पतंजली अर्शकल्प वटी के फायदे घटक सेवन विधि Patanjali Arshkalp Vati Ke Fayde

अर्शकल्प वटी के फायदे Patanjali Arshkalp Vati Ke Fayde Benefits of Patanjali Arshkalp Vati

पतंजलि अर्शकल्प वटी के बारे में Patanjali Arshkalp Vati Introduction

अर्शकल्प वटी ये आयुर्वेदिक दवा है जो टेबलेट फॉर्म में है। इसे बवासीर, पुराने कब्ज और गैस से सबंधित विकारों के लिए उपयोग में लिया जाता है। बवासीर (Hemorrhoid) दो तरह की होती है खुनी बवासीर और बादी बवासीर, दोनों ही बहुत ही पीड़ादायक होती है। इसके कई कारण हो सकते हैं यथा भारी वजन उठाना, घंटों तक खड़े रहना या लगातार बैठे रहना आदि। पुरानी कब्ज जिसकी वजह से मल त्याग में ज्यादा जोर लगाना पड़ता है। मोटापा भी इसका एक कारण है। यह रोग वंशानुगत भी हो सकता है। उम्र बढ़ने के साथ साथ यह समस्या बढ़ जाती है। अर्शकल्प वटी इसके लिए प्रभावी ओषधि है। भगन्दर और फिस्चुला में भी यह ओषधि प्रभावी होती है। 
 
पतंजली अर्शकल्प वटी के फायदे घटक सेवन विधि Patanjali Arshkalp Vati Ke Fayde
 

पतंजलि दिव्य अर्शकल्प वटी क्या है What is Patanjali Divya Arshkalp Vati in Hindi

पतंजलि दिव्य अर्शकल्प वटी, एक प्रतिष्ठित आयुर्वेदिक ओषधि है जिसका उपयोग बवासीर और फिस्टुला के इलाज के लिए किया जाता है। यह ओषधि टेबलेट फॉर्म में है और पतंजलि आयुर्वेद द्वारा निर्मित है। 

पतंजलि अर्शकल्प वटी बवासीर और पायल्स से कैसे बचे Patanjali Arshkalp Vati Bavaseer Me Fayda

अपने पेट पर ध्यान दें। पाचन क्रिया पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। ज्यादा मात्रा में पानी पिए, फाइबर युक्त भोजन करें, ज्यादा तले भुने भोजन से परहेज करें। ढीले मल के लिए त्रिफला या इसबगोल की भूसी का उपयोग करें। सुबह शाम भोजन के उपरांत टहलें जिससे भोजन सुचारु रूप से पच पाए। फ़ास्ट फूड और जंक फ़ूड से परहेज करें। ताज़ी हरी पत्तेदार सब्जियों और फलों का प्रयोग ज्यादा करें। खाने पीने में सलाद का उपयोग ज्यादा करें। लाल और हरी मिर्च के साथ गरम मसाले का उपयोग नहीं करें। दिन में तीन चार बार छाछ का सेवन करें। मल त्यागते वक़्त आवश्यकता से अधिक जोर ना लगाए और ढीले कपडे पहने। टॉयलेट में ज्यादा देर तक बैठने की आदत से बचे। धूम्रपान और शराब के सेवन से बचे।

पतंजली अर्शकल्प वटी के फायदे Patanjali Arshkalp Vati Ke Fayde

अर्शकल्प वटी के सेवन से पायल्स और बवासीर की समस्या दूर होती है। मल ढीला लगना शुरू हो जाता है। अर्शकल्प वटी के सेवन से सूजन कम होती है और खून आना कम हो जाता है। बवासीर या पाईल्स की यह एक बढ़िया दवा है। अर्शकल्प एक अच्छी एंटी ऑक्सीडेंट्स, एंटी इंफ्लामेन्ट्री, एन्टीबैक्टीयल गुणों के कारण यह एक प्रभावी दवा है। पाचन सुधरता है और मल त्यागने में जोर नहीं लगाना पड़ता है। अर्शकल्प वटी के विरेचक आँतों की नियमित सफाई करते हैं। 
 

बवासीर (Piles) में पतंजलि अर्शकल्प वटी के फायदे Benefits of Patanjali Arshakalp Vati to get rid of the problem of Piles.

