खाटू से चलकर आज मेरे घर आये लखदातार

खाटू से चलकर आज मेरे घर आये लखदातार


खाटू से चलकर आज मेरे घर
आए लखदातार
कृपा बरसाए रहे
कृपा बरसाए रहे।

श्याम प्रभु का घर है ये
श्याम ही इसके मालिक हैं
हम तो निर्भय रहते हैं
श्याम हमारा रक्षक है
श्याम चरण में ही बैठा है
अपना ये परिवार
कृपा बरसाए रहे
कृपा बरसाए रहे।

आज सराहूं किस्मत को
श्याम धणी घर आए हैं
मेरे घर के आंगन में
ये दरबार लगाए हैं
कितना प्यारा रूप है इनका
सुंदर है श्रृंगार
कृपा बरसाए रहे
कृपा बरसाए रहे।

प्रेमी जन का जमघट है
भाव भरा सबके दिल में
श्याम प्रभु के दीवाने
झूम रहे सब मस्ती में
जगमग जगमग ज्योत जल रही
हो रही जय जयकार
कृपा बरसाए रहे
कृपा बरसाए रहे।

जो भी जरूरत होती है
श्याम ही पूरी करते हैं
नई नई सौगातों से
सबकी झोली भरते हैं
बिन्नू सारे जग में इनकी
महिमा अपरंपार
कृपा बरसाए रहे
कृपा बरसाए रहे।

खाटू से चलकर आज मेरे घर
आए लखदातार
कृपा बरसाए रहे
कृपा बरसाए रहे।


Mere Ghar Aaye Lakhdatar | मेरे घर आये लखदातार | Krishnanad Ji Maharaj & Pradeep Parul Atreya

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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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