पंचतंत्र की रोचक कहानी - चालाक खटमल
नमस्कार दोस्तों, आज हम आपको पंचतंत्र की एक दिलचस्प कहानी सुनाने जा रहे हैं जिसका शीर्षक है "चालाक खटमल"। यह कहानी हमें सिखाती है कि अनजानों पर बिना सोचे-समझे विश्वास करना ठीक नहीं होता है। चलिए, कहानी की शुरुआत करते हैं और जानते हैं कि कैसे एक चालाक खटमल की वजह से एक जूँ को अपनी जान गवानी पड़ी, आप अपने जीवन में इससे शिक्षा लेने की कोशिश करें।
कहानी : चालाक खटमल
एक समय की बात है, एक राजा के शयनकक्ष में मंदविसर्पिणी नाम की एक जूँ का बसेरा था। वह रोज़ रात को राजा के सोने के बाद चुपके से बाहर निकलती और थोड़ी-थोड़ी मात्रा में राजा का खून चूसकर वापस अपने स्थान पर लौट जाती। उसकी यह आदत थी, जिससे राजा को कभी भनक भी नहीं लगती थी।
एक दिन, अग्निमुख नाम का एक चालाक खटमल उसी कमरे में आ पहुंचा। जूँ ने उसे देखते ही वहाँ से जाने को कहा, क्योंकि वह किसी और को अपने अधिकार क्षेत्र में आने देना नहीं चाहती थी, वह खटमल को वहां देखकर प्रसन्न नहीं हुई । खटमल ने थोड़ी चतुराई दिखाई और खुद को मेहमान बताते हुए कहा, "मित्रता और मेहमाननवाजी का तकाजा है कि तुम मुझे एक रात के लिए यहाँ रुकने दो।"
जूँ को खटमल की बातों को लिहाज में आकर मानना पड़ा , लेकिन उसने शर्त रखी कि वह राजा को काटेगा नहीं। खटमल ने वादा किया और जूँ के कहने पर वहीं रुक गया। जैसे ही राजा सोने आया, खटमल अपने वादे को भूलकर तुरंत राजा का खून चूसने लगा। उसे राजा का खून बहुत स्वादिष्ट लगा और वह अपना आपा खो बैठा। उसने इतने जोर से काटा कि राजा की नींद खुल गई और उसे तेज खुजली महसूस होने लगी।
राजा ने क्रोधित होकर अपने सेवकों को कमरे में छानबीन करने का हुक्म दिया। जैसे ही राजा के सेवक आए, चालाक खटमल तो बिस्तर के कोने में छिप गया, लेकिन जूँ राजा की चादर पर दिखाई दी और सेवकों ने उसे पकड़कर मार डाला।
जूँ को खटमल की बातों को लिहाज में आकर मानना पड़ा , लेकिन उसने शर्त रखी कि वह राजा को काटेगा नहीं। खटमल ने वादा किया और जूँ के कहने पर वहीं रुक गया। जैसे ही राजा सोने आया, खटमल अपने वादे को भूलकर तुरंत राजा का खून चूसने लगा। उसे राजा का खून बहुत स्वादिष्ट लगा और वह अपना आपा खो बैठा। उसने इतने जोर से काटा कि राजा की नींद खुल गई और उसे तेज खुजली महसूस होने लगी।
राजा ने क्रोधित होकर अपने सेवकों को कमरे में छानबीन करने का हुक्म दिया। जैसे ही राजा के सेवक आए, चालाक खटमल तो बिस्तर के कोने में छिप गया, लेकिन जूँ राजा की चादर पर दिखाई दी और सेवकों ने उसे पकड़कर मार डाला।
खटमल की कहानी से प्राप्त शिक्षा
चालाक खटमल की इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि किसी अनजान पर बिना सोचे-समझे भरोसा करना घातक साबित हो सकता है। जो लोग अपने स्वार्थ के लिए दूसरों का भरोसा तोड़ते हैं, अंत में उनका भी नुकसान होता है। इसलिए चाहिए की जीवन में हम हर किसी पर भरोसा ना करें, पहले व्यक्ति को जांच परख लें, उसके इरादों की जांच के बाद ही किसी पर भरोसा करना चाहिए।
पंचतंत्र की कहानी "चालाक खटमल" एक राजा, एक जूँ और एक चालाक खटमल कहानी है। इस कहानी में बताया गया है कि कैसे एक अनजान खटमल ने जूँ का भरोसा तोड़कर अपने स्वार्थ को पूरा किया और अंत में जूँ को अपने ही भरोसे का खामियाजा भुगतना पड़ा। इस कहानी का नैतिक संदेश यह है कि अनजानों पर आँख मूंदकर विश्वास करना बुद्धिमानी नहीं है। इस शिक्षाप्रद कहानी को पढ़कर आप अपने बच्चों को शिक्षा दे की हर किसी पर भरोसा ना करें और व्यक्ति के इरादे को जानने की कोशिश करें।
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Author - Saroj Jangir
दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं एक विशेषज्ञ के रूप में रोचक जानकारियों और टिप्स साझा करती हूँ। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें। |