गलत खानपान और लाइफस्टाइल से जुड़ी खराब आदतों की वजह से आज के समय में कब्ज के मरीजों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। लंबे समय तक कब्ज से पीड़ित होने पर कई गंभीर समस्याएं पनपने लगती हैं जिनमें बवासीर (पाइल्स) सबसे प्रमुख है। शौच के समय तेज दर्द और ब्लीडिंग होना बवासीर के मुख्य लक्षण हैं।

पतंजलि दिव्य अर्शकल्प वटी एक आयुर्वेदिक औषधि है जो बवासीर के इलाज में मदद करती है। यह ओषधि कब्ज को दूर करने, पेट की सूजन और जलन को कम करने, और बवासीर के घावों को भरने में मदद करती हैं। आचार्य बालकृष्ण के अनुसार, पतंजलि दिव्य अर्शकल्प वटी का सेवन नियमित रूप से करने से बवासीर की समस्या से हमेशा के लिए छुटकारा पाया जा सकता है।

कब्ज को दूर करने में फायदे Patanjali Arshkalp Vati help in relieve Constipation

पतंजलि अर्शकल्प वटी कब्ज को जड़ से मिटाने में मदद करती है। इस वटी को बनाने में कई तरह की जड़ी-बूटियों का उपयोग किया जाता है, जिनमें हरड़, बेल, आमला, शंख भस्म, और लोहा भस्म शामिल हैं। ये जड़ी-बूटियाँ कब्ज को दूर करने, पेट की सूजन और जलन को कम करने, और बवासीर के घावों को भरने में मदद करती हैं। कब्ज की समस्या काफी हद तक आपके गलत खानपान और बिगड़ी हुई लाइफस्टाइल के कारण होती है। देर रात तक जागना, बिल्कुल भी एक्सरसाइज ना करना, जंक फूड और शराब-सिगरेट आदि का जरूरत से ज्यादा सेवन करना कब्ज होने का मूल कारण है। पतंजलि अर्शकल्प वटी का सेवन नियमित रूप से करने से कब्ज की समस्या से हमेशा के लिए छुटकारा पाया जा सकता है।

बवासीर (पाइल्स) रोग में लाभकारी पतंजलि अर्शकल्प वटी Patanjali Divya Arshkalp Vati for Piles

पतंजलि अर्शकल्प वटी बवासीर (पाइल्स) की समस्या से छुटकारा दिलाती है। इस वटी को बनाने में कई तरह की जड़ी-बूटियों का उपयोग किया जाता है ये जड़ी-बूटियाँ कब्ज को दूर करने, पेट की सूजन और जलन को कम करने, और बवासीर के घावों को भरने में मदद करती हैं। आचार्य बालकृष्ण बताते हैं कि बवासीर के मरीजों को नियमित रूप से अर्शकल्प वटी का सेवन करना चाहिए। यह दवा कब्ज को जड़ से खत्म करके बवासीर का इलाज करती है। इसके सेवन से कुछ ही महीनों में शौच के दौरान दर्द और ब्लीडिंग की समस्या ठीक होने लगती है। पतंजलि अर्शकल्प वटी की खुराक एक दिन में दो बार, एक गोली, नाश्ते और रात के खाने से पहले गुनगुने पानी या दूध के साथ लेनी चाहिए।

मस्सों की जलन और खुजली के इलाज के लिए पतंजलि अर्शकल्प वटी Patanjali Divya Arshkalp Vati gives relief from Itching and Irritation in Piles

पतंजलि अर्शकल्प वटी मस्सों में होने वाली जलन और खुजली को दूर करने में मदद करती है।  इसके घटक मस्सों को सुखाने और दर्द और जलन को कम करने में मदद करती हैं। बवासीर के कारण गुदा के आसपास वाले हिस्से में कई मस्से बन जाते हैं। इन मस्सों में अक्सर तेज जलन और खुजली होने लगती है। पतंजलि अर्शकल्प वटी का सेवन करने से इन मस्सों में होने वाली जलन और खुजली से आराम मिलता है। इसके नियमित उपयोग के बाद ये मस्से सूखकर झड़ जाते हैं।
 

फिस्टुला (भगंदर) के इलाज में लाभकारी है पतंजलि अर्शकल्प वटी Patanjali Divya Arshkalp Vati helps in Treatment of Fistula

पतंजलि अर्शकल्प वटी एक आयुर्वेदिक औषधि है जो बवासीर और फिस्टुला जैसी गुदा संबंधी समस्याओं के लिए बहुत लाभकारी होती है। बवासीर और फिस्टुला के कारण होने वाली सूजन, दर्द और संक्रमण को कम करने में मदद करती हैं।

