पतंजलि अभ्रक भस्म फायदे उपयोग और सेवन Patanjali Abhrak Bhasm Benefits and Usage ( Composition)

पतंजलि अभ्रक भस्म फायदे उपयोग और सेवन Patanjali Abhrak Bhasm Benefits and Usage ( Composition)


अभ्रक के बारे में About Patanjali Abhrak Bhasma
 
अभ्रक (MICA) पहाड़ो में पाया जाने वाला एक बहुपयोगी खनिज है जो की कायांतरित चट्टानों में खंडो (ब्लॉक्स) के रूप में पाया जाता है। ज्यादातर आग्नेय चट्टानों में अभ्रक ज्यादा पाया जाता है। इसमें आयरन, पोटेशियम, सोडियम और लिथियम जैसे क्षारीय पदार्थ भी मिले रहते हैं। मुख्यतः यह कोयले की खदानों में पाया जाता है तथा राजस्थान के जयपुर से उदयपुर तक पहाड़ी क्षेत्रों में पाया जाता है। आयुर्वेद में इसे महा रस माना गया है (रस शास्त्र)। भस्म बनाने के लिए काले अभ्रक को श्रेष्ठ मान जाता है।

पतंजलि अभ्रक भस्म फायदे उपयोग और सेवन Patanjali Abhrak Bhasm Benefits and Usage ( Composition)


पतंजलि अभ्रक भस्म क्या होती है ? Patanjali Abhrak Bhasma Hindi

भस्म से अभिप्राय किसी भी ओषधिय गुणों वाले प्रदार्थ के केल्सिनेसन प्रक्रिया से प्राप्त प्राप्त उपयोगी तत्वों को प्राप्त करना होता है। आयुर्वेद के दीगर यूनानी चिकित्सा पद्धति में भी भस्म का महत्वपूर्ण स्थान रहा है। किसी भी धातु या प्रदार्थ (जेम) से भस्म प्राप्त करने के लिए पहले उसकी राख तैयार की जाती है। सर्वप्रथम सबंधित जेम या धातु की अशुद्धिया दूर की जाती है। इसके उपरांत भस्म बनायी जाती है जिसके कई चरण हो सकते हैं जैसे की शोधन, पाउडर बनाना, धवन, गलाना, हीटिंग आदि। मोटे रूप से समझने के लिए है की पहले किसी भी जेम और धातु को पीसा जाता है। भस्म की तासीर गर्म होती है वही पिष्टी कुछ सौम्य होती है। पिष्टी के लिए सबसे पहले सामग्री को डिटॉक्सिफिड किया जाता है जिसे शुद्धिकरण कहते हैं। इसके बाद इसे महीन पीसा जाता है और आखिर में इस महीन पीसे हुए दवा के चूर्ण को केवड़ा, गुलाब जल आदि में भिगोया जाता है और पुनः पीसा जाता है। किस प्रदार्थ को किस के साथ खरड़ किया जाता है यह दवा और उसके बनाने के तरीके के ऊपर निर्भर करता है। पिष्टी को अंगूठे और अंगुली के बीच रगड़ कर महसूस किया जाता है की ये मोटा ना हो और महीन पाउडर हो। दवा के प्रकार के अनुसार भावना बदल जाती है। पिष्टी, भष्म की तुलना में सौम्य होती है।


भस्म के विषय में एक बात पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है वह है की जब भी आप बाजार से भस्म ख़रीदे तो यह सुनिश्चित कर ले की उस भस्म / निर्माता के बारे में वैद्य की क्या राय है। यदि भष्म बनाने में थोड़ी सी भी लापरवाही की जाए तो इसके अन्दर मौजूद हैवी मेटल्स आपके गुर्दों पर भारी दबाव डाल सकते हैं और अधिकतम विपरीत परिस्थितियों में गुर्दे को स्थायी नुकसान भी पंहुचा सकते हैं। वर्तमान में अभ्रक भस्म आपको पतंजलि, बैद्यनाथ, श्री मोहता, डाबर आदि प्रतिष्ठित कंपनियों के द्वार निर्मित उपलब्ध हैं। इसलिए नीम हकीम से भस्म खरीदने के बजाय आप वैद्य की सलाह से अच्छे निर्माता की दवा को तवज्जो दे तो बेहतर रहेगा। अभ्रक खनिज से तैयार की गयी भस्म को अभ्रक भस्म कहा जाता है जिसके अपने कई लाभ होते हैं। अभ्रक भस्म को बनाने के लिए शुद्ध अभ्रक और कई प्रकार के रस का उपयोग किया जा सकता है। अभ्रक भस्म की अशुद्धियाँ दूर करने के लिए इसे शाश्त्र के अनुसार कई बार गोदुध, गो मूत्र आदि में बुझाया जाता है। इसके उपरांत इसे पीसकर अभ्रक भस्म बनती है जो एक दीगर विषय है। अभ्रक भस्म में लोहे की मात्र पायी जाती है इसके साथ कई प्रकार के मिनरल्स भी प्राप्त होते हैं।

