आज हम एक अद्भुत और प्रेरणादायक कहानी लेकर आए हैं, जिसका शीर्षक है "तेनालीराम की बुद्धिमानी और सूझबूझ की कहानी।" यह कहानी हमें विजय नगर के महान राजा कृष्णदेव राय और उनके चतुर दरबारी तेनालीराम की है। तेनालीराम अपनी हाजिरजवाबी और बुद्धिमत्ता से लोगों के दिलों पर राज करते थे। इस कहानी में हम जानेंगे कि कैसे तेनालीराम ने अपनी चतुराई से अपने दुश्मनों के षड्यंत्रों को नाकाम कर दिया और महाराज का विश्वास और सम्मान अर्जित किया। Tanaliram Ki Sujhbujh Story

कहानी: तेनालीराम की सूझबूझ और चतुराई
विजयनगर साम्राज्य के महान राजा कृष्णदेव राय का शासनकाल 1509 ई. से 1530 ई. तक रहा, जिसे स्वर्णिम युग कहा जाता है। इसी काल में तेनालीराम नामक विदूषक ने राजा के दरबार में अपनी अनोखी बुद्धिमत्ता और चतुराई से सभी का दिल जीत लिया। तेनालीराम, जिनका असली नाम रामलिंग था, का जन्म आंध्र प्रदेश के गंटूर जिले के गलीपाडू नामक कस्बे में हुआ था। पिता के देहांत के बाद उनका लालन-पालन उनके ननिहाल तेनाली गांव में हुआ, इसी कारण उन्हें "तेनालीराम" नाम से पहचाना जाने लगा।
दरबार में प्रवेश करने से पहले तेनालीराम ने कई चुनौतियों का सामना किया, लेकिन अपने लक्ष्य को हासिल करने का दृढ़ निश्चय उन्हें राजा कृष्णदेव राय के दरबार तक ले ही आया। तेनालीराम की हाजिरजवाबी और बुद्धिमानी ने जल्द ही राजा का दिल जीत लिया। महाराज कृष्णदेव राय के दरबार में तेनालीराम को सबसे प्रिय दरबारी के रूप में स्थान मिला, जिससे अन्य दरबारी उन पर ईर्ष्या करने लगे। दरबार के बाकी सदस्य हमेशा यही कोशिश में रहते थे कि तेनालीराम को राजा की नजरों में गिरा सकें।
लेकिन तेनालीराम की चालाकी और समझदारी इतनी तीव्र थी कि वो हर षड्यंत्र को अपनी सूझबूझ से नाकाम कर देते थे। एक बार दरबारियों ने तेनालीराम को महाराज के सामने नीचा दिखाने के लिए एक मुश्किल समस्या पेश की। सभी ने सोचा कि तेनालीराम इस समस्या का हल नहीं निकाल पाएंगे, लेकिन अपनी अद्भुत चतुराई से तेनालीराम ने समस्या का ऐसा हल निकाला कि राजा ने तेनालीराम की प्रशंसा करते हुए उन्हें इनाम से नवाज़ा। तेनालीराम हर बार अपनी सूझबूझ और हाजिरजवाबी से दुश्मनों के इरादों को मात दे देते थे।
कहानी से सीख Moral of the Story
इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि मुश्किलें चाहे जितनी भी हों, हमें अपनी बुद्धिमानी और सूझबूझ का इस्तेमाल करते हुए आगे बढ़ना चाहिए। सही समझ और सही दृष्टिकोण से हर समस्या का समाधान संभव है।
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Author - Saroj Jangir
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