पतंजलि अर्शकल्प वटी के फिस्टुला के इलाज में कुछ प्रमुख लाभ निम्नलिखित हैं:-
  • फिस्टुला के कारण होने वाली सूजन और दर्द को कम करती है।
  • फिस्टुला से निकलने वाले मवाद को सूखने में मदद करती है।
  • फिस्टुला के कारण होने वाले संक्रमण को रोकने में मदद करती है।
  • फिस्टुला के इलाज के लिए सर्जरी की आवश्यकता को कम करती है।
फिस्टुला (भगंदर) एक गंभीर बीमारी है जो शौच के दौरान तेज जलन और दर्द का कारण बन सकती है। फिस्टुला को घरेलू उपायों से पूरी तरह ठीक करना संभव नहीं है और अधिकांश मामलों में सर्जरी से ही इसका इलाज संभव होता है। पतंजलि अर्शकल्प वटी एक आयुर्वेदिक औषधि है जो फिस्टुला के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकती है। इसमें मौजूद जड़ी-बूटियाँ सूजन और जलन को कम करने में मदद करती हैं। अर्शकल्प वटी का सेवन करने से पहले किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह लेना हमेशा सबसे अच्छा होता है। फिस्टुला से पीड़ित लोगों को अपने खानपान पर भी ध्यान देने की आवश्यकता होती है। फाइबर से भरपूर आहार का सेवन करने से मल को नरम रखने में मदद मिलती है, जिससे शौच के दौरान दर्द कम होता है।
 

गैस और अपच को दूर करने में लाभकारी पतंजलि अर्शकल्प वटी Patanjali Divya Arshkalp Vati Benefits for Indigestion

अगर आपको अक्सर पेट में गैस बनने या पेट फूलने की समस्या होती है, तो पतंजलि अर्शकल्प वटी का सेवन आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। यह दवा पाचन तंत्र को मजबूत बनाती है और पेट की सूजन और जलन को कम करने में मदद करती है। अर्शकल्प वटी के नियमित सेवन से पेट से जुड़ी समस्याओं जैसे कि गैस बनना, पेट फूलना, अपच आदि से राहत मिलती है। गैस और अपच की समस्या आजकल बहुत आम है। यह समस्या खान-पान में गड़बड़ी, तनाव या अन्य कारणों से हो सकती है। गैस और अपच होने पर पेट में सूजन, दर्द और अन्य परेशानियां हो सकती हैं। पतंजलि अर्शकल्प वटी एक आयुर्वेदिक औषधि है जो गैस और अपच की समस्या के लिए बहुत लाभकारी होती है। पाचन तंत्र को मजबूत बनाती हैं और गैस और अपच को दूर करने में मदद करती हैं।
 

पतंजलि अर्शकल्प वटी की खुराक/सेवन विधि How to Take Patanjali Divya Arshkalp Vati in Hindi

मतौर पर पतंजलि दिव्य अर्शकल्प वटी का सेवन रात में खाना खाने के बाद करने की सलाह दी जाती है। यह इसलिए है क्योंकि यह वटी पाचन तंत्र को मजबूत बनाने और मल को नरम करने में मदद करती है। इससे शौच के दौरान दर्द और जलन कम होती है।

हालांकि, यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि हर किसी के लिए पतंजलि दिव्य अर्शकल्प वटी की खुराक अलग-अलग हो सकती है। इसलिए, बेहतर होगा कि आप पहले किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक के पास जाकर पाइल्स की जांच करवाएं और फिर चिकित्सक द्वारा बताई गई खुराक के अनुसार नियमित रूप से पतंजलि दिव्य अर्शकल्प वटी का सेवन करें। यहाँ कुछ अतिरिक्त सुझाव दिए गए हैं जो आपको बवासीर से राहत पाने में मदद कर सकते हैं:
  • फाइबर से भरपूर आहार लें।
  • पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं।
  • नियमित रूप से व्यायाम करें।
  • तनाव से बचें।

पतंजलि अर्शकल्प वटी के साइड इफेक्ट Patanjali Arshkalp Vati Side Effects in Hindi

आमतौर पर चिकित्सक द्वारा बताई गई खुराक के अनुसार पतंजलि अर्शकल्प वटी का सेवन करने पर कोई साइड इफेक्ट नहीं देखा गया है। हालांकि, कुछ मामलों में, पतंजलि अर्शकल्प वटी के कुछ संभावित साइड इफेक्ट हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
  • पेट में दर्द
  • दस्त
  • कब्ज
  • पेट फूलना
  • उल्टी
  • सिरदर्द
इन साइड इफेक्ट्स आमतौर पर हल्के होते हैं और कुछ दिनों के भीतर अपने आप ठीक हो जाते हैं। यदि आपको कोई गंभीर साइड इफेक्ट दिखाई देता है, तो तुरंत अपने चिकित्सक से परामर्श करें। यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि पतंजलि अर्शकल्प वटी एक आयुर्वेदिक दवा है, और यह अन्य दवाओं के साथ प्रतिक्रिया कर सकती है। इसलिए, यदि आप किसी अन्य दवा का सेवन कर रहे हैं, तो पतंजलि अर्शकल्प वटी का सेवन करने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श करना हमेशा सबसे अच्छा होता है। यहाँ कुछ अतिरिक्त सुझाव दिए गए हैं जो आपको पतंजलि अर्शकल्प वटी के संभावित साइड इफेक्ट्स से बचाने में मदद कर सकते हैं:
  • चिकित्सक द्वारा बताई गई खुराक का पालन करें।
  • पतंजलि अर्शकल्प वटी का सेवन करने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श करें यदि आप किसी अन्य दवा का सेवन कर रहे हैं।
  • यदि आपको कोई साइड इफेक्ट दिखाई देता है, तो तुरंत अपने चिकित्सक से परामर्श करें।

