कोई चिंता ना जद म्हारे सिर पे भजन लिरिक्स राम कुमार लक्खा
कोई चिंता ना जद म्हारे सिर पे Koi Chinta Naa Jad Mhare Sir Pe Shyan Dhani Ko Hath Bhajan कोई चिंता ना जद म्हारे सिर पे, श्याम धनी को हाथ, दीन दुखी …
જે ગમે જગત ગુરુ દેવ જગદીશને, તે તણો ખરખરો ફોક કરવો; આપણો ચિંતવ્યો અર્થ
सभी गुजराती भजन देखेंहत्थ फड़ के तू सिखाया जिन्नू तुरना : जिसे तुमने हाथ पकड़ कर चलना सिखाया।
सभी पंजाबी लोकगीत देखेबाय चाल्या छा भंवर जी पींपळी जी, हांजी ढोला हो गई घेर घुमेर,
सभी राजस्थानी फोक सोंग देखेंहे माँ, कैसा जुलम गुज़ारा, मैं बूढ़े गेल्याँ (साथ) ब्याही,
सभी हरियाणवी फोक सोंग देखेढोलकीच्या तालावर घुंगरच्यां बोलावर, मी नाचते मीं डोलते
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