पतंजलि अभ्रक भस्म से हमें क्या प्राप्त होता है

Patanjali Abhrak Bhasm Ke Fayade Benefits of Patanjali Abhrak Bhasma Hindi
रोग निदान के साथ हमें अभ्रक भस्म से प्रयाप्त मात्रा में पोटासियम, मैग्नीशियम, कैल्शियम, अल्युमिनियम, सिलिका, सोडियम, फास्फोरस, टाइटेनियम और आयरन की प्राप्ति होती है।

पतंजलि अभ्रक भस्म का उपयोग : अभ्रक भस्म का उपयोग कई रोगों के निदान के लिए किया जाता है। अग्निमाद्य , कफ रोग, उदर रोग, कुष्ठ, कृमि रोग, हृदय की कमजोरी, मरदाना कमजोरी, मस्तिष्क विकार, स्वाश, रक्त पित्त, यकृत रोग, मूत्रकच्छ, मूत्राघात , प्रमेह पाण्डु आदि रोगों के निदान के लिए इसका उपयोग किया जाता है।

पतंजलि अभ्रक भस्म के लाभ /फायदे

अभ्रक भस्म का उपयोग एकल और अन्य दवाओं के योग के साथ इस्तेमाल में लाया जाता है। अभ्रक भस्म निम्न रोगों में कारगर होती है या इसके निम्न लाभ होते हैं।
  • अभ्रक भस्म की ठंडी तासीर होने के कारन यह शरीर की दाह को शांत करती है और शरीर को ठंडा रखती है। शरीर में बढ़ चुकी उष्णता को समाप्त करने में यह एक श्रेष्ठ दवा होती है।
  • अभ्रक भस्म से हमारे शरीर में कैल्शियम और आयरन की कमी दूर होती है। इसके साथ ही कई मिनरल्स भी प्राप्त होते हैं। प्रचूर मात्रा में आयरन होने के कारन इसके सेवन से पंडू रोग के इलाज में भी लाभ मिलता है।
  • अभ्रक भस्म त्रिदोष को शांत और नियंत्रित करती है।
  • नसों की कमजोरी और उदर रोगों में भी इसके परिणाम सकारात्मक प्राप्त होते हैं।
  • पुरुषों की मरदाना कमजोरी को दूर करता है और नसों को दुरुस्त करता है। शीघ्रपतन और नपुंसकता के लिए भी इसका उपयोग किया जाता है। यह शरीर में धातु बढ़ाने का कार्य करती है।
  • शरीर में नयी स्फूर्ति का संचार करती है और कमजोरी को दूर करने के लिए भी इसका उपयोग किया जाता है।
  • यकृत एवं प्लीहा रोगों में भी इसका उपयोग लाभदायी होता है।
  • अभ्रक भस्म अपने योगवाही गुणों के कारन अन्य दवाओं के साथ भी योग पूर्वक लेने से इसका श्रेष्ठ लाभ मिलता है। इसके साथ मिले हुए प्रदार्थों का गुण बढ़ा देती है।
  • मानसिक दुर्बलता को दूर करती है। माइग्रेन, पुराने सरदर्द, चक्कर आना, मस्तिस्क रोगों के लिए उत्तम टोनिक का कार्य करता है।
  • पाचन तंत्र को मजबूत बनाती है। अन्य उदर रोगों में भी यह फायदेमंद होती है। इसके सेवन से भोजन में रूचि उत्पन्न होती है।
  • क्षय, प्रमेह, बवासीर, पथरी, मूत्राघात इत्यादि रोगों में यह लाभदायक होता है।
  • पुरानी खांसी, बलगम से पीड़ित व्यक्ति को अभ्रक भस्म के साथ पिपली चूर्ण दिया जाता है जिससे बलगम की समस्या से मुक्ति मिलती है।
  • इसके सेवन से शरीर के कृमी और अन्य संक्रमण को दूर किया जाता है।
  • अस्थमा रोग के लिए यह श्रेष्ठ दवा है।
  • बढती उम्र की प्रभावों को कम करती है।
  • यह भस्म शीतल, धातुवर्धक और त्रिदोष, विषविकार तथा कृमिदोष को नष्ट करनेवाला, देह को दृढ़ करने वाला तथा अपूर्व शक्तिदायक होता है।
  • तंत्रिका तंत्र के विकारो में लाभदायी होता है।
  • अभ्रक भस्म रोग प्रतिरोधक क्षमता का भी विकास करता है।
पतंजलि अभ्रक भस्म का सेवन एंव मात्रा : इसके सेवन की विधि और मात्रा आपके रोग और आपके शरीर की तासीर / उम्र के अनुसार भिन्न हो सकती है इसके लिए आप वैद्य से सम्पर्क करें, अपने मन से इसका सेवन नहीं करें। सामान्य रूप में १०० मिलीग्राम प्रतिदिन के हिसाब से इसे लिया जाता है। यह योगवाही होने के कारण इसके साथ अन्य दवाओ को इसके साथ में दिया जाता है जिससे अधिक लाभ प्राप्त होता है।