पतंजलि अर्शकल्प वटी की कीमत और पैक साइज़ Patanjali Divya Arshkalp Vati Price and Pack Size in Hindi

पतंजलि आयुर्वेद की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, पतंजलि अर्शकल्प वटी के 40 टैबलेट वाले पैक की कीमत 45 रुपए है। समय के साथ प्रोडक्ट के पैक साइज़ और कीमत में बदलाव हो सकता है। अगर आप Tata 1mg से पतंजलि अर्शकल्प वटी ऑनलाइन ऑर्डर करना चाहते हैं, तो आप निम्नलिखित चरणों का पालन कर सकते हैं:
  • Tata 1mg की वेबसाइट पर जाएं।
  • "पतंजलि अर्शकल्प वटी" खोजें।
  • परिणामों से "पतंजलि दिव्य अर्शकल्प वटी" चुनें।
  • "ऑर्डर करें" पर क्लिक करें।
  • अपने ऑर्डर की जानकारी भरें और भुगतान करें।
आप पतंजलि अर्शकल्प वटी को अन्य ऑनलाइन और ऑफलाइन स्टोरों से भी खरीद सकते हैं।

पतंजलि अर्शकल्प वटी से जुड़े प्रश्न और उत्तर FAQ Related to Patanjali Divya Arshkalp Vati in Hindi

क्या हम पतंजलि दिव्य अर्शकल्प वटी को रोज ले सकते हैं?

हाँ, पतंजलि दिव्य अर्शकल्प वटी को रोज लिया जा सकता है। इसका उपयोग चिकित्सक के द्वारा बताये गये निर्देश के अनुसार करना बेहतर होता है।  यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि हर किसी के लिए पतंजलि दिव्य अर्शकल्प वटी की खुराक अलग-अलग हो सकती है। इसलिए, बेहतर होगा कि आप पहले किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक के पास जाकर बवासीर की जांच करवाएं और फिर चिकित्सक द्वारा बताई गई खुराक के अनुसार नियमित रूप से पतंजलि दिव्य अर्शकल्प वटी का सेवन करें।
 

दिव्य अर्शकल्प वटी की तासीर क्या है?

पतंजलि दिव्य अर्शकल्प वटी ऐसी आयुर्वेदिक औषधि है जिसे कई तरह की जड़ी-बूटियों का उपयोग किया जाता है और इन जड़ी-बूटियों की तासीर भिन्न होती है इसलिए सामूहिक रूप से इसकी तासीर भी एक जैसी नहीं होती है.

पतंजलि अर्शकल्प वटी कैसे काम करती है?

कब्ज को दूर करती है: पतंजलि अर्शकल्प वटी में मौजूद जड़ी-बूटियां कब्ज को दूर करने में मदद करती हैं। कब्ज बवासीर का मुख्य कारण है। कब्ज होने पर मल कठोर हो जाता है और इसे पास करना मुश्किल हो जाता है। इससे गुदा में सूजन और दर्द हो सकता है।
पाचन शक्ति को बढ़ाती है: पतंजलि अर्शकल्प वटी में मौजूद जड़ी-बूटियां पाचन शक्ति को बढ़ाने में मदद करती हैं। इससे भोजन का पाचन ठीक से होता है और मल नरम हो जाता है। इससे गुदा में सूजन और दर्द कम होता है।
सूजन को कम करती है: पतंजलि अर्शकल्प वटी में मौजूद जड़ी-बूटियां सूजन को कम करने में मदद करती हैं। इससे बवासीर के मस्से सिकुड़ जाते हैं और दर्द कम होता है।
दर्द को कम करती है: पतंजलि अर्शकल्प वटी में मौजूद जड़ी-बूटियां दर्द को कम करने में मदद करती हैं। इससे बवासीर के कारण होने वाला दर्द कम होता है।
 

भगंदर में दिव्य अर्शकल्प वटी के फायदे Benefits of arshkalp vati in fistula in Hindi

