राजस्थानी कहावत फूटी आँख नीं सुहावणौ।
अर्थ हिंदी में: अत्यन्त अप्रिय लगना।
अंग्रेज़ी में: To be extremely unpleasant or intolerable to see.
रमेश ने चोरी पकड़ी गई, अब गाम के लोगां नै बो फूटी आँख नीं सुहावै।
हिंदी में: रमेश की चोरी पकड़ी गई, अब गाँव के लोगों को वह अत्यन्त अप्रिय लगता है।
अंग्रेज़ी में: After Ramesh was caught stealing, he became extremely unpleasant to the villagers.
इस राजस्थानी कहावत का हिंदी में अर्थ है की तनिक भी प्रिय नहीं लगना, बहुत बुरा लगाना. जब कोई व्यक्ति, वस्तु या घटना इतनी अप्रिय हो कि सहन करना मुश्किल हो जाए। "फूटी आँख" प्रतीकात्मक रूप से नफरत या असहिष्णुता का संकेत देती है।
"फूटी आँख नीं सुहावणौ" कहावत का अर्थ है जब किसी व्यक्ति का व्यवहार, चरित्र या कार्य नकारात्मक होते हैं, तो वह दूसरों के लिए असहनीय बन जाता है। यह कहावत उन भावनाओं को भी उजागर करती है, जहाँ किसी की उपस्थिति मात्र से मन को असुविधा होती है, उसे वह अच्छा नहीं लगता है.
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