Panchtantra Ki Kahani Murkh Bakariyo Ki Kahani नमस्कार, मेरे इस पोस्ट में आपका स्वागत है। आज हम एक प्रेरणादायक कहानी "मूर्ख बकरियों की कहानी" के बारे में जानेंगे। यह कहानी हमें जीवन में झगड़े और हठधर्मिता के परिणामों के बारे में सिखाती है। तो चलिए, इस सरल और शिक्षाप्रद कहानी को पढ़ते हैं और अंत में इससे मिलने वाली सीख को समझते हैं।
पंचतंत्र की प्रेरक कहानी मूर्ख बकरियां
एक बार की बात है, एक घने जंगल में दो बकरियां रहती थीं। वे दोनों अपनी अपनी जगह पर घास चरने के लिए जंगल के अलग अलग हिस्सों में जाती थीं। उस जंगल में एक नदी बहती थी, जिसमें एक बहुत ही संकीर्ण पुल बना हुआ था। यह पुल इतना संकरा था कि एक बार में केवल एक ही जानवर उस पर से गुजर सकता था।
एक दिन, दोनों बकरियां अपने अपने रास्ते पर घास चरते हुए एक ही समय पर उस पुल के पास पहुंच गईं। अब दोनों का इरादा नदी के दूसरे किनारे पर जाने का था। पुल की चौड़ाई इतनी कम थी कि एक समय में केवल एक ही बकरी उस पर से निकल सकती थी। दोनों बकरियों ने पुल पर कदम रखा और अब वो एक-दूसरे के सामने थीं।
जब दोनों बकरियां पुल पर एक दूसरे के सामने आ गईं, तो कोई भी पीछे हटने को तैयार नहीं थी। एक बकरी ने कहा, " मुझे पहले पुल के उस पार जाने दो, मेरे बाद तुम चली जाना।" इस पर दूसरी बकरी ने जवाब दिया, "नहीं, पहले मुझे जाने दो। मैं पहले आई हूँ।"
इस तरह बहस बढ़ती चली गई। पहली बकरी ने अकड़ दिखाते हुए कहा, "पहले मैं आई थी, इसलिए मुझे ही पहले जाने का हक है।" दूसरी बकरी भी कहां पीछे हटने वाली थी। उसने भी तर्क दिया, "नहीं, पहले मैं जाऊंगी। तुम मेरे बाद आना।" धीरे-धीरे उनकी बहस और झगड़ा बढ़ने लगा, और वे दोनों पुल के बीच में आ गईं।
अपनी अकड़ में दोनों बकरियों को यह याद ही नहीं रहा कि वे एक संकीर्ण पुल पर खड़ी हैं, जहां थोड़ी भी गलती उन्हें खतरनाक स्थिति में डाल सकती है। वे एक-दूसरे को हटाने के चक्कर में उनका संतुलन बिगड़ गया और अचानक दोनों बकरियां नदी में गिर गईं। नदी का बहाव तेज और गहरा था, जिसके कारण दोनों बकरियां नदी में बहते हुए दूर चली गईं और अंत में उनकी जिद और अकड़ के कारण उनकी जान चली गई।
कहानी से मिलने वाली सीख
झगड़े और अहंकार से किसी समस्या का समाधान नहीं होता, बल्कि इससे स्थिति और बिगड़ सकती है। हम जब भी किसी मुश्किल में पड़ जायें तो हमें शांत दिमाग और समझदारी से काम लेना चाहिए। झगड़े की बजाय एक दूसरे का सहयोग और धैर्य ही किसी समस्या का हल हो सकता है।
जंगल में रहने वाली दो बकरियां, जो संकीर्ण पुल पर एक-दूसरे से टकरा गईं, ने अपनी जिद के कारण नदी में गिरकर अपनी जान गंवा दी। यह कहानी जीवन में सहयोग और धैर्य का महत्व बताती है। पढ़ें यह रोचक और सरल कहानी, जो सभी उम्र के लोगों के लिए सीख भरी हुई है।
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Author - Saroj Jangir
दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं एक विशेषज्ञ के रूप में रोचक जानकारियों और टिप्स साझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें।
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