भगंदर के दौरान अर्शकल्प वटी का इस्तेमाल करने के कई फायदे होते हैं। अर्शकल्प वटी एक आयुर्वेदिक औषधि है जो बवासीर और फिस्टुला के इलाज के लिए उपयोग की जाती है। यह औषधि कब्ज को दूर करने में मदद करती है, जो बवासीर और फिस्टुला के प्रमुख कारणों में से एक है। इसके अलावा, अर्शकल्प वटी में मौजूद जड़ी-बूटियाँ सूजन और जलन को कम करने में मदद करती हैं।

भगंदर के दौरान अर्शकल्प वटी के कुछ विशिष्ट फायदे निम्नलिखित हैं:
  • यह दर्द, जलन और चुभन को कम करने में मदद करता है।
  • यह मल को नरम करने में मदद करता है, जिससे शौच के दौरान दर्द और जलन कम होती है।
  • यह फिस्टुला को ठीक करने में मदद करता है।
  • यह फिस्टुला को दोबारा होने से रोकता है।
  • यह कोई साइड-इफेक्ट्स नहीं करता है।
  • यह पाचन तंत्र को मजबूत करता है।
  • यह भूख बढ़ाने में मदद करता है।

पतंजलि दिव्य अर्शकल्प वटी के घटक Ingredients Used in Patanjali Divya Arshkalp Vati

पतंजलि अर्शकल्प वटी में दिए गए उपयोग किए गए प्राकृतिक जड़ी-बूटियों और अर्क की सूची का उपयोग बवासीर (पाइल्स) और गुदा स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं के इलाज में किया जाता है। यहां पतंजलि दिव्य अर्शकल्प वटी की सामग्रियों की सूची है:

पाउडर के रूप में पतंजलि दिव्य अर्शकल्प वटी के घटक
  1. रसौत शुद्ध (Berberis aristata): रसौत शुद्ध का उपयोग पेट की सफाई के लिए किया जाता है और बवासीर में राहत प्रदान करने में मदद कर सकता है.
  2. छोटी हरड़ (Terminalia chebula): छोटी हरड़ का उपयोग पेट स्वास्थ्य और पाचन के लिए किया जाता है.
  3. बकायन (Melia azedarach): बकायन को पेट की सफाई के लिए और बवासीर के दर्द को कम करने के लिए प्रयोग में लाया जाता है.
  4. निमोली (Azadirachta indica): नीम का उपयोग और स्वास्थ्य और ब्लीडिंग को रोकने में किया जाता है.
  5. रीठा (Sapindus mukorossi): रीठा को त्वचा संबंधित समस्याओं के इलाज में और पेट की सफाई के लिए प्रयोग में लाया जाता है.
  6. देसी कपूर (Cinnamomum camphora): कपूर का उपयोग त्वचा और पेट संबंधित समस्याओं के इलाज में किया जाता है.
  7. खूनखराबा (Daemonorops draco): खूनखराबा का उपयोग ब्लीडिंग को रोकने के लिए किया जाता है.
अर्क के रूप में पतंजलि दिव्य अर्शकल्प वटी के घटक
  1. मकोय (Solanum nigrum): मकोय का उपयोग गुदा स्वास्थ्य में सुधार करने में किया जाता है.
  2. घृतकुमारी (Aloe barbadensis): घृतकुमारी का उपयोग त्वचा संबंधित समस्याओं के इलाज में किया जाता है.
  3. नागदोन (Artemisia vulgaris): नागदोन का उपयोग पेट की सफाई और पाचन के लिए किया जाता है.

बवासीर से बचाव कैसे करें ? How to prevent piles?

फाइबर से भरपूर आहार लें।

फाइबर मल को नरम करने में मदद करता है, जिससे शौच आसान हो जाता है। शौच के दौरान कम दबाव पड़ता है, जिससे बवासीर के जोखिम को कम करने में मदद मिलती है। फाइबर से भरपूर खाद्य पदार्थों में शामिल हैं:
  • फल: सेब, केला, संतरा, अंगूर, पपीता, अमरूद, नाशपाती, अनार, जामुन, बेरीज़, अंजीर, खजूर, आदि।
  • सब्जियां: ब्रोकली, पालक, गाजर, मूली, खीरा, टमाटर, करेला, लौकी, बैंगन, भिंडी, चौलाई, मटर, आदि।
  • साबुत अनाज: गेहूं, जौ, बाजरा, रागी, मूंग, चना, आदि।
फाइबर से भरपूर आहार लेने के लिए, आप अपने आहार में इन खाद्य पदार्थों को शामिल कर सकते हैं:

  • हर भोजन में कम से कम एक फल या सब्जी शामिल करें।
  • नाश्ते में ओट्स या दलिया खाएं।
  • शाम के खाने में साबुत अनाज से बनी रोटी या पराठे खाएं।
  • स्नैक के रूप में फल, सब्जियां, या नट्स खाएं।

पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं।

पानी शरीर में पानी की कमी को रोकने में मदद करता है, जिससे मल नरम रहता है। दिन भर में कम से कम 8 गिलास पानी पिएं।

नियमित रूप से व्यायाम करें।

व्यायाम पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करता है और कब्ज को रोकता है। सप्ताह में कम से कम 150 मिनट मध्यम-तीव्रता वाला व्यायाम या 75 मिनट अधिक तीव्रता वाला व्यायाम करें।

तनाव से बचें।

तनाव कब्ज का एक आम कारण है। तनाव को कम करने के लिए योग, ध्यान या अन्य विश्राम तकनीकों का प्रयास करें।

भारी वजन उठाने से बचें।

भारी वजन उठाने से पेट पर दबाव पड़ सकता है और बवासीर का कारण बन सकता है। यदि आपको भारी वजन उठाने की आवश्यकता हो, तो इसे ठीक से उठाने के लिए सही तकनीक का उपयोग करें।

नियमित रूप से शौच जाएं।

जब आपको शौच आने की इच्छा हो, तो तुरंत शौच जाएं। देर से शौच करने से कब्ज हो सकता है और बवासीर का जोखिम बढ़ सकता है।

अपने गुदा क्षेत्र को साफ और सूखा रखें।

शौच के बाद अपने गुदा क्षेत्र को साफ और सूखा रखना महत्वपूर्ण है। टिश्यू या एक साफ तौलिये का उपयोग करके गुदा क्षेत्र को साफ करें। नहाने के बाद भी गुदा क्षेत्र को साफ करना न भूलें।

गुदा क्षेत्र पर तंग कपड़े न पहनें।

तंग कपड़े गुदा क्षेत्र पर दबाव डाल सकते हैं और बवासीर के लक्षणों को बढ़ा सकते हैं। आरामदायक और ढीले कपड़े पहनें।

यदि आपको बवासीर के कोई लक्षण दिखाई देते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें। बवासीर के लक्षणों में दर्द, जलन, खुजली और रक्तस्राव शामिल हैं। यदि आपको ये लक्षण दिखाई देते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें। डॉक्टर बवासीर के इलाज के लिए दवा या सर्जरी की सलाह दे सकते हैं। इन घरेलू उपायों का पालन करने से आप बवासीर के जोखिम को कम कर सकते हैं और यदि आपको बवासीर हो जाए तो उसके लक्षणों को कम कर सकते हैं।

पतंजली अर्शकल्प वटी के घटक Patanjali Arshkalp Vati Ingredients

रसोंत, हरीतिका, निम्ब, बकायन, काकमाची, धृतकुमारी, रीठा आदि। अर्शकल्प वती का निर्माण कई कंपनियों के द्वारा किया जाता है। कंपनी के अनुसार इसके घटक पृथक हो सकते हैं।

About Patanjali Ayurveda Arshkalp Vati पतंजलि आयुर्वेदा की दिव्य अर्शकल्प वटी

पतंजलि अर्शकल्प वटी एक गुणकारी ओषधि है, इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए पतंजलि की ऑफिसियल वेबसाइट पर विजिट करें। 

https://www.patanjaliayurved.net/product/ayurvedic-medicine/vati/arshkalp-vati/15

Arshkalp Vati is a time-tested medicine for piles, haemorrhoids and fistula. It is made from a combination of herbal extracts that have the capacity to heal inflammations and soothe pain and discomfort. Arshkalp Vati also has laxative properties that induce peristaltic movements thus making evacuating of bowels pain-free. It improves digestion, reduces gas formation and discomfort. Don't let constipation and piles hold you back from enjoying life. Take ArshkalpVati for soothing and enduring recovery with Ayurvedic therapy.
अर्शकल्प वटी के घटक के बारे में : यहाँ हम कुछ घटक के बारे में जानेंगे की उनके गुण धर्म क्या हैं। 

रसोत : रसोंत, रसोत या फिर रसोता तीखे और पीले रंग का होता है। यह घाव को भरने में मदद करता है, मवाद को पकाता है और सूजन कम करने में मदद करता है। इससे मस्से ठीक होते हैं।

हरीतिका : हरड को हरीतकी भी के नाम से भी जाना जाता है। हरीतिकी के पेड़ से प्राप्‍त सूखे फल है जिन्‍हें हरड़ कहा जाता है। हरीतकी (Haritaki) का वानस्पतिक या वैज्ञानिक नाम टर्मिनालिया केबुला (Terminalia chebula) है। इसके अन्य नाम हैं हरड, कदुक्‍कई, कराकाकाया, कदुक्‍का पोडी, हर्रा और आयुर्वेद में इसे कायस्था, प्राणदा, अमृता, मेध्या, विजया आदि नामों से भी जाना जाता है। आयुर्वेद में इसे अत्यंत ही लाभकारी माना जाता है। पेट से सबंधित व्याधियों जैसे की अपच, पाचन शक्ति का दुर्बल होना, बवासीर होना दस्त आदि में इसका उपयोग असरदायक होता है। हरड विटामिन C का एक अच्छा स्रोत होता है। चरक सहिता में हरड के गुणों के बारे में उल्लेख मिलता है। पतंजली अर्शकल्प वटी के फायदे 
 
Patanjali Arshkalp Vati Ke Fayde Benefits of Patanjali Arshkalp Vati
Arshkalp Vati is an Ayurvedic medicine used for the treatment of hemorrhoids or piles. It is made up of several medicinal herbs that are believed to have therapeutic properties to help alleviate the symptoms of hemorrhoids. The primary ingredients of Arshkalp Vati include:
  1. Triphala (Emblica Officinalis, Terminalia Chebula, and Terminalia Bellirica): These three fruits are commonly used in Ayurvedic medicine and are believed to have antioxidant, anti-inflammatory, and laxative properties.
  2. Nagkesar (Mesua Ferrea): It is an astringent herb that is used in Ayurvedic medicine to treat bleeding disorders.
  3. Bakayan (Melia Azadirachta): This herb is believed to have anti-inflammatory and antibacterial properties, and is commonly used to treat skin disorders and gastrointestinal problems.
  4. Rasont (Extract of Berberis Aristata): It is an anti-inflammatory herb that is commonly used to treat skin disorders, joint pain, and respiratory infections.
  5. Karpura (Camphor): It has a cooling effect on the body and is commonly used to treat pain, inflammation, and skin disorders.
  6. Haritaki (Terminalia Chebula): It is a laxative herb that is commonly used to treat constipation and digestive disorders.
  7. Indrayan Mool (Citrullus Colocynthis): This herb is believed to have laxative, anti-inflammatory, and analgesic properties.The ingredients in Arshkalp Vati work together to reduce the swelling, inflammation, and pain associated with hemorrhoids, improve digestion, and regulate bowel movements. However, it is important to consult with a qualified Ayurvedic practitioner before taking Arshkalp Vati or any other Ayurvedic medicine, as they can help to determine the most appropriate dosage and treatment plan for your specific needs.
बवासीर, जिसे पाइल्स भी कहते हैं, इस विकार में मलाशय और गुदा में सूजन, घाव, और दर्द रहता है। यह दर्द बहुत तेज होता है और रक्तस्त्राव के साथ भी हो सकता है। यहाँ कुछ घरेलू उपचार दिए गए हैं जो बवासीर विकार को दूर करने में सहायक होते हैं :-
  1. गुदा मार्ग को क्षेत्र को साफ रखें: गुदा क्षेत्र को गर्म पानी और बिना सुगंध वाले माइल्ड साबुन से धीरे से साफ करें। गीले पोंछे या सुगंधित उत्पादों का उपयोग न करें क्योंकि विकार के लक्षणों को और अधिक बढ़ा सकते हैं।
  2. गुनगुने पानी से स्नान करें: 15 से 20 मिनट के लिए गुनगुने पानी में स्नान करे और गुदा मार्ग को भी साफ़ करें इससे राहत मिल सकती है और सूजन कम हो सकती है।
  3. आइस पैक लगाएं: प्रभावित क्षेत्र पर दिन में कई बार 10 से 15 मिनट के लिए आइस पैक लगाने से सूजन कम करने और राहत प्रदान करने में मदद मिल सकती है।
  4. विच हेज़ल का प्रयोग करें: विच हेज़ल प्राकृतिक है जो खुजली, दर्द और सूजन से छुटकारा पाने में मदद कर सकता है। इसे कॉटन बॉल से प्रभावित जगह पर लगाएं।
  5. ओवर-द-काउंटर उपचार आज़माएं: क्रीम, मलहम और सपोसिटरी जैसे कई ओवर-द-काउंटर उपचार उपलब्ध हैं, जो सूजन को कम करने और राहत प्रदान करने में मदद कर सकते हैं।
  6. फाइबर का सेवन बढ़ाएँ: फाइबर से भरपूर आहार खाने से कब्ज को रोकने और मल त्याग को आसान बनाने में मदद मिल सकती है, जिससे बवासीर का खतरा कम हो सकता है।
  7. हाइड्रेटेड रहें: खूब पानी और अन्य तरल पदार्थ पीने से मल को नरम रखने और कब्ज को रोकने में मदद मिल सकती है।
  8. नियमित रूप से व्यायाम करें: नियमित रूप से व्यायाम करने से आंत की कार्यक्षमता में सुधार होता है और बवासीर के जोखिम को कम करने में मदद मिलती है।
बवासीर, जिसे पाइल्स के नाम से भी जाना जाता है, का आयुर्वेदिक उपचार से इलाज किया जा सकता है। यहाँ बवासीर के कुछ आयुर्वेदिक उपचार दिए गए हैं:
  1. त्रिफला चूर्ण का सेवन करें: त्रिफला तीन फलों का एक मिश्रण है जिसमें प्राकृतिक रेचक गुण होते हैं। यह मल त्याग को आसान बना देते हैं और कब्ज को रोकने में मदद कर सकता है, जो बवासीर को बढ़ा सकता है। अतः कब्ज को रोकने के लिए आप त्रिफला चूर्ण का उपयोग कर सकते हैं।
  2. एलोवेरा (ग्वार पाठा): एलोवेरा में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो गुदा मार्ग में सूजन और दर्द को कम करने में मदद कर सकते हैं। बावासीर के लक्षणों से राहत पाने के लिए प्रभावित जगह पर ताजा एलोवेरा जेल लगाएं।
  3. मूली: मूली का रस पाचन में सुधार और कब्ज दूर करने में मदद कर सकता है, जो बावासीर के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है। इसके फायदे पाने के लिए आप मूली का जूस पी सकते हैं या फिर कच्ची मूली खा सकते हैं।
  4. नारियल का तेल: नारियल के तेल में सूजन-रोधी गुण होते हैं और यह प्रभावित क्षेत्र में दर्द और खुजली को कम करने में मदद कर सकता है। बवासीर के लक्षणों से राहत पाने के लिए प्रभावित जगह पर नारियल का तेल लगाएं।
  5. त्रिकटु चूर्ण: त्रिकटु तीन जड़ी बूटियों - अदरक, काली मिर्च, और काली मिर्च का एक मिश्रण होता है जो पाचन में सुधार करने और कब्ज के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है, जो बवासीर को बढ़ा सकता है।
  6. छाछ: छाछ पीने से पाचन में सुधार और कब्ज के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है, जिससे बावासीर को रोकने में मदद मिल सकती है। अतिरिक्त लाभ के लिए आप छाछ में थोड़ा भुना जीरा पाउडर और काला नमक मिला सकते हैं।

