लकीर रौ फकीर होणौ राजस्थानी मुहावरे का अर्थ

लकीर रौ फकीर होणौ: राजस्थानी कहावत/Rajasthani Phrase

हिंदी में अर्थ:- इस कहावत का तात्पर्य है कि व्यक्ति बिना किसी सोच-विचार के पुरानी परंपराओं और रूढ़ियों का अंधानुकरण करता रहता है। ‘लकीर’ का अर्थ है तयशुदा रास्ता, और ‘फकीर’ का मतलब है वह जो अपनी स्थिति से संतुष्ट हो। जब कोई नई परिस्थितियों को समझने और बदलाव को अपनाने के बजाय केवल पुरानी परिपाटियों का अनुसरण करता है, तो उसे 'लकीर रौ फकीर होणौ' कहा जाता है। 

लकीर रौ फकीर होणौ राजस्थानी मुहावरे का अर्थ
 

अतः स्पष्ट अर्थ है की रूढ़ियों का अंधानुकरण करना, जैसी परिपाटी चली आ रही है उसी का पालन करना, उसमे कोई सुधार नहीं करना। हिंदी में इसे लकीर का फ़कीर होना कहते हैं। आशय है की केवल चली आ रही प्रथा का अनुकरण करना।  राजस्थानी कहावत "लकीर रौ फकीर होणौ" का अर्थ है, पुरानी रीति-रिवाजों और मान्यताओं का अंधानुकरण करना। इसका तात्पर्य है कि व्यक्ति नई सोच या बदलाव को स्वीकार करने के बजाय पुरानी परंपराओं को ही पकड़े रहता है। यह कहावत उन लोगों की ओर इशारा करती है जो अपने व्यवहार और सोच में जड़ता रखते हैं और समय के साथ बदलने को तैयार नहीं होते। इसे हिंदी में "लकीर का फकीर होना" कहा जाता है।

The phrase refers to blindly following old traditions and conventions without any critical thinking or adaptation to new circumstances. 'Lakheer' means a set path, and 'Faqeer' symbolizes someone content with their condition. When individuals refuse to adapt to change and only follow outdated customs, they are referred to as "Lakheer Ro Faqeer." This phrase critiques those who resist progress and cling to obsolete practices.

इस कहावत का गहरा अर्थ है कि केवल पुरानी परंपराओं का पालन करना और नई सोच या बदलाव को न अपनाना, समाज की प्रगति में बाधा बन सकता है। यह कहावत उन लोगों को इंगित करती है जो अपनी सहजता और आलस्य के कारण सुधार या नवीनता को नकारते हैं। उदाहरण के लिए, अगर कोई पुरानी प्रथा केवल इसलिए मानता है क्योंकि वह वर्षों से चली आ रही है, लेकिन वह आज के समाज के लिए अनुपयुक्त हो गई है, तो यह लकीर का फकीर होने का परिचायक है। 

  • रोहन इतना पढ़ा-लिखा है, फिर भी वह हमेशा पुरानी रीति पर चलता है; वह पूरी तरह लकीर का फकीर हो गया है।
  • लोकेश ने पीएचडी तो कर ली, लेकिन उसके काम करने का तरीका दिखाता है कि वह लकीर का फकीर है।
  • हर इंसान को लकीर का फकीर नहीं बनना चाहिए; कभी-कभी नए दृष्टिकोण अपनाने से ही सुधार होता है।
  • रजत को समझाना बेकार है; वह पूरी तरह लकीर के फकीर हो चुका है।

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The deeper meaning of this proverb highlights that blindly adhering to old traditions without adapting to new ideas or changes can hinder progress. It refers to those who, due to complacency or resistance to change, deny innovation or reform. For instance, if someone follows an outdated practice merely because it has been in place for generations, even if it no longer suits the modern context, they embody being "Lakheer Ro Faqeer." The phrase encourages balancing tradition with a willingness to embrace new perspectives and improvements.

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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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