पतंजलि अभ्रक भस्म की तासीर :
अभ्रक भस्म की तासीर ठंडी होती हैं। इसकी ठंडी तासीर होने के कारन ही यह मरदाना कमजोरी को दूर करने के लिए उपयोग में लायी जाती है।
 
पतंजलि अभ्रक भस्म की प्राइस : पतंजलि अभ्रक भस्म के 5 ग्राम दवा का मूल्य २० रुपये हैं।

पतंजलि अभ्रक भस्म कहा से ख़रीदे :
पतंजलि अभ्रक भस्म को आप पतंजलि के स्टोर्स से खरीद सकते हैं। यदि आप इसे ऑनलाइन खरीदना चाहते हैं तो निचे दिए गए पतंजलि आयुर्वेद की अधिकृत वेबसाइट पर विजिट करें जहाँ से इसे आप ऑनलाइन खरीद पाएंगे।

https://www.patanjaliayurved.net/product/ayurvedic-medicine/bhasma/abhrak-bhasma/3
What Patanjali Says on Abhrak Bhashma :

Abhrak Bhasma is a traditional and highly effective Ayurvedic formulation that assures you relief from chronic and incessant cough and weakness. Constant inhalation of pollutants weakens your lungs and find its way into your bloodstreams. This causes untold harm to your health. AbhrakBhasma heals the damages of pollution on your lungs, boosts the respiratory system and strengthens your health. Take AbhrakBhasma to experience the best of Ayurvedic healing in your life. AbhrakBhasma is a traditional and highly effective Ayurvedic formulation that assures you relief from chronic and incessant cough and weakness. Constant inhalation of pollutants weakens your lungs and find its way into your bloodstreams. This causes untold harm to your health. AbhrakBhasma heals the damages of pollution on your lungs, boosts the respiratory system and strengthens your health. Take AbhrakBhasma to experience the best of Ayurvedic healing in your life.

The author of this blog, Saroj Jangir (Admin), is a distinguished expert in the field of Ayurvedic Granths. She has a diploma in Naturopathy and Yogic Sciences. This blog post, penned by me, shares insights based on ancient Ayurvedic texts such as Charak Samhita, Bhav Prakash Nighantu, and Ras Tantra Sar Samhita. Drawing from an in-depth study and knowledge of these scriptures, Saroj Jangir has presented Ayurvedic Knowledge and lifestyle recommendations in a simple and effective manner. Her aim is to guide readers towards a healthy life and to highlight the significance of natural remedies in Ayurveda.
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2 टिप्पणियां

  1. Bahut acchi jaankari dene ke liye dhanyvaad
  2. Kisi vaid ji ka name Or pata Or phone number likhe diya karo