भगंदर में दिव्य अर्शकल्प वटी का इस्तेमाल कब नहीं करना चाहिए ?

भगंदर के दौरान अर्शकल्प वटी का इस्तेमाल करने से पहले कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए। यदि आप नीचे दी गई परिस्थितियों में से किसी एक से गुजर रहे हैं, तो अर्शकल्प वटी का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए:

  • सर्जरी से 2 सप्ताह पहले
  • 12 वर्ष से कम आयु के बच्चे
  • क्रोहन रोग (chronic disease)
  • अतिसंवेदनशीलता (hypersensitivity)
  • शिशुओं को न दें
  • गर्भावस्था के दौरान
  • बड़ी आंत में सूजन होने पर
अर्शकल्प वटी एक आयुर्वेदिक औषधि है, लेकिन यह हर किसी के लिए उपयुक्त नहीं हो सकती है। यदि आप इनमें से किसी भी स्थिति से गुजर रहे हैं, तो कृपया किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श लें।
 

पतंजली अर्शकल्प वटी के फायदे घटक सेवन विधि Patanjali Arshkalp Vati Ke Fayde

आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं
Disclaimer : इस जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है हालांकि इसकी नैतिक जि़म्मेदारी https://lyricspandits.blogspot.com की नहीं है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें। हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है।अस्वीकरण सबंधी विस्तार से सूचना के लिए यहाँ क्लिक करे। It is important to note that these Ayurvedic remedies should be used under the guidance of a qualified Ayurvedic practitioner, especially if you have severe bavasir or underlying health conditions.

7 टिप्पणियां

  1. Badi piles ke mahse Nikal aye hai unko jad se samavath karne ke liye Kiya upaye hai
  2. Muche.pandra.year.se.badi.bawaser.hai.krepya.upcharbatay.aur
    Kabg. Vi. Rahata. Hai
  3. Mei piles se pareshan hoo arshkalpvati khane se bhi fayeda nahi hota bahut dawai li koi fayeda nahi hua
  4. Iska pehowa m operation hota h .. Saraswati mission h name hospital ka ..ap google p search kro ..jad se khtm ho jaegi ... Mere father ko bhot dikkat thi ab thik h
  5. Bhai kitne dino me thik huya
  6. Mujhe bhi yehi fistula problam hay kareeb 8saalo se but maine abhi arshkalp vati lena suru kiya hun abh result toh 3mahine baad hi malum hoga
  7. Bhai fistula ka ilaz araskakapwati se kuch nahi hoga iska ekmatar upay hai aksarsutra se treatment kisi badiya doctor se karvao