने से परिवार में सामंजस्य और खुशहाली बढ़ती है।
क्या बाथरूम में दिया जलाना किसी विशेष दिशा में होना चाहिए?
हाँ, बाथरूम में दिया जलाने के लिए उत्तर-पूर्व दिशा सबसे शुभ मानी जाती है। इससे जल, वायु और अग्नि तत्वों का संतुलन बना रहता है।
दिवाली पर अन्य किस स्थानों पर दिया जलाना शुभ माना जाता है?
दिवाली पर मुख्य द्वार, पूजा घर, और रसोई में दिया जलाना अत्यंत शुभ माना जाता है। ये स्थान घर की समृद्धि और सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण माने जाते हैं।
बाथरूम में दिया जलाने से संबंधित कोई विशेष सावधानियां क्या हैं?
बाथरूम में दिया जलाते समय यह सुनिश्चित करें कि दीया एक सुरक्षित जगह पर हो। इसे जलाने के बाद देखभाल करें ताकि आग लगने का खतरा न हो। दिवाली की इस पवित्र बेला में, हर दीये के साथ खुशियों और समृद्धि की कामना करें।
बाथरूम में दिया जलाने से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है। यह स्वच्छता और सकारात्मकता का प्रतीक है, जिससे घर में शांति और समृद्धि बनी रहती है।
बाथरूम में दिया जलाने से घर में कौन-सी सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है?
यह ऊर्जा घर के भीतर के सभी स्थानों को शुद्ध करती है। पॉजिटिविटी का संचार करने से परिवार में सामंजस्य और खुशहाली बढ़ती है।
क्या बाथरूम में दिया जलाना किसी विशेष दिशा में होना चाहिए?
हाँ, बाथरूम में दिया जलाने के लिए उत्तर-पूर्व दिशा सबसे शुभ मानी जाती है। इससे जल, वायु और अग्नि तत्वों का संतुलन बना रहता है।
दिवाली पर अन्य किस स्थानों पर दिया जलाना शुभ माना जाता है?
दिवाली पर मुख्य द्वार, पूजा घर, और रसोई में दिया जलाना अत्यंत शुभ माना जाता है। ये स्थान घर की समृद्धि और सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण माने जाते हैं।
बाथरूम में दिया जलाने से संबंधित कोई विशेष सावधानियां क्या हैं?
बाथरूम में दिया जलाते समय यह सुनिश्चित करें कि दीया एक सुरक्षित जगह पर हो। इसे जलाने के बाद देखभाल करें ताकि आग लगने का खतरा न हो। दिवाली की इस पवित्र बेला में, हर दीये के साथ खुशियों और समृद्धि की कामना करें।
Author - Saroj Jangir
दैनिक उपयोगी सामाजिक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं एक विशेषज्ञ के रूप में उपयोगी और रोचक जानकारियों और टिप्स साझा करती हूँ। मेरे लेखों का उद्देश्य जानकारियों को रोचकता के साथ पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है। |
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