ये रिश्ता क्या कहलाता है भजन
ये रिश्ता क्या कहलाता है भजन
शब्द नहीं जो बोल सकूं,
ये रिश्ता क्या कहलाता है,
मैं तो इतना जानूं मेरा,
श्याम से गहरा नाता है,
शब्द नहीं जो बोल सकूं,
ये रिश्ता क्या कहलाता है।।
ये मुझे जाने, ये पहचाने,
क्या हूं मैं और कैसा हूं,
श्याम के मन को जो भाता है,
मैं तो बिलकुल वैसा हूं।
इसीलिए तो,
इसीलिए तो मुझ पर अपना
जमकर प्यार लुटाता है,
शब्द नहीं जो बोल सकूं,
ये रिश्ता क्या कहलाता है।।
कितना मेरा ख्याल ये रखता,
आई आफत टाल रहा,
छोटे बच्चों के जैसे ही,
मुझको श्याम संभाल रहा।
कभीकभी,
कभीकभी चुपके से मुझको,
देख~देख मुस्काता है,
शब्द नहीं जो बोल सकूं,
ये रिश्ता क्या कहलाता है।।
अपना सब कुछ सौंप दिया है,
मैंने श्याम के हाथों में,
दिल मेरा गद~गद हो जाता,
श्याम प्रभु की बातों में।
श्याम ही मेरा,
श्याम ही मेरा इष्टदेव है,
श्याम ही भाग्य विधाता है,
शब्द नहीं जो बोल सकूं,
ये रिश्ता क्या कहलाता है।।
तार से तार जुड़ें हैं दिल के,
गर्व से कहता है बिन्नू,
श्याम प्रभु की छत्रछाया में,
मैं तो हर पल रहता हूं।
भरभर प्याला,
भरभर प्याला श्याम सुधा का,
मुझको श्याम पिलाता है,
शब्द नहीं जो बोल सकूं,
ये रिश्ता क्या कहलाता है।।
शब्द नहीं जो बोल सकूं,
ये रिश्ता क्या कहलाता है,
मैं तो इतना जानूं मेरा,
श्याम से गहरा नाता है,
शब्द नहीं जो बोल सकूं,
ये रिश्ता क्या कहलाता है।।
ये रिश्ता क्या कहलाता है,
मैं तो इतना जानूं मेरा,
श्याम से गहरा नाता है,
शब्द नहीं जो बोल सकूं,
ये रिश्ता क्या कहलाता है।।
ये मुझे जाने, ये पहचाने,
क्या हूं मैं और कैसा हूं,
श्याम के मन को जो भाता है,
मैं तो बिलकुल वैसा हूं।
इसीलिए तो,
इसीलिए तो मुझ पर अपना
जमकर प्यार लुटाता है,
शब्द नहीं जो बोल सकूं,
ये रिश्ता क्या कहलाता है।।
कितना मेरा ख्याल ये रखता,
आई आफत टाल रहा,
छोटे बच्चों के जैसे ही,
मुझको श्याम संभाल रहा।
कभीकभी,
कभीकभी चुपके से मुझको,
देख~देख मुस्काता है,
शब्द नहीं जो बोल सकूं,
ये रिश्ता क्या कहलाता है।।
अपना सब कुछ सौंप दिया है,
मैंने श्याम के हाथों में,
दिल मेरा गद~गद हो जाता,
श्याम प्रभु की बातों में।
श्याम ही मेरा,
श्याम ही मेरा इष्टदेव है,
श्याम ही भाग्य विधाता है,
शब्द नहीं जो बोल सकूं,
ये रिश्ता क्या कहलाता है।।
तार से तार जुड़ें हैं दिल के,
गर्व से कहता है बिन्नू,
श्याम प्रभु की छत्रछाया में,
मैं तो हर पल रहता हूं।
भरभर प्याला,
भरभर प्याला श्याम सुधा का,
मुझको श्याम पिलाता है,
शब्द नहीं जो बोल सकूं,
ये रिश्ता क्या कहलाता है।।
शब्द नहीं जो बोल सकूं,
ये रिश्ता क्या कहलाता है,
मैं तो इतना जानूं मेरा,
श्याम से गहरा नाता है,
शब्द नहीं जो बोल सकूं,
ये रिश्ता क्या कहलाता है।।
Ye Rishta Kya Kehlata Hai - Rajni Rajasthani | ये रिश्ता क्या कहलाता है | Beautiful Shyam Bhajan
ऐसे ही अन्य भजनों के लिए आप होम पेज / गायक कलाकार के अनुसार भजनों को ढूंढें.
पसंदीदा गायकों के भजन खोजने के लिए यहाँ क्लिक करें।
ऐसे ही अन्य भजनों के लिए आप होम पेज / गायक कलाकार के अनुसार भजनों को ढूंढें.
पसंदीदा गायकों के भजन खोजने के लिए यहाँ क्लिक करें।
यह भजन भी देखिये
|
Author - Saroj Jangir
इस ब्लॉग पर आप पायेंगे मधुर और सुन्दर गणेश भजनों का संग्रह । इस ब्लॉग का उद्देश्य आपको सुन्दर भजनों के बोल उपलब्ध करवाना है। आप इस ब्लॉग पर अपने पसंद के गायक और भजन केटेगरी के भजन खोज सकते हैं....अधिक पढ